गोल्ड व्यवसाय में ऑनलाइन निवेश के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड गिरफ्तार

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देहरादून(उद संवाददाता)। निजी कंपनी में काम करने वाले दून के एक व्यत्तिफ़ से गोल्ड व्यवसाय में निवेश करने का झांसा देकर साइबर ठगों ने साढ़े 22 लाख रुपये ठग लिए। गिरोह के मास्टरमाइंड को उत्तराखंड पुलिस की एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने महाराष्ट्र से गिरफ्रतार किया है। गिरोह अपना पूरा नेटवर्क गोल्ड ट्रेडिंग एप के माध्यम से चलाता है। गिरोह के तार हांगकांग एवं सिंगापुर तक जुड़े होने की जानकारी मिली है। इसके लिए एसटीएफ जांच में जुटी है। एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल के अनुसार, दीपक कुमार निवासी बलबीर रोड ने शिकायत दी थी कि उन्हें दिसंबर 2021 को एक अज्ञात युवती का वाट्सएप मैसेज मिला था। युवती ने खुद को भारतीय कंपनी ‘फिनाहब प्राइवेट लिमिटेड’ का कर्मचारी बताया और आनलाइन माध्यम से गोल्ड व्यवसाय में निवेश कर बेहतर मुनाफे का झांसा दिया। दीपक के हामी भरते ही ठगों ने उन्हें घेरना शुरू कर दिया और 15 से 30 दिसंबर 2021 के बीच 22 लाख 48 हजार रुपये अपने विभिन्न खातों में ट्रांसफर करवा लिए। ठगों ने दीपक के फोन पर एक एप भी डाउनलोड करवाया, जिसमें निवेश के मुनाफे की जानकारी मिल रही थी। इसमें दीपक के खाते में मुनाफे समेत 84 लाख रुपये नजर आ रहे थे, लेकिन जब उन्होंने धनराशि निकालने की कोशिश की तो वह नहीं निकल पाई। कुछ दिन बाद उनका खाता ब्लाक कर दिया गया। जब उन्होंने आरोपितों से संपर्क करने की कोशिश की तो सभी के मोबाइल नंबर बंद आ रहे थे। इस मामले में दीपक कुमार ने 24 नवंबर 2022 को साइबर थाने में शिकायत दर्ज करवाई, जिसके आधार पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। मामले की जांच इंस्पेक्टर त्रिभुवन रौतेला को सौंपी गई। पुलिस ने जब ठगी में इस्तेमाल मोबाइल नंबर और खातों की जानकारी हासिल की तो पता चला कि सभी खाते लातूर, महाराष्ट्र के हैं। ऐसे में एक टीम को महाराष्ट्र भेजा गया। पुलिस टीम ने वेबसाइट निर्माता, बैंक खाता संचालक, हवाला परिचालन की जानकारी जुटाई तो उन्हें महाराष्ट्र के एक व्यत्तिफ़ के बारे में साक्ष्य हाथ लगे। इस पर शनिवार को इंस्पेक्टर त्रिभुवन रौतेला, एसआइ राहुल कापड़ी समेत टीम ने प्रवीन रामचंद्र निवासी लातूर, महाराष्ट्र को गिरफ्रतार कर लिया। आरोपित ठगी की रकम रखने के लिए बैंक खाता खोलने में अहम भूमिका निभाता था। आरोपित से एक मोबाइल, दो सिम, एक पेनकार्ड, एक आधार कार्ड बरामद हुआ। एसएसपी के अनुसार, गिरोह के सदस्य पहले आमजन के वाट्सएप नंबर पर मैसेज भेजते हैं। जिसमें वह गोल्ड में निवेश करने पर कई गुना अधिक मुनाफा अर्जित करने का झांसा देते हैं। जब कोई इनके जाल में फंस जाता है तो गिरोह के सदस्य उसके मोबाइल पर गोल्ड ट्रेडिंग एप डाउनलोड करवाते हैं। विश्वास जीतने के लिए ठग संबंधित व्यत्तिफ़ से पहले छोटा निवेश कराते हैं।उत्तफ़ एप के माध्यम से उसके खाते में निवेश के एवज में अच्छा मुनाफा दर्शाया जाता है। ठग व्यत्तिफ़ को वाट्सएप मैसेज भेजते हैं कि फिलहाल धनराशि नहीं निकाली जा सकती है। यदि धनराशि निकालनी है तो और निवेश करना होगा। ऐसे में वह फिर मुनाफे की रकम निकाने के चक्कर में और बड़ा निवेश कर देता है। रकम मिलने के बाद ठग अपने नंबर बंद कर देते हैं।एसटीएफ की जांच में पता चला है कि गिरफ्रतार किए गए आरोपित प्रवीन ने एक महीने में देश में अलग-अलग व्यत्तिफ़यों से करोड़ों रुपये ठगे हैं। ठग ने अपने गिरोह के सदस्यों के साथ मिलकर पांच करोड़ रुपये की राशि को ठिकाने लगाने में मदद की है। इस गिरोह के तार हांगकांग एवं सिंगापुर तक जुड़े हुए हैं। एसटीएफ गिरोह के बारे में और जानकारी जुटा रही है। एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने आमजन से अपील की है कि वह किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों, फर्जी वेबसाइट और धनराशि दोगुना करने व आनलाइन निवेश कराने वाले व्यत्तिफ़यों से सावधान रहें। किसी भी प्रकार का आनलाइन भुगतान करने से पूर्व वेबसाइट का पूर्ण वेरीफिकेशन स्थानीय बैंक, संबंधित कंपनी से भली भांति इसकी पड़ताल अवश्य करा लें। गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नंबर सर्च न करें। कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन से संपर्क करें। वित्तीय साइबर अपराध होने पर तुरंत 1930 नंबर पर संपर्क करें।

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