परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वालों की अब खैर नहींः सुरेश जोशी
रूद्रपुर ।भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने भाजपा जिला कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि सरकार युवाओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। सरकार रोजगार को लेकर अहम निर्णय ले रही है। राज्य से युवाओं का पलायन न हो, इसके लिए सरकार ने विशेष रणनीति तय की है। उन्होंने कहा कि लाठीचार्ज के पीछे जो भी लोग दोषी हैं, उसको लेकर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। लाठीचार्ज के बाद ही इस मामले की जांच कमिश्नर कुमाऊं को सौंप दी गई थी। प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता एवं शुचिता को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने 09 फरवरी, 2023 को उत्तराखण्ड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 का अनुमोदन प्रदान किया है। इस अध्यादेश में दोषियों के विरूद्ध सख्त प्रावधान किए गए हैं। यदि कोई व्यक्ति, प्रिटिंग प्रेस, सेवा प्रदाता संस्था, प्रबंध तंत्र, कोचिंग संस्थान इत्यादि अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए आजीवन कारावास तक की सजा तथा दस करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि कोई व्यक्ति संगठित रूप से परीक्षा कराने वाली संस्था के साथ षडयंत्र करता है तो आजीवन कारावास तक की सजा एवं 10 करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि कोई परीक्षार्थी प्रतियोगी परीक्षा में स्वयं नकल करते हुए या अन्य परीक्षार्थी को नकल कराते हुए अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए तीन वर्ष के कारावास व न्यूनतम पांच लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि वह परीक्षार्थी दोबारा अन्य प्रतियोगी परीक्षा में पुनः दोषी पाया जाता है तो न्यूनतम दस वर्ष के कारावास तथा न्यूनतम 10 लाख जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि कोई परीक्षार्थी नकल करते हुए पाया जाता है तो आरोप पत्र दाखिल होने की तिथि से दो से पांच वर्ष के लिए डिबार करने तथा दोषसिद्ध ठहराए जाने की दशा में दस वर्ष के लिए समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है। यदि कोई परीक्षार्थी दोबारा नकल करते हुए पाया जाता है तो क्रमशः पांच से दस वर्ष के लिए तथा आजीवन समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है। अनुचित साधनों के इस्तेमाल से अर्जित सम्पति की कुर्की की जायेगी। इस अधिनियम के अन्तर्गत अपराध संज्ञेय, गैर जमानती एवं अशमनीय होगा। उन्होंने कहा कि यह कानून प्रदेश में परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने में अहम भूमिका निभायेगा। प्रेसवार्ता में विधायक शिव अरोरा, मीडिया प्रभारी मयंक कक्कड़, बिट्टू चैहान, सुरेश कोली, उपेन्द्र चैधरी, सुनील यादव आदि लोग मौजूद रहे।