अक्षय तृतीया पर्व पर खुलेंगे गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट: यात्र मार्ग पर पेयजल, शौचालय, संचार, खाने-ठहरने की व्यवस्था
उत्तरकाशी । शनिवार 22 अप्रैल को अक्षय तृतीय के पावन पर्व पर गंगोत्री तथा यमुनोत्री धाम के कपाट खोलने के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। गंगा व यमुना के मंदिर को रंग रोगन से भव्य रूप से सजाया गया है। साथ ही शुक्रवार को मंदिरों को विभिन्न रंग बिरंगे फूलों से मंदिरों को सजाया जाएगा। गंगोत्री मंदिर 21 कुंतल फूलों से सजाया गया तो वहीं यमुनोत्री मंदिर की सजावट में 3 कुंतल फूलों से की गई है। गंगोत्री धाम में मंदिर समिति ने कपाट खोलने की तैयारी पूरी कर ली है। श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने कहा है कि मंदिर की सजावट के लिए फूल-पत्तियां गंगोत्री धाम पहुंची हैं। शुक्रवार को मंदिर को विभिन्न रंग बिरंगे फूलों से सजाया गया है। इस बार 21 कुंतल फूलों से सजाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अक्षय तृतीय के पर्व पर गंगोत्री धाम में विशेष पूजा अर्चना होगी। जिसके बाद दोपहर 12-35 बजे मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। वहीं यमुनोत्री धाम में इस बार यमुनोत्री मंदिर समिति ने यमुना मंदिर को रंग रोगन से सजा कर तैयार कर लिया है। तो मंदिर समिति तथा पंच पंडा समिति ने भी कपाट खोलने की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। यमुनोत्री मंदिर समित के सचिव सुरेश उनियाल ने बताया कि यमुनोत्री मंदिर को 3 कुंतल फूलों से सजाया गया है। अक्षय तृतीय के पर्व पर 22 अप्रैल को सुबह 8-25 बजे यमुना के मायके से शनिदेव की अगुआई में मां यमुना की डोली शीतकालीन निवास खरसाली से रवाना होगी तथा सुबह 11 बजे तक डोली यमुनोत्री धाम पहुंचेगी। जहां विधिवत पूजा अर्चना के साथ 12-41 बजे मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। जिसके बाद छह माह तक यमुना के दर्शन श्रद्धालु यमुनोत्री धाम में कर सकेंगे। 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर्व पर यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्र विधिवत शुरू हो जाएगी। हालांकि, यात्र अपने पूर्ण स्वरूप में 27 अप्रैल से आएगी, तब तक केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट भी खुल चुके होंगे। केदारनाथ के कपाट 25 अप्रैल और बदरीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को खोले जाने हैं। इस बार चारों धाम की व्यवस्था में कई बदलाव किए गए हैं। एक ओर जहां तीर्थयात्री स्लाट व्यवस्था के तहत दर्शन करेंगे, वहीं हर धाम में प्रति घंटा दर्शन करने वालों की संख्या भी नियत की गई है। यात्र मार्ग पर पेयजल, शौचालय, संचार, खाने-ठहरने की व्यवस्था भी है। वहीं उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्र के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए केंद्र सरकार से 315 करोड़ रुपये देने का अनुरोध किया है। इसमें श्रीनगर मेडिकल कालेज में सिटी व एमआरआई मशीनें लगाने के साथ ही चारधाम यात्र मार्ग के पीएचसी व सीएचसी को उच्चीकृत करने के प्रस्ताव शामिल हैं। यमुनोत्री धामः उत्तरकाशी जिले में समुद्रतल से 10,610 फीट की ऊंचाई पर स्थित यमुनोत्री चारधाम यात्र का पहला पड़ाव है।इस बार धाम में प्रतिदिन 5,500 तीर्थयात्री (प्रति घंटे 700) ही दर्शन करेंगे।छह किमी लंबे पैदल मार्ग पर प्रत्येक किमी में फर्स्ट मेडिकल रिस्पांडर टीम तैनात रहेगी।घोड़ा-खच्चर की बुकिंग प्रीपेड व्यवस्था से होगी।प्लास्टिक कचरे के उन्मूलन को धाम और यात्र पड़ावों पर क्यूआर कोड व्यवस्था लागू रहेगी।यात्र मार्ग पर जाम से निपटने को स्याना चट्टðी व राना चट्टðी के बीच गेट व्यवस्था की गई है।गंगोत्री धामःउत्तरकाशी जिले में समुद्रतल से 10,175 फीट की ऊंचाई पर स्थित गंगोत्री धाम में प्रतिदिन 9,000 तीर्थयात्री (प्रति घंटे 1100) दर्शन करेंगे।यात्रियों के पंजीकरण की जांच चिन्यालीसौड़- नगुण बैरियर और हीना में की जाएगी।प्लास्टिक कचरे के उन्मूलन को धाम और यात्र पड़ावों पर क्यूआर कोड व्यवस्था लागू रहेगी।यात्र मार्ग पर जाम से निपटने को धरासू बैंड व पुराना धरासू के बीच और गंगनानी व डबराणी के बीच गेट व्यवस्था लागू रहेगी।मंदिर समिति प्रतिदिन भंडारा आयोजित करती है।