धामी की टिप्पणी पर हरीश रावत ने किया पलटवार.. दाढ़ी रखने से कोई गुरु रविंद्रनाथ टैगोर नहीं बन जाता !
देहरादून। उत्तराखंड में दाढ़ी पर हंगामा मचा हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की राहुल गांधी पर दाढ़ी को लेकर टिप्पणी पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि देश में दाढ़ी रखने वाले महामहिम राष्ट्रपति भी हुए हैं और प्रधानमंत्री भी हुए हैं। अब हरीश रावत ने कहा है कि कोई दाढ़ी बढ़ाकर रविंद्र नाथ टैगोर नहीं हो जाता है। हरीश रावत ने एक तरह से सीएम पुष्कर सिंह धामी को जवाब दिया है। दरअसल हाल ही में दिल्ली में एक चैनल के कार्यक्रम में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राहुल गांधी की दाढ़ी को लेकर टिप्पणी की थी। धामी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा था कि दाढ़ी बढ़ाने से कोई प्रधानमंत्री नहीं बन जाता है। धामी के इस बयान की उत्तराखंड में खूब चर्चा हुई। इसके बाद अब हरीश रावत ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है, ‘दाढ़ी सम्मान का प्रतीक है और देश के एक प्रतिष्ठित समाज के लिए वह धर्म का हिस्सा भी है। संत-महात्मा, पीर, फ़कीर, सब दाढ़ी रखते हैं, दाढ़ी रखने वाले हमारे देश में महामहिम राष्ट्रपति भी हुए हैं और माननीय प्रधानमंत्री भी हुये हैं। हां एक बात सत्य है कि दाढ़ी रखने से कोई गुरु रविंद्रनाथ टैगोर नहीं बन जाता है!’ वहीं रविवार को हरीश रावत एक घंटे के मौन उपवास पर रहे। उन्होंने देहरादून में मसूरी डायवर्जन पर स्थित अपने घर में ही एक घंटे का मौन उपवास किया। हरीश रावत ने हरिद्वार में शहर की सड़कों की दुर्दशा और बिजली कटौती के साथ ही गन्ने का खरीद मूल्य घोषित न किए जाने के विरोध स्वरूप मौन उपवास किया है।
वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन महारा ने भी सीएम धामी की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को संभलकर बोलना चाहिए। धामी के बहाने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी टिप्पणी करते हुए माहरा ने कहा कि जिस व्यक्ति का गुरु प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के नामकरण पर बगैर सोचे टिप्पणी करे तो चेले से क्या अपेक्षा की जा सकती है।जब गुरू को जवारहाल नेहरू के नाम की सुध नहीं है तो चेले से क्या अपेक्षा की जा सकती है। गुजरात में एक चुनावी रैली के दौरान असम के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा था कि राहुल गांधी का चेहरा सद्दाम हुसैन जैसा क्यों होता जा रहा है ।