मौन व्रत के लिए भराड़ीसैण पहुंचने पर कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने रोका,बंद गेट के सामने धरने पर बैठे

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गैरसैंणियत के अपमान पर नमक छिड़क रही सरकारः हरदा

गैरसैण। उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैण की अनदेखी और वहां विधानसभा का सत्र नही होने से आहत पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत आज पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, पूर्व राज्य सभा सांसद प्रदीप टम्टा के साथ भराड़ी सैण पहुंचकर विधानसभा भवन के गेट पर मौन उपवार पर बैठे। इससे पूर्व भराड़ीसैण पहुंचने पर कांग्रेस नेताओं को सुरक्षा कर्मियों ने बैरिकेट लगाकर रोक दिया। हांलाकि कांग्रेस नेताओं के अनुरोध के बावजूद जब गेट नहीं खोला तो सभी नेता विधानसभा परिसर के बाहर बंद गेट के सामने धरने पर बैठ गये। अपने पूर्व निर्धारित ऐलान के अनुसार उपवास पर बैठे पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि मुझे बहुत दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि जिस भवन के दरवाजे जनता जनार्दन के लिए खुले होने चाहिए थे, वहां पर न केवल ताला लटका है, बल्कि मुझे भी और संयोग से मेरे साथ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष भी बैठे हुए हैं, भराड़ीसैंण में विधानसभा भवन के सामने हमको 1 घंटे के मौन व्रत के लिए जाने नहीं दिया जा रहा है। मैंने फैसला लिया है कि मैं, विधानसभा स्पीकर और मुख्यमंत्री, दोनों की इस कदम की निंदा करता हूं और यह राज्य के लिए एक शर्मनाक स्थिति है, जो पैदा की गई है, यह गैरसैंण और गैरसैंणियत के अपमान पर नमक छिड़कने जैसा काम है। मैं विधानसभा देहरादून के सामने भी इसके विरोध में उपवास पर बैठूंगा और आज मैं अपने 1 घंटे का मौन व्रत विधानसभा की इस गेट पर प्रारंभ कर रहा हूं। राज्य सरकार ने जब भराड़ीसैंण में विधानसभा सत्र न बुलाने का फैसला किया था और कहा था ठंड है, तो मैंने उस समय अपना निश्चय घोषित किया था कि मैं इस ठंड के दौरान ही भराड़ीसैंण में जाकर 1 घंटे का मौन व्रत रखूंगा, इसलिए आज भराड़ीसैंण में विधानसभा के गेट पर मौन व्रत पर बैठा हूं। उत्तराखंडियत और भराड़ीसैंण के सवाल पर मेरा यह मौन व्रत राज्य की जनता को समर्पित है।

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