चिटफंड कंपनी लोगों के करो़डों रू पये लेकर फरार, पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज

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काशीपुर। कम समय में रकम दोगुनी करने का लालच दिखाकर एक और चिटफंड कंपनी ने लोगों का करोड़ों रूपया डकारकर बोरिया बिस्तर समेट लिया। धोखाधड़ी के इस मामले में पुलिस ने कोर्ट के निर्देश पर पांच लोगों के विरू( मामला पंजीकृत किया है। मामले के बावत न्यायालय में अर्जी लगाकर गांव खैरीपुर जंगल पोस्ट रेहड़ तहसील अफजलगढ़ जनपद बिजनौर उप्र- निवासी मुख्तयार सिंह पुत्र जसवंत सिंह ने बताया कि कुछ समय पूर्व हसनपुर टप्पा तहसील सहनवान जनपद बदायूं निवासी यशवंत सिंह पुत्र गुलफाम सिंह, ध्रुव प्रताप सिंह पुत्र गजेन्द्र सिंह, अंग प्रताप सिंह पुत्र गजेन्द्र सिंह निवासी खितौरा तहसील सहनवाज जनपद बदायूं, तथा यहीं के गिरीश पुत्र अज्ञात के अलावा ग्राम सराह बरौलिया थाना उगेती निवासी सत्यपाल शर्मा पुत्र जगन्नाथ प्रताप शर्मा ने आपस में मिलकर पेस्टीज ग्रीन इंडिया कारपोरेशन लिमिटेड नामक एक कंपनी खोली। कंपनी का चेयरमैन ध्रुव प्रताप खुद बना जबकि डायरेक्टर गिरीश, सत्यपाल शर्मा व यशवंत तथा अंग प्रताप सिंह को बनाया गया। शिकायतकर्ता का कहना है कि कंपनी की नींव रखने के बाद उपरोक्त व्यक्तियों द्वारा इसकी ब्रांज अलीगंज बस स्टैण्ड के समीप टांडा उज्जैन में खोली गयी। कंपनी की हेड आॅफिस मुरादाबाद में मनाया गया तथा पंजीकृत कार्यालय सिविल लाईंस बरेली में होना बताया। आरोप है कि कंपनी ने क्षेत्र के भोले भाले लोगों को भरोसा लेकर बताया कि इसमें रकम इंवेंस्ट करने को लेकर साढ़े पांच साल में दुगनी रकम प्राप्त होगी। इसके अलावा दूसरी योजना में उपरोक्त लोगों द्वारा यह बताया गया कि मासिक किस्त जमा करने पर खाता धारकों को अलग-अलग साईज के प्लाॅट मिलेंगे। शिकायतकर्ता ने व क्षेत्र की जनता ने कंपनी की बात पर भरोसा कर पैसा जमा करना शुरू कर दिया। शिकायतकर्ता का कहना है वर्ष 2015 की 30 मई को उसने पांच वर्ष की स्कीम के तहत 300 रूपये प्रतिमाह के हिसाब से पैसा जमा किया। मिच्योरिटी होने पर 27 हजार रूपये अथवा 90 यार्ड भूमि मिलना था। आरोप है कि समय पर किस्त जमा करने एवं मिच्योरिटी होने के बाद भी उसे रकम नहीं दी गयी। शिकायतकर्ता का आरोप है कि काशीपुर के दर्जनों लोगों का 40 से 50 लाख रूपया इनवेंस्ट कराने के बाद कंपनी ने बोरिया बिस्तर समेट लिया और फरार हो गयी। शिकायतकर्ता का आरोप है कि कंपनी ने अपनी सभी शाखाएं बंद कर दी है। शिकायतकर्ता ने कोर्ट को यह भी बताया कि कंपनी की सभी शाखाओं के माध्यम से आरोपियों द्वारा करोड़ों रूपयों का घोटाला किया गया है। स्थानीय लोग कंपनी के कर्ताधर्ता की सरगर्मी से तलाश कर रहे हैं लेकिन उनका पता नहीं चल रहा है। इस बारे में बीते 23 मार्च को भुक्तभोगियों द्वारा मामले की तहरीर कोतवाली पुलिस को भी दी गयी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की। करोड़ों की ठगी का मामला शिकायती पत्र के माध्यम से एसएसपी के संज्ञान में लाने पर जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो ठगी के शिकार लोगों ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कोतवाली पुलिस को सभी पांचों आरोपियों के विरू( कार्यवाही के निर्देश दिए। पुलिस ने कोर्ट के निर्देश पर उपरोक्त पांचों आरोपियों के खिलाफ धारा 420 आईपीसी के अंतर्गत केस दर्ज करते हुए जांच की कार्यवाही शुरू कर दी है।

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