जोशीमठ वासियों के समर्थन में दिया धरना
हल्द्वानी । जोशीमठ वासियों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए भाकपा ;मालेद्ध, अंबेडकर मिशन एंड फाउंडेशन, बस्ती बचाओ संघर्ष समिति बनभूलपुरा, क्रालोस, ऐक्टू, अखिल भारतीय किसान महासभा, पछास, भीम आर्मी, प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र, यूकेडी आदि के प्रतिनिधियों ने बुद्ध पार्क में एक दिवसीय धरना देकर उप जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को सात सूत्रीय ज्ञापन प्रेषित किया। धरने को संबोधित करते हुए भाकपा माले राज्य सचिव राजा बहुगुणा ने कहा कि उत्तराखंड का ऐतिहासिक जोशीमठ नगर एक अभूतपूर्व गंभीर संकट से गुजर रहा है। इस संकट ने इस महत्वपूर्ण शहर के अस्तित्व को ही खतरे में डाल दिया है। इस संकट से निपटने के लिए राज्य सरकार ठोस कार्यवाही नहीं कर रही। इस आपात स्थिति में प्रधानमंत्री को सीधे हस्तक्षेप कर रेसक्यू आॅपरेशन को सीधे अपने हाथ में लेकर, युद्ध स्तर पर राहत कार्य को अंजाम देना चाहिए। डा कैलाश पाण्डेय ने कहा कि 2013 की केदार आपदा के बाद भी केंद्र और राज्य सरकार का उत्तराखंड में विकास हेतु नीतियों में कोई बदलाव नहीं हुआ है और केदारनाथ को कंक्रीट के जंगल में बदल दिया गया है। विनाशकारी जल विद्युत परियोजनाओं और चार धाम परियोजना को जारी रखा गया है, )षिकेश कर्णप्रयाग रेल मार्ग के निर्माण के दौरान भी कई जगह दरार पढ़ने की सूचनाएं मिल रही है। अभी भी समय है कि मध्य हिमालय के संवेदनशील इलाके में विकास की दिशा को जनपक्षीय बनाने के लिए एक नई कार्ययोजना तैयार की जाए अन्यथा आने वाले समय में बड़े जानमाल के संकट का खतरा अवश्यंभावी है।अन्य वक्ताओं ने कहा जोशीमठ को बचाने के लिए जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संघर्ष के साथ सभी अपनी एकजुटता प्रदर्शित करते हैं। धरने में राजा बहुगुणा, जीआर टम्टा, केके बोरा, टीआर पांडे, बहादुर सिंह जंगी, रजनी जोशी, नफीस अहमद खान, गिरिजा पाठक, मोहन मटियाली, हरीश लोधी, विमला रौथाण, एनडी जोशी, निर्मला शाही, कमल जोशी, महेशचंद्र, शेखर भट्टð, किशन बघरी, प्रकाश फुलोरिया, प्रभात पाल, मो फुरकान, बालकिशन राम, रितिक कांत, आनन्द सिंह दानू, अनिल कुमार, भवानी राम टम्टा, टुंपा चक्रवर्ती, प्रोनोबेस करमाकर, कुलदीप सिंह, आनन्द आदि शामिल रहे।