दिवंगत राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी को भावभीनी श्रद्धांजलि
देहरादून(उद संवाददाता)। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी और राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी का निधन होने पर राज्य में शोक की लहर व्याप्त हो गई । बुधवार को सीएम धामी उन्हें श्रद्धांजलि देने उनके आवास पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित कीव परिजनों को ढांढस बंधाया। सीएम पुष्कर सिंह धामी वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी और राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी के निधन के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देने डोभालवाला स्थिति उनके आवास पर पहुंचे। सीएम धामी ने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्राी ने दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की। सीएम ने कहा कि पृथक उत्तराखण्ड के निर्माण में श्रीमती सुशीला बलूनी के योगदान को सदैव याद रखा जायेगा। सीएम धामी के साथ ही इस अवसर पर कैबिनेट मंत्राी गणेश जोशी ने भी सुशीला बलूनी को श्रद्धांजलि दी। उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन महारा सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने आज वरिष्ठतम राज्य आंदोलनकारी एवं पूर्व महिला आयोग अध्यक्ष, लाखों लोगों की प्रेरणा स्रोत स्वर्गीय सुशीला बलूनी जी के निधन पर उनके निवास पर उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे । इस मौके पर महारा ने दिवंगत राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी को भावभनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि बलूनी जी का जाना उत्तराखंड राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर बलूनी दीदी को अपने श्री चरणों में स्थान दे। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी और राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी का निधन मंगलवार शाम को हुआ। शाम को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद परिजन उन्हें मैक्स अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां पर उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल और वरिष्ठ राज्य आंदोलकारी रविंद्र जुगरान सहित कई गणमान्य लोगों ने उनके निधन पर शोक जताया है। सुशीला बलूनी ने अपनी सामाजिक एवं राजनीतिक यात्रा में एक बेहतरीन पारी खेली है। वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत ने दिवंगत राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी को श्रद्धांजलि देते हुए शोक संदेश में कहा कि श्रीमती सुशीला बलूनी, उत्तराखंड राज्य आंदोलन की शीर्षस्थ नेता, प्रेरणा स्रोत, एक अद्भुत समाज नेत्राी, वात्सल्य ममत्व से भरपूर व्यत्तिफत्व हम लोगों के बीच में नहीं रही, सुशीला जी आप आंदोलन की शत्तिफयों को ही नहीं विकास व सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी हमेशा याद आती रहेंगी। भगवान आपकी आत्मा को शांति दें और आपके कुटुंबीजनों को इस महान दुःख को सहने की शत्तिफ दें, मैं सभी आपके विशाल सामाजिक परिवार जिसमें राज्य आंदोलनकारी भी सम्मिलित हैं, उन सब तक अपनी संवेदनाएं प्रेषित करता हूं। बता दें कि वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी व महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुशीला बलूनी ;84 वर्षीयद्ध का निधन हो गया। मंगलवार शाम छह बजे घर पर अचानक तबीयत बिगड़ने पर परिजन उन्हें इलाज के लिए मैक्स अस्पताल ले गए थे। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी पिछले तीन साल से अस्वस्थ चल रही थीं। परिजनों के मुताबिक पिछले साल जुलाई में उन्हें हार्ट संबंधी समस्या के चलते स्टंट डला था। बलूनी के तीन पुत्रा विनय बलूनी, संजय बलूनी और विजय बलूनी और एक बेटी शशि बहुगुणा है। एडवोकेट सुशीला बलूनी 1980 के समय से हेमवती नंदन बहुगुणा के पौड़ी गढ़वाल लोक सभा चुनाव से राजनीति में सक्रिय रहीं और बहुगुणा के प्रबल समर्थकों में से थीं। वह उत्तराखंड क्रांति दल में भी लम्बे समय तक रहीं। उनकी उत्तराखंड पृथक राज्य निर्माण आंदोलन में अहम भूमिका रही। उन्होंने देहरादून मेयर का चुनाव भी लड़ा और त्रिकोणीय संघर्ष में बहुत अच्छे वोट हासिल किए, लेकिन चुनाव नहीं जीत पाईं। बाद में वह भाजपा में शामिल हो गई थीं। वह उत्तराखंड आंदोलनकारी सम्मान परिषद की अध्यक्ष और उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष भी रहीं। उनकी छवि एक जुझारू, संघर्षशील और ईमानदार महिला नेत्राी के रूप में रही। उन्हें उत्तराखंड में ताईजी के रूप में भी जाना जाता रहा है। मुख्यमंत्राी पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी सुशीला बलूनी के निधन पर दुख व्यत्तफ किया है। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति एवं शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की कामना की है। सीएम ने कहा, पृथक उत्तराखंड के निर्माण में सुशीला बलूनी के योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। कैबिनेट मंत्राी सतपाल महाराज ने भी उनके निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा, राज्य आंदोलन में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। शिक्षा मंत्राी डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि वह राज्य आंदोलन की सशत्तफ पक्षकार थीं, जो पृथक राज्य आंदोलन के दौरान कई बार जेल गईं।