करोड़ों की ठगी करने वाले अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश,नाईजीरियन दबोचा

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रूद्रपुर। विदेश से टूरिस्ट वीजा पर देश में आकर लाखों की साइबर ठगी करने वाले अंतर्राष्ट्रीय गैंग का पर्दाफाश करते हुए कुमांऊ एसटीएफ और साइबर पुलिस ने एक नाइजीरियन को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। लम्बे समय से साइबर ठगी को को अंजाम दे रहे नाइजीनियन गैंग की उत्तराखंड एसटीएफ और साइबर थाना कुमाऊं को पिछले आठ माह से तलाश थी। एसटीएफ लगातार इस गिरोह के बारे में जानकारी जुटा रही थी। पता चला था कि विदेश से टूरिस्ट वीजा पर देश में आकर यह गैंग लोगो को साइबर फ्ॉड में करोड़ों का चूना लगा चुका था। इसी गैंग ने रानीखेत निवासी सुरेश आर्य से साठ लाख की साइबर धोखाधड़ी की थी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी ने खुलासा करते हुए बताया कि रानीखेत निवासी सुरेश आर्या से साईबर ठगों ने फेसबुक पर एक आकर्षक विदेशी महिला की प्रोफाईल बनाकर दोस्ती कर सुरेश आर्या को 1 लाख यू0एस0 डॉलर भेजने की बात कहकर झांसे में लिया और विभिन्न प्रकार के शुल्क के नाम पर लगभग 60 लाख 1,762 लाख रुपये की धनराशि अलग अलग खातो में जमा कराकर ठगी की घटना को अंजाम दिया।। ठगी करने के उपरान्त साईबर अपराधियों द्वारा फेसबुक आई0डी0 को डिलीट कर दिया तथा सभी मोबाईल / वाट्सअप नम्बरों को बन्द कर दिया । साईबर ठगों द्वारा पीड़ित का विश्वास जीतने के लिये यह भी बताया कि आपको यू-के गर्वमेन्ट द्वारा भी 2-2 मिलियन डॉलर दिये जा रहे है । एक साईबर ठग द्वारा पीडित को दिल्ली बुलाकर एक होटल में मुलाकात भी की । जिस कारण पीड़ित को अपने साथ हो रही साईबर ठगी का आभास नही हो पाया तथा वह साईबर ठगो के कहे अनुसार धनराशि उनके बताये गये खातो में जमा करता रहा । काफी धनराशि जमा करने पर भी जब पीड़ित को किसी प्रकार की धनराशि नही मिली तथा साईबर ठगो द्वारा नये नये बहानों से और अधिक धनराशि जमा कराने के लिये कहा गया तो पीड़ित को इस ठगी का अंदेशा हुआ । जिस पर पीड़ित ने अपनी शिकायत साईबर थाना कुमाऊँ परिक्षेत्र,रुद्रपुर में दर्ज करायी । साईबर थाने में अभियोग पंजीकृत किया गया चूंकि, साईबर अपराधी द्वारा इस घटना को पेशेवर तरीके से करते हुये एक बड़ी धनराशि की ठगी की गयी थी । खुलासे के लिए एसटीएफ और साइबर पुलिस की संयुक्त टीम गठित की गयी। छानबीन मे ंपता चला कि साइबर ठगों ने वर्चुअल नंबरों का प्रयोग किया था। धोखाधड़ी से जो धनराशि जिन बैंक खातो में प्राप्त की गयी विवेचना से उक्त खाते में अंकित पते दिल्ली, उत्तर प्रदेश, दिल्ली एनसीआर आदि राज्यों से सम्बन्धित पाये गये । साक्ष्य जुटाने के लिए पुलिस टीम को दिल्ली, एनसीआर, उ0प्र0 भेजा गया। जिस पर पुलिस टीम को कई अहम सुराग हाथ लगे । ईमेल आई0डी0 दिल्ली से संचालित होनी पायी गयी । जिस सम्बन्ध में पुलिस टीम ने गोपनीय रुप से जानकारी एकत्र की तो पता चला कि घटना में प्रयुक्त ईमेल को नाईजिरियन द्वारा प्रयोग किया जा रहा है । जिस पर टीम द्वारा अभियुक्त को चिन्हित करते हुये स्थानीय पुलिस के सहयोग से थाना सफदरगंज दिल्ली क्षेत्रन्तार्गत हुमायूंपुर कस्बे में स्थित एक फ्लैट में छापा मारकर नाईजिरियन व्यक्ति ओलिव पुत्र अबुची जो कि रवीन्द्र कुमार शर्मा का फ्लैट किराये पर लेकर रह रहा था को गिरफ्तार किया गया । तलाशी में अभियुक्त के कब्जे से दो अलग अलग नामों से जारी 2 पासपोर्ट बरामद हुये । दोनो पासपोर्ट में एक ही व्यक्ति की फोटो है । इसके अतिरिक्त अभियुक्त के कब्जे से 2 लैपटॉप, 8 मोबाईल फोन, 7 सिम कार्ड, 4 वाईफाई डोंगल, 16 पैन ड्राईव, 01 कार्ड रीडर, 03 माईक्रो एस-डी- मीमोरी कार्ड व 1 ब्लूटूथ डिवाईस भी बरामद हुये । अभियुक्त के कब्जे से बरामद सम्पत्ति में से साईबर ठगी की घटना में प्रयुक्त मोबाईल फोन, सिम कार्ड व डोंगल भी बरामद हुये है । प्रथम दृष्टया विदेशी मूल के उक्त अभियुक्त का बिना वैध वीजा प्रपत्रें के भारत में रहना पाया गया । नाइजीरियन से पूछताछ में पता चला कि यह गिरोह फेसबुक पर सुन्दर व आकर्षक विदेशी महिला के नाम से फेसबुक आई0डी0 बनाकर उस फर्जी आई0डी0 से लोगो को फ्ेंड रिकवेस्ट भेजता था। इसके बाद जब रिकवेस्ट स्वीकर हो जाती तो फिर उस व्यक्ति से गहरी दोस्ती कर उसके मोबाईल / वाट्सअप / मैसेन्जर के माध्यम से बात करता था तथा फिर उसे कोई कीमती गिफ्ट अथवा विदेशी मुद्रा भेजने के बात कहकर लालच देतेथ् ो । इसके बाद अभियुक्त अपने साथियो के साथ मिलकर उसे कस्टम, आरबीआई, जीएसटी, आरटीजीएस, वेरिफिकेशन फीस आदि नाम से धनराशि भेजने को कहते थे । धनराशि प्राप्त करने के लिये अभियुक्त दलाल के माध्यम से किराये पर भारतीय लोगो के बैंक खातों का प्रयोग करते थे । बैंक खातो में साईबर ठगी से जमा धनराशि को प्राप्त करने के लिये भारतीय लोगों को विभिन्न प्रकार से प्रलोभन देकर धनोपार्जन कर लेते थे । साईबर ठगी की घटना को अंजाम देकर अभियुक्त फर्जी फेसबुक आई0डी0 को डिलीट कर देते थे तथा फर्जी आईडी पर प्राप्त मोबाईल नम्बरों / वर्चुअल नम्बर का प्रयोग बन्द कर देते थे । एसएसपी ने बताया कि अभियुक्त से उसके साथियो के सम्बन्ध में पूछताछ कई अहम सुराग हाथ लगे है । जिससे निकट भविष्य में गिरोह के अन्य सदस्यों की भी गिरफ्तारी संभव है। सम्भावना है कि इन अभियुक्तों द्वारा भारत में कई अन्य लोगों को भी धोखाधड़ी कर शिकार बनाया गया है, जिसके सम्बन्ध में अन्य राज्यो की पुलिस से भी सम्पर्क किया जा रहा है। खुलासा करने वाली टीम में निरीक्षक ललित मोहन जोशी, उपनिरीक्षक दिनेश कुमार पन्त,एएसआई, सत्येन्द्र गंगोला, कांस्टेबल मोहम्मद उस्मान,जगपाल सिंह ,रवि बोरा ,संजय कुमार आदि शामिल थे।

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