आला कमान की पसंद और कोई होता तो वह मुख्यमंत्री कैसे बन जाते-हरीश
मोदी ने एक भी चुनावी वादा पूरा नहीं किया
हल्द्वानी।उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड विधानसभा की नेता प्रतिपक्ष डा- इंदिरा हृदयेश द्वारा दिएगए बयान पर उन्हें आड़े हाथों लेते हुए उनकी खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि इंदिरा हृदयेश कांग्रेस की कोलंबस है वह नित नई खोज में मस्त रहती हैं। उन्हें पहली बार पता चला कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष किसी और को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे। उन्होंने कहा कि यदि आला कमान की पसंद और कोई होता तो वह मुख्यमंत्री कैसे बन जाते। उन्होंने कहा कि उन्हें इंदिरा की मेहरबानी से मुख्यमंत्री बनाया गया वह स्वयं मुख्यमंत्री नहीं बनी। इससे बड़ा त्याग और उदारता का दूसरा उदाहरण क्या हो सकता है। उनका कहना था कि मंत्रलय भी आलाकमान की संस्तुति पर ही बांटे गए थे। रावत ने कहा कि 2017 में अगर कांग्रेस प्राइवेट लिमिटेड थी तो इंदिरा हृदयेश और प्रीतम सिंह भी उसी के कंपोनेंट थे। सरिता आर्या को पालिका और विधानसभा के टिकट दिलाने के वाले पर हरीश रावत ने कहा कि अभी तक तो यही पता था कि टिकट पार्टी हाईकमान देता है अगर हाईकमान ने कुछ अधिकार इंदिरा को सौंप दिए है तो अच्छी बात है। तंज कसते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि पार्टी सबकी है अगर यह समझ आ गई है तो अच्छी बात है। जब जाग जाओ तभी सवेरा होता है। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के साथ हूं और उनके दिशा निर्देशन में काम करने को तैयार हूं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी चार सालों की नाकामी को योग की चादर से ढकना चाहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने एक भी चुनावी वादा पूरा नहीं किया। रावत ने हरिद्वार के मोती चूर में मारे गए गुलदार और बाघ के मामले में हुई जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने को कहा। उन्होंने आशंका जताई कि जांच रिपोर्ट सत्ता के करीबी लोगों के नाम है। रावत ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि रिपेार्ट को सार्वजनिक क्यों नहीं किया जा रहा है और रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई क्यों नहीं की गई।