चैती मेले में जुट रही हजारों की भीड़ बड़े खतरे का संकेत
काशीपुर। देश में एक बार फिर से कोरोना की दस्तक के बीच चैती मेले में जुट रही हजारों की भीड़ महामारी को लेकर बड़े खतरे का संकेत है। ज्ञातव्य है कि उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध चौती मेले के आरंभिक दौर में खराब मौसम की वजह से लगा कि मेला इस वर्ष खराब जाएगा लेकिन मौसम के साफ होते ही चौती मेले में श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ने लगी। उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध चौती मेले में इन दिनों हजारों की तादाद में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं लेकिन काबिले गौर यह है कि अधिकांश के चेहरे पर मास्क नहीं देखे जा रहे हैं और ना ही कहीं कोई सैनिटाइजर आदि के प्रयोग की व्यवस्था है। ऐसे में यदि महामारी ने लोगों को चपेट में लेना शुरू कर दिया तो अतिशयोक्ति नहीं होगा। ज्ञातव्य है कि वर्ष 2020-21 में विश्व भर के साथ ही भारत में भी महामारी का प्रकोप अत्यधिक होने के कारण ऐतिहासिक चौती मेला दो वर्ष लगातार प्रभावित रहा। कोरोना का प्रभाव खत्म होने के बाद वर्ष 2022 में मेला लगाया गया लेकिन महामारी के डर के कारण अपेक्षित भीड़ नहीं जुट सकी। प्रशासन ने इस वर्ष ऐतिहासिक चौती मेले के बेहतर इंतजाम किए तो महामारी ने तेजी से एक बार फिर से पांव पसारना शुरू कर दिया है ऐसे में चौती मेले में उमड़ रही हजारों की भीड़ बड़े खतरे का संकेत देती है। महामारी से बचाव के मेले में कहीं कोई इंतजाम दिखाई नहीं देते। चंपावत में इंटर की छात्रा की कोरोना से मौत का मामला भी प्रकाश में आया है। प्रदेश में 592 मिले। 439 ठीक हो चुके जबकि 6 की महामारी से अब तक मृत्यु हो चुकी। सोमवार को प्रदेश के 11 जिलों में 71 कोरोना के नये मरीज मिले। यह आंकड़ा डराने वाला है। देहरादून में सर्वाधिक 44 मामले सामने आए। वर्तमान में सक्रिय मरीजों का आंकड़ा 147 है। कोविड-के लगातार बढ़ रहे मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें बढ़ा दी है। स्वास्थ्य महकमे ने लोगों से कोविड-19 के पालन की अपील करते हुए मास्क लगाने की हिदायत दी और कहा कि भीड़भाड़ वाले स्थान पर जाने से पूर्व सेनीटाइजर का प्रयोग अवश्य करें।