सफेदपोशों पर भी घूम रही शक की सुई: अतीक और अशरफ के हत्यारों ने पूछताछ में कहा-अतीक गैंग का सफाया और नाम कमाने के लिए की हत्या

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प्रयागराज। हॉस्पिटल में जांच कराने के दौरान माफिया अतीक अहमद और अशरफ की गोली मारकर हत्या के बाद यूपी में अलर्ट हैं। मुख्यमंत्री हर दो घंटे की रिपोर्ट ले रहे हैं। मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 302, 307 के तहत एफआईआर दर्ज की है। आर्म्स एक्ट की धारा 3,7, 25,27 के तहत एफ आईआर दर्ज की गई है। अतीक और अशरफ को मारने वाले आरोपियों से पुलिस पूछताछ में जुटी है। आरोपियों ने पुलिस को कई चौंकाने वाली जानकारी दी हैं। आरोपियों का कहना है कि हम अतीक गैंग का सफाया करना चाहते थे। हम प्रदेश में अपना नाम कमाना चाहते हैं। दोनों को मारने के लिए हम पत्रकार बनकर आए थे। हम हत्या करके भाग नहीं पाए। पुलिस पूछताछ में तीनों हत्यारों का क्रिमिनल बैकग्राउंड सामने आया है। ये तीनों आरोपी यूपी के अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं। अतीक हत्याकांड में शामिल सनी हमीरपुर, अरुण उर्फ कालिया कासगंज और लवलेश तिवारी बांदा जिले का रहने वाला है। सनी सिंह हमीरपुर जिले के कुरारा कस्बे का रहने वाला है। वो कुरारा पुलिस थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ करीब 15 केस दर्ज हैं। उसके भाई पिंटू ने बताया कि वो बीते 10 साल से अपने घर नहीं आया है। सनी के पिता जगत सिंह और मां की मौत हो चुकी है। सनी के तीन भाई थे, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है और दूसरा भाई पिंटू घर पर रहता है और चाय की दुकान चलाता है। भाई ने बताया कि ये ऐसे ही घूमता-फिरता रहता था और फालतू के काम करता रहता था। हम उससे अलग रहते हैं, वो बचपन में ही घर से भाग गया था। अतीक-अशरफ हत्याकांड में कासगंज का अरुण उर्फ कालिया भी शामिल था। वो सोरों थाना क्षेत्र के बघेला पुख्ता का रहने वाला है। अरुण के पिता का नाम हीरालाल बताया जा रहा है। वो छह साल से बाहर रह रहा था। उसके माता-पिता की मौत करीब 15 पहले हो चुकी थी। अरुण ने जीआरपी थाने में तैनात पुलिसकर्मी की हत्या कर दी थी, जिसके बाद से ही वो फरार है। अरुण के दो छोटे भाई भी हैं जोकि फरीदाबाद में रहकर कबाडे का काम करते हैं। बांदा में लवलेश तिवारी के घर का पता चल गया है। वो शहर कोतवाली के क्योतरा इलाके का रहने वाला है। उसके पिता का कहना है कि बेटे से उसका कोई मतलब नहीं था। वह कभी -कभी ही घर आता-जाता था। लवलेश के खिलाफ चार केस हैं। इनमें पहले मामले में उसे एक महीने की सजा हुई थी। दूसरा मामला लड़की को थप्पड़ मारने का था, उसमें डेढ़ साल की जेल हुई थी।तीसरा मामला शराब से जुड़ा हुआ था, इसके अलावा एक और मामला है। अतीक और अशरफ की हत्या के बाद प्रयागराज में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को फील्ड में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। आम जनता को किसी प्रकार की परेशानी ना आए इसका ध्यान रखने को भी कहा गया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में शांति व्यवस्था बनी रहनी चाहिए। मुख्यमंत्री योगी ने जनता से अपील की है कि किसी भी अफवाह पर ध्यान ना दें। अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

प्रयागराज के होटल में रुके थे हत्यारे
प्रयागराज। हत्यारों से पूछताछ में पुलिस को अहम सुराग मिले हैं। हत्यारे यूपी के अलग-अलग जिलों से आए थे, इसलिए उन्होंने प्रयागराज में रुकने के लिए होटल लिया था। उन्होंने 48 घंटों से होटल में ठिकाना बनाया हुआ था, जिस होटल में वो रुके थे,वहां पुलिस अब छानबीन कर रही है। इसमें पता चला है कि एक हत्यारा वारदात को अंजाम देने के दौरान हैंगिंग बैग लेकर आया था। हत्यारों का सामान अब भी होटल में होने की संभावना है।अपराधियों ने अतीक और अशरफ की हत्या में जिगाना मेड पिस्टल का इस्तेमाल किया था। यह पिस्टल तुर्की में बनती है और गैरकानूनी तरीके से बॉर्डर क्रॉस कर इसे यहां लाया जाता है। भारत में इस पिस्टल पर बैन लगा हुआ है। इसकी कीमत करीब 6 से 7 लाख रुपये है।

अतीक पर दर्ज थे 102 आपराधिक मामले
प्रयागराज। अतीक पर हत्या,अपहरण,वसूली,हमला और जमीन कब्जा समेत 102 आपराधिक मामले दर्ज थे। चार दशक पहले महज 17 वर्ष की उम्र में हत्या सरीखी वारदात को अंजाम प्रयागराज में सनसनी मचाने वाले अतीक ने अपराध की दुनिया में कदम रखा तो वह आगे बढ़ता ही गया। एक के बाद एक हत्या, अपहरण, जमीन पर कब्जा, हत्या के प्रयास सरीखी सौ से अधिक वारदात को अंजाम देने वाले अतीक ने क्षेत्रीय दलों की सरकारों को अपनी अंगुलियों पर नचाया।

सफेदपोशों पर भी घूम रही शक की सुई
प्रयागराज। रिमांड पर लिए गए माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की सुरक्षा घेरे में हत्या की वारदात ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस दुस्साहसिक दोहरे हत्याकांड के पीछे शक की सूई रसूखदार सफेदपोशों की ओर घूमने लगी है। एक दिन पहले ही धूमनगंज थाने में पूछताछ में माफिया ने कई बिल्डरों और बड़े लोगों से अपने रिश्तों का खुलासा किया था। आशंका है कि राज खुलने के डर से माफिया और उसके भाई की जान ली जा सकती है। फिलहाल पुलिस इस पहलू पर पैनी नजर रखे हुए है। अतीक अहमद ने रिमांड के दौरान कई सनसनीखेज खुलासे किए और प्रयागराज समेत यूपी भर में अपनी काली कमाई के बल पर खड़े किए गए आर्थिक साम्राज्य में पार्टनर के तौर पर कई गणमान्यों के नाम गिनाए थे। यह वो नाम हैं जिन्होंने अतीक के काले धन को अपनी कंपनियों में लगाया है। ऐसी दो सौ से अधिक सेल कंपनियों के बारे में पता चला था। रियल एस्टेट कारोबार में अतीक की कमाई खपाने वालों के अलावा कई सफेदपेशों तक आंच आने लगी थी। बताया जाता है कि इस तरह के पचास से अधिक नामों का अतीक ने खुलासा किया था। अपराध की दुनिया में दखल रखने वाले माफिया के कई राजनीतिक दलों के नेताओं से भी रिश्ते रहे हैं। अतीक राजनीतिक दलों को साधने में भी बखूबी माहिर था। यही वजह थी कि दो दशकों तक उसकी अंगुलियों पर सरकारें नाचती रहीं और आला पुलिस का अधिकारी उसके सियासी रसूख के आगे घुटने टेकते रहे।

ओवेसी ने की योगी के इस्तीफे की मांग
नई दिल्ली। हत्याकाण्ड को लेकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि जो हत्या हुई है उसकी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की है। अगर उनमें संवैधानिक नैतिकता जिंदा है तो उनको अपने पद को छोड़ना पड़ेगा…। हम मांग करते है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री इस्तीफा दें, सुप्रीम कोर्ट इसमें एक जांच दल बनाए और इस मामले का स्वतः संज्ञान ले वरना यह चलता रहेगा। संविधान के मुताबिक उन सब पुलिस वालों को उनकी सर्विस से निकालना चाहिए। ओवैसी ने कहा कि मैं शुरू से कह रहा था कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार कानून के मुताबिक नहीं बल्कि बंदूक के दम पर चल रही है। हम लोग इसी बात को दोहरा रहे थे लेकिन सबको लगता था कि हम हवाई बातें कर रहे हैं। इससे लोगों में संविधान में विश्वास कम होगा। इस घटना की निंदा करने के लिए शब्द नहीं है। उधर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि देश भर में चर्चित इस अति-गंभीर व अति- चिन्तनीय घटना का माननीय सुप्रीम कोर्ट अगर स्वंय ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो बेहतर। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि हत्याकाण्ड यूपी सरकार की कानून- व्यवस्था व उसकी कार्यप्रणाली पर अनेकों गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े करती है।

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