फैक्ट्री से निकालने पर भड़के श्रमिक
रुद्रपुर। फैक्ट्री से 41 स्थाई मजदूरों को निकाले जाने के खिलाफ श्रमिकों ने फैक्ट्री गेट पर प्रदर्शन कर धरना दिया। बाद में मामले को लेकर श्रम कार्यालय में त्रिपक्षीय वार्ता हुयी। जानकारी के मुताबिक सिडकुल के सेक्टर 9 स्थित एसएमएजे ऑटो मोटिव कंपनी ने सभी स्थाई मजदूरों को बिना नोटिस गेट बंद कर निकाल दिया। जिससे श्रमिक भड़क गये। श्रमिकों ने कंपनी गेट पर प्रदर्शन करते हुए धरन शुरू कर दिया। मजदूरों के नेता प्रकाश चिलवाल ने बताया कि 1 अप्रैल को कंपनी ने अपना नाम बदला है। पहले कंपनी का नाम पीडीपीएल प्राइवेट लिमिटेड था। 1 अप्रैल से नाम बदलने के साथ ही स्थाई मजदूरों व सुपरवाइजर स्टाफ से इस्तीफे मांगे जाने लगे। सुपरवाइजारो ने इस्तीफे दे दिये जिन्हे पुनः काम पर रख लिया । जबकि मजदूरों ने इस्तीफे देने से मना कर दिया । कंपनी प्रबंधन मजदूरों से स्थाई पद से इस्तीफा दे कर ठेका प्रथा में काम करने का दबाव बना रहा है। जो कि गैर कानूनी है। साथ ही कंपनी के सभी स्थाई मजदूरों को काम से रोक कर प्लांट में ठेका मजदूरों से भारी मशीनें चलवाई जा रही है। कंपनी प्रबंधन ने नाम बदलने के साथ ही गैर कानूनी काम भी शुरू कर दिया है। जिससे मजदूरों का भारी उत्पीड़न हो रहा है। सिडकुल यूनियन मोर्चा के अध्यक्ष दिनेश तिवारी ने कहा कि नाम बदलने या मालिकाना बदलने से प्लांट के मजदूरों के कानूनी उत्तर दायित्व यथावत पूर्व की भांति बने रहते हैं। यूनियन ने प्रबंधन के अनुचित दबाव को लेबर ऑफिस में लिखित में सूचित किया है । जिस पर कानूनी वार्ताएं ए एल सी के टेबल पर चल भी रही है। फिर भी कानून को ठेंगे पर रखते हुए कंपनी मालिकान प्रबंधन मनमानी पर उतारू है। उन्होंने सभी स्थाई मजदूरों के जबरिया गेट बंदी करने को खत्म करने की पुरजोर मांग की। मामले को लेकर सिडकुल की यूनियंस के अध्यक्ष ने प्लांट के यूनियन नेताओं के साथ सहायक श्रम आयुक्त प्रशांत कुमार से मुलाकात की। जिस पर उन्होंने त्रिपक्षीय वार्ता बुलायी। वार्ता में सहायक श्रम आयुक्त ने कंपनी प्रबंधन को तत्काल स्थाई मजदूरों को कार्य बहाली के निर्देश दिये। वार्ता में ही ए एल सी ने कंपनी प्रबंधन को संबंधित पेपर पेश करने के लिए कहा और उसके बाद दुबारा वार्ता के लिए बुलाया।