हरदा ने शुरू किया वैचारिक मंथन: मेरी सरकार ने क्या सोचा, क्या किया, क्या हमारी योजनाएं थी?
पूर्व सीएम ने की अपीलः उत्तराखण्ड के लिए जो लेख मैंने लिखे है फेसबुक पेज, ट्विटर, यूटड्ढूब, टेलीग्राम पर इन्हें जरूर देखें
देहरादून। उत्तराखण्ड में आगामी 2022 के विस चुनाव का समय करीब आते ही अब एक बार फिर कांग्रेस के कद्दावर नेता एवं राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत सोशल मीडिया के जरिये अपने फेसबुक पेज पर सबसे अधिक सक्रिय दिख रहे है। ‘उत्तराखण्ड से उत्तराखण्डियत तक की यात्रा’ कैपेन में बकायदा में लेख लिखकर अपने कार्यकाल की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही मतदाताओं को रिझाने का भी प्रयास कर रहे है। प्रदेश की मौजूदा भाजपा सरकार में उन योजनाओं की अनदेखी कर पर भी चिंता व्यक्त कर रहे है। इतना ही नहीं पूर्व सीएम हरीश रावत अब आगामी चुनाव के लिये अपनी परफाॅमेस का रिकार्ड भी साझा कर रहे है जिसमें उन्होंने प्रदेश की विकास योजनाओं , हवाई सेवाओ, बेराजगारी, पलायन, स्थानीय उत्पादों की मार्केटिंग, पहाड़ी फलों की वायनरी, इंदिरा अम्मा भेजनालय, मेरे तीर्थ मेरे बुजुर्ग याात्रा, मेेरा गांव मेरी सड़क, पशुपालन, पेशन योजनाओं के साथ ही तमाम तरह की योजनाओं पर मंथन करने की अपील भी कर रहे है। पूर्व सीएम लगातार भाजपा सरकार के कार्यकाल से अपनी योजनाओं की तुलना करने के साथ ही कई योजनाओं को बंद करने का आरोप भी लगा रहे है। एक पोस्ट में श्री रावत ने लिखा है कि मैं उत्तराखण्ड व उत्तराखण्ड के बाहर बसे हुए हमारे प्रवासी बंधु और उत्तराखण्ड के शुभचिंतको से प्रार्थना करना चाहता हॅू कि वो मुझसे फेसबुक पेज के माध्यम से जुड़ें। मैंने अपने लेखन सीरीज में उत्तराखण्ड के लिए क्या लाभदायक है, क्या हमारी योजनाएं थी, उनको जो न हो सका’’ शीर्षक के तहत तेरह लेखों में वर्गीकृत किया । कुछ समय पहले मैंने ‘‘उत्तराखण्ड से उत्तराखण्डियत तक की याात्रा’ को लेकर भी एक सीरीज में कुछ छोटे-2 लेख लिखे हैं। अब मैं 3 श्रृंखलाओं में अपने फेसबुक पेज पर यह लिख रहा हॅू कि कौन सी योजनाएं ऐसी थी जिनको मैं अपने कार्यकाल में परवान नहीं चढ़ा सका और कौन सी योजनाएं ऐसी थी जो मेरी सरकार जाने के बाद, नई सरकार ने आते ही जिनकी भ्रूण हत्या कर दी और कुछ योजनाएं जिनकी बाल हत्या कर दी गई। ‘‘मेरा गाॅव-मेरी सड़क’’ जैसी योजना जिनकी भरी जवानी में हत्या कर दी गई मैं उनका उल्लेख भी कर रहा हॅू। मेरा आपसे आग्रह है कि जो लेख मैंने लिखे है आने वाले लोगों के लिये बहुत काम आयेंगे। इनसे एक वैचारिक मंथन चल सकता है।आपके मन और आपसे जुड़े हुये लोगों के बीच में भी चल सकता है। मेरा आपसे आग्रह है कि जो मेरे साथ फेसबुक पेज, ट्विटर, यूटड्ढूब, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम पर जुड़े हुए हैं इन्हें जरूर देखें और जो लोग नहीं जुड़े हैं, यदि उन तक मेरा संदेश पहुंच रहा है, तो वो भी जुड़ें और जो जुड़े हैं वो अपने अड़ोस-पड़ोस, दोस्तों, ईस्ट मित्रों से भी मेरे फेसबुक पेज से जुड़ने के लिये कहें ताकि उन तक भी मैंने उत्तराखण्ड के विषय में क्या सोचा, क्या किया, उस सब की जानकारी पहुंच सके।
पिथौरागढ़, गौचर और चिन्यालीसौड़ के हैलीपैड्स विरान पड़े हैं
हमने राज्य में हैलीपैड और हवाई पट्टिðयां बनाई, उनके उपयोग के लिये हमने एक अभिनव कदम उठाया। उदेश्य दूरदराज के क्षेात्रों को हवाई सेवा से जोड़ना व पर्यटन को बढ़ावा देना तथा मेडिकल इमरजेंसी में लोगों को हायर मेडिकल तक पहुचाना था। सब चीजों पर विचार करके हमने उपलब्ध आॅप्शन्स पर विचार किया। अनंतोगत्वा हमको यह लगा कि हमारे पास एक महत्वपूर्ण सेक्टर है, वह है केदारनाथ जी का सेक्टर, जहां कार्यरत हेलीकाप्टर को संचालित करने वाली कम्पनीज काफी अच्छा मुनाफा कमा रही हैं, मगर राज्य को लगभग कुछ दे नहीं रही हैं। हमने यह तय किया कि हम राज्य के 8 हेलीपैडों और 3 हवाई पट्टिðयों को देहरादून और पंतनगर से जोड़ने के लिये एक एकीकृत हवाई सेवा बनाएं और उसमें केदारनाथ सेक्टर को भी संबद्ध कर दें। एकीकृत हवाई सेवा संचालित करने वाली कम्पनी केदार सेक्टर से कमायेगी और दूसरे सेक्टर्स जहां प्रारम्भ में कम याात्री मिलेंगे, वहां होने वाले नुकसान की क्षतिपूर्ति कर सकेंगे। रुसरकार की तरफ से उन्हें हवाई पट्टðी व हैलीपैड्स के उपयोग पर कोई किराया नहीं लिया जायेगा। केदारनाथ में हेलीकाप्टर सेवा संचालित कर रही कंपनियों को जब इसका पता लगा तो उन्होंने काफी विरोध किया, मगर हमने विरोध की अनदेखी करके टेंडर आमंाित्रत किये और उस टेंडर में एक कम्पनी आगे आयी जो सबसे लोएस्ट विडर थी। उस कंपनी को हमने काम दे दिया। श्री केदारनाथ सेक्टर में कार्यरत हेलीकाॅप्टर संचालित करने वाली कंपनियों ने हमारे विरूद्ध प्रचार युद्ध छेड़ दिया। बहरहाल हमने उनके विरोध की अनदेखी करके एकीकृत हवाई सेवा का रुउद्घाटन भी कर दिया, एक 8 सीटर हेलीकाॅप्टर के साथ सेवा प्रारम्भ हो गई। हमने कुछ समय के लिये अपने राज्य का एयरक्राफ्ट भी कम्पनी को किराये पर दे दिया। उन्होंने चिन्यालीसौड़ व पिथौरागढ़ से इसको संचालित भी किया। राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ तो भाजपा की सरकार ने आते ही पहला काम किया कि उस करार को रद्द कर दिया और आज जब साढ़े चार साल बीतने को आ रहे हैं, कहीं से भी हवाई सेवाएं पिथौरागढ़, गौचर और चिन्यालीसौड़ के लिये शुरू नहीं हुई हैं, हैलीपैड्स भी विरान पड़े हैं। राज्य सरकार का प्रत्येक प्रयास व आश्वासन धड़ाम हो चुके हैं। मुझे लगा मैं, अपनी सरकार के अभिनव प्रयास को आपसे साझा करूं ताकि आप उसका सही-2 मूल्यांकन कर सकें।
मेट्रो रेल परियोजना की भ्रूण हत्या कर दी
हरिद्वार-ऋषिकेश-देहरादून मेट्रो रेल परियोजना पर प्रचुर मंथन के बाद इस क्षेात्र के अच्छे जानकार व्यत्तिफ को हमने एम.डी. नियुत्तफ किया। उन्हें परियोजना का सर्वेंक्षण, वित्तीय स्रोतों की खोज के काम को बढ़ाने के निर्देश दिये। इससे पहले हमने परियोजना की व्यावहारिकता का भी आंकलन कराया। वित्तीय दृष्टिकोण से परियोजना की उपयोगिता सुनिश्चित होने के बाद हमने भारत सरकार को परियोजना की अनुमति दिये जाने हेतु पात्र भी भेजा। इसी दौरान चुनाव की घोषणा हो गई, राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ। मुझे उम्मीद थी कि नई सरकार इस लोकप्रिय परियोजना को आगे बढ़ायेगी, बीच में एक-दो बार परियोजना को लेकर तत्कालीन मुख्यमंात्री के बयान भी देखने को मिले। अब ऐसा लगता है कि सरकार ने बहुत शांत तरीके से इस परियोेजना की भ्रूण हत्या कर दी है।
भाजपा सरकार ने बहाना बनाकर भर्ती को निरस्त कर दिया
हमारी सरकार ने वर्ष 2016 में ऊर्जा विभाग में जूनियर इंजीनियर्स के 252 पदों की विज्ञप्ति जारी की, परीक्षा भी हो गई, रिजल्ट भी निकल गया, लेकिन भाजपा सरकार ने बहाना बनाकर भर्ती को निरस्त कर दिया गया। जब बहुत ही चीख-चिल्लाहट मची तो फिर से वर्ष 2021 में परीक्षा आयोजित की गई। मगर 252 पदों को घटाकर सिर्फ 147 पदों पर परीक्षा आयोजित की गई है,यूपीसीएल और पिटकुल में बहाना बनाकर 104 पदों को फ्रीज कर दिया गया, नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ का यह अकेला मामला नहीं है। समय आ गया है कि अब जब नौजवानों को भाजपा के सपनों को फ्रीज करना चाहिए।