चंदन राम दास की अंतिम विदाई में उमड़े लोग: राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुष्प चक्र अर्पित कर दी श्रद्धांजलि
बागेश्वर। कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास को अंतिम विदाई देने के लिए बागेश्वर में लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी समेत तमाम नेता उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे। वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी बागेश्वर पहुंचे हैं।उत्तराखण्ड के कैबिनेट मंत्री स्व. चंदन राम दास का आज बागेश्वर स्थित बागनाथ सरयू घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार से पूर्व उन्हें पुलिस जवानों द्वारा सलामी दी गई। मुख्यमंत्री श्री पु्ष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री श्री भगत सिंह कोश्यारी, कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल, श्रीमती रेखा आर्य, श्री प्रेम चंद अग्रवाल, श्री सौरभ बहुगुणा समेत विभिन्न राजनेताओं और अधिकारियों द्वारा पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि स्व. चंदन राम दास का आकस्मिक निधन संपूर्ण राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने ईश्वर से पुण्य आत्मा को श्री चरणों में स्थान देने एवं शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करने की प्रार्थना की है। बता दें कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास का बीते दिवस निधन हो गया। वह लम्बे समय से अस्वस्थ थे। उनके निधन पर प्रदेश में तीन दिवसीय राजकीय शोक घोषित किया गया है। उनके निधन से प्रदेश भर में शोक की लहर है। सीधे, सरल और अपने मजाकियां अंदाज के लिए पहचाने जाने वाले चंदन राम दास अपने कैबिनेट के सहयोगियों में काफी पसंद किए जाते थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का उनसे खास लगाव था। कई नए विधायकों और राजनेताओं के लिए वह राजनीति की एक प्रयोगशाला थे। वर्ष 2007 में पहला विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद उन्होंने 2012, 2017 और 2022 का चुनाव अपनी सियासी पकड़, कुशल चुनाव प्रबंधन और सीधे और सादगी भरे व्यक्तित्व के कारण जीता था। मंत्रिमंडल के अन्य साथी भी उनके लंबे राजनीतिक अनुभव से प्रभावित होकर उनसे मशविरा और मार्गदर्शन प्राप्त करते थे। दास के बाद उनका उत्तराधिकारी कौन होगा, इस पर लोगों की नजर टिक गई है। सबसे पहले नंबर दास की पत्नी पार्वती दास का हो सकता है। भाजपा दिवंगत नेताओं की पत्नियों को महत्व देती रही है। हालाकि बहुत कुछ पार्वती दास की इच्छा पर भी निर्भर रहेगा। बहरहाल दास का उत्तराधिकारी दास के ही परिवार से आने की संभावना जताई जा रही है। दास के पुत्र गौरव दास भी पिता की विरासत संभाल सकते हैं।