जोशीमठ भू-धांसाव की सूचनाओं पर लगी सेंसरशिप: इसरो ने जोशीमठ भू-धंसाव की सेटेलाइट तस्वीरें हटाईं
नई दिल्ली/देहरादून।केंद्र सरकार ने जोशीमठ भू-धंसाव की सूचनाओं पर सेंसरशिप लगा दी है। भू-धंसाव के कारणों की जांच करने गईं केंद्रीय एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे भू-धंसाव से संबंधित सूचनाएं मीडिया को साझा नहीं करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए इस निर्णय के बाद राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण;एनडीएमएद्ध ने भू-धंसाव अध्ययन से जुड़े सभी केंद्रीय संस्थानों को सर्कुलर जारी कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने 12 जनवरी को नई दिल्ली में जोशीमठ भू-धंसाव के संबंध में समीक्षा बैठक की थी। शुक्रवार को इस संबंध मे एनडीएमए के संयुक्त सलाहकार बिस्वारुप दास की ओर से सर्कुलर जारी किया गया। सर्कुलर में कहा गया है कि जोशीमठ भू-धंसाव के संबंध विभिन्न सरकारी संस्थाएं सोशल मीडिया पर अपने स्तर से आंकड़े जारी कर रही हैं। वे मीडिया से जोशीमठ के हालात की अपने हिसाब से व्याख्या कर रहे हैं। कहा कि यह न सिर्फ प्रभावित रहवासियों बल्कि देश भर के नागरिकों के मध्य भ्रम की स्थिति पैदा कर रहा है। पत्र में उल्लेख है कि 12 जनवरी को ही प्राधिकरण के सदस्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में कहा गया कि जोशीमठ के भू धंसाव का आकलन करने के लिए एक विशेष समूह गठित किया जा चुका है। सभी संस्थानों को निदेशकों को ताकीद किया गया है कि वे विशेष समूह की अंतिम रिपोर्ट आ जाने तक मीडिया फोरम पर कोई सूचना साझा न करें। उधर उत्तराखंड सरकार के मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत के आग्रह पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान इसरो ने जोशीमठ भू-धंसाव की सेटेलाइट तस्वीरें हटा दी हैं। रावत ने बताया कि जोशीमठ के धंसने के संबंध में इसरो की तस्वीरें वायरल होने और उससे जुड़े खबरें टीवी चैनलों में प्रसारित होने के बाद जोशीमठ शहर लोगों के बीच पैनिक की स्थिति बन गई थी। ऐसा होने पर उन्होंने इसरो के निदेशक से फोन पर बात की। उनसे अनुरोध किया कि तस्वीरों के संबंध में इसरो या तो अधिकृत बयान जारी करे या फिर ऐसा कुछ नहीं है तो वेबसाइट से तस्वीरें हटा दें। डाॅ. रावत के मुताबिक, उनके अनुरोध पर इसरो ने अब वेबसाइट से तस्वीरें हटा दी हैं। सर्कुलर में कहा गया है कि जोशीमठ भू.धंसाव के संबंध विभिन्न सरकारी संस्थाएं सोशल मीडिया पर अपने स्तर से आंकड़े जारी कर रही हैं। वे मीडिया से जोशीमठ के हालात की अपने हिसाब से व्याख्या कर रहे हैं। इस आदेश में कहा गया है कि यह न सिर्फ प्रभावित रहवासियों बल्कि देश भर के नागरिकों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा कर रहा है। पत्र में उल्लेख है कि 12 जनवरी को ही प्राधिकरण के सदस्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में कहा गया कि जोशीमठ के भू धंसाव का आकलन करने के लिए एक विशेष समूह गठित किया जा चुका है। सभी संस्थानों को निदेशकों को कहा गया है कि वे विशेष समूह की अंतिम रिपोर्ट आ जाने तक मीडिया फोरम पर कोई सूचना साझा न करें।
इन केंद्रीय संस्थानों को दिए निर्देश
सीबीआरआई रुड़कीए जीएसआई कोलकाताए एनआरएसी.इसरो हैदराबादए सीजीडब्ल्यूबी नई।
दिल्ली सर्वे जनरल ऑफ इंडियाए एसओआईए देहरादूनए आईआईआरएसए देहरादून।
एनजीआरआई हैदराबाद एनआईएचए रुड़कीए डब्ल्यूआईएचजीए देहरादूनए आईआईटी।
रुड़कीए ईडी एनआईडीएम नई दिल्ली व सचिवए उत्तराखंड एसडीएमएए देहरादून।