उत्तराखंड की 15 साहसी महिलाओं को नंदा देवी वीरता सम्मान से नवाजा
देहरादून। श्री नंदा देवी राज जात पूर्व पीठिका समिति के तत्वाधान में विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु भूषण खुडूरी ने प्रदेश की 15 महिलाओं को इस वर्ष के नंदा देवी वीरता सम्मान से नवाजा है। श्री नंदा देवी राज जात पूर्व पीठिका समिति की ओर से स्व. राजरानी की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में यह सम्मान केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक ने दिए है। मंगलवार को विधानसभा स्थित प्रकाश पंत भवन में नंदा देवी वीरता सम्मान समारोह की शुरुआत केंद्रीय राज्यमंत्री प्रतिमा भौमिक, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण, कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्टा, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्ताेलिया और दून विवि की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने की। इस मौके पर केंद्रीय राज्यमंत्री प्रतिमा भौमिक ने कहा कि मैं छोटे से गांव से आती हूं। मुझे नहीं पता था कि उत्तराखंड को देवभूमि बोलते हैं। बाद में पता चला कि यहां केदारनाथ है, मां गंगा है, यमुना है, सबकुछ है। इस उत्तराखंड ने देश को सबकुछ दिया। कहा कि उत्तराखंड को बनाने में सबसे ज्यादा संघर्ष महिलाओं ने किया है। किसी ने कल्पना नहीं की थी कि कोई पीएम आएगा और हमारी महिलाओं को घर बनाकर देगा। माणा गांव को लेकर पीएम मोदी ने जो विजन देखा है, वह नया बदलाव लेकर आएगा। पहले सीमा के गांव तक कोई पीएम नहीं आते थे कि कहीं पड़ोसी देश नाराज न हो जाएं। पीएम मोदी ने ये परिपाटी बदल दी है। उन्होंने कहा कि आज कोई भी मंत्री केवल जेम पोर्टल से ही खरीदारी कर सकता है। पिछले आठ साल में 80 से ज्यादा योजनाएं मोदी सरकार ने केवल महिलाओं के लिए शुरू की हैं। उन्होंने यह भी कहा कि देश में ऐसा पहली बार है जबकि सरकार में 11 महिला मंत्री हैं। कार्यक्रम में केवि आईआईपी के छात्रों ने स्वागत गान और राष्ट्रगान की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन पूर्व सांसद एवं समिति के अध्यक्ष तरुण विजय ने किया। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा कि उत्तराखंड में महिला हमेशा सशत्तफ रही हैं। मैंने अपनी दादी को डीएम, एसडीएम का घेराव करते, खेत में हल चलाते देखा है। उत्तराखंड के आंदोलन में हमारी महिलाओं ने अग्रणी भूमिका निभाई है। हर बेटा सेना में जाता है लेकिन पीछे अपनी मां के रूप में एक जनरल को छोड़कर जाता है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार महिलाओं को हुनरमंद बना रही है। केदारनाथ में 48 लाख का प्रसाद, अल्मोड़ा में एक करोड़ की सब्जी बेचना इसका प्रमाण है। उन्होंने कहा कि आज भी हम कहां गई थी, क्यों गई थी जैसे सवाल बेटी से ही करते हैं। कभी अपने बेटे को क्यों नहीं बोलते। हमें अपने बच्चों को ऐसे संस्कार देने होंगे। वीरता सम्मान के लिये शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल की माता सरिता ढौंडियाल, शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट की माता रेखा बिष्ट के अलावा एफआरआई की नौकरी छोड़कर वायु सेना में जाने वाले पौड़ी के अस्वालस्यूं क्षेत्र महड़ गांव की फ्लाइंग ऑफिसर निधि बिष्ट, पहाड़ में स्वयंसेवी सहायता समूह चलाने वाली रुद्रप्रयाग की अनीता देवी, पिथौरागढ़ के मुनस्यारी के दरकोट गांव की ग्रामीण विकास के लिए काम करने वाली गीता देवी पांगती, उत्तरकाशी के नौगांव के कोटियाल गांव में स्थानीय युवाओं के स्वरोजगार पर काम कर रही अक्षिता डोभाल, दुर्गम क्षेत्र में काम करने वाली पिथौरागढ़ के पट्टाीवल्ला जौहार की 80 वर्षीय सीता देवी बुर्फाल, साहित्य के क्षेत्र में बीना बेंजवाल, चंबा के पट्टाी उदयकोट के गांव धारकोट की प्रधान निवेदिता पंवार, एडवेंचर के लिए धारचूला के गांव जयकोट की कलावती बडाल, ग्रामीण विकास का उदाहरण पेश करने वाली बागेश्वर के गांव अनरशाह की आशा देवी, बागेश्वर के देवलधार में गंगानाथ स्वयं सहायता समूह चलाने वाली व फसल प(ति पर काम करने वाली अनीता टमटा, ग्रामीण विकास के लिए काम करने वाली कपकोट के सूपी गांव की तारा टाकुली, चंपावत के गांव सूखीढांग की तारा जोशी और ममता रावत को नंदा देवी वीरता पुरस्कार दिया गया।इसके अलावा अध्यक्षीय अभिवादन के तहत बालिका संरक्षण के लिए काम करने वाली देहरादून की अंजली नौरियाल को विशेष पुरस्कार दिया गया।