खनन से झुक गया मां कालिका मंदिर ,स्कूल व आवासीय मकानों को खतरा
खनन रोकने के लिए प्रशासनिक इकाई जिम्मेदार या ऊंची पहुंच का प्रभाव खनन पर भारी
बागेश्वर। कांडा में शंकराचार्य द्वारा स्थापित मां कालिका मंदिर को बचाने के लिए डीएम अनुराधा पाल द्वारा खनन रोकने को खान मालिक को दिए आदेश का अब तक पालन नहीं हुआ है। बुधवार को भी खान मालिक खान से खनन करता रहा। वहीं मां काली मंदिर समेत कई आवासीय मकानों को भी खतरा बना हुआ है। क्षेत्र में स्कूल व आवासीय मकानों व जिपं के विश्राम गृह के समीप बड़ी बड़ी दरारें आने से क्षेत्र की जनता को जोशीमठ जैसी आपदा आने का भय होने लगा है।
गत कुछ माह से कांडा के कालिका मंदिर में दरार आने व मां के शक्ति के खिसकने के बाद से क्षेत्र में दहशत होनी प्रारंभ हो गई थी। जब प्रशासन से अनुरोध किया तो किसी ने ध्यान नहीं दिया जिस पर सीएम हेल्प लाइन पर ग्रामीणों ने फोन किया तो प्रशासन चेता तथा जिलाधिकारी अनुराधा पाल ने मौके का निरीक्षण किया तो कई ग्रामीणों ने इसकी शिकायत की। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने तुरंत प्रभाव से मीडिया को दिए साक्षात्कार में तुरंत खान में जेसीबी के प्रयोग पर रोक लगाने की बात कही व उपजिलाधिकारी को आदेश दिए। परंतु इसका असर अब तक खान क्षेत्र में नहीं दिख रहा है तथा जेसीबी व पोकलैंड के माध्यम से खनन जारी है। जिलाधिकारी के आदेश के बाद भी खान मालिक द्वारा किए जा रहे खनन के बाद ग्रामीणों समेत मंदिर समिति ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि जिलाधिकारी के आदेश के बाद भी खनन करने से साफ हो गया है कि प्रदेश सरकार के कार्यों की पोल खुल रही है।
हमारे धर्मस्थल बचा लो सरकार
बागेश्वर। शंकराचार्य द्वारा बनाए गए मां कालिका मंदिर समिति समेत ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार से अपील की है कि वे हमारे धर्मस्थल व सरस्वती मंदिर व पैतृक भूमि को बचा लें। कहा कि जिलाधिकारी के आदेश के बाद भी मशीन से खनन नहीं रूका है जबकि खान क्षेत्र अब तक बंद हो जानी चाहिए थी।मंदिर समिति के अध्यक्ष रघुवीर सिंह माजिला, पुजारी वीरेंद्र कांडपाल, समिति के सदस्य विजय कार्की, अर्जुन माजिला, भगवत नगरकोटी, प्रकाश कर्म्याल, नरेंद्र डसीला, प्रकाश नगरकोटी, गुडडू पांडे ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अवैध धर्मस्थलों को हटाने की कार्रवाई कर रहे हैं परंतु यहां शंकराचार्य द्वारा बनाए गए मां कालिका मंदिर समेत मां सरस्वती के मंदिर राबाइंका कांडा समेत कुछ निजी स्कूलों व कई आवासीय भवनों, गैस गोदाम को खतरा बना हुआ है परंतु प्रशासन इस पर भी गंभीर नहीं है।