अक्षय कुमार का वीडियो वायरल..आयुर्वेदिक आश्रम में जन्नत फील हुआ
ऐसी कोई बीमारी नहीं है, ऐसा कोई प्राणी नहीं, जिसका आयुर्वेद और नेचुरोपैथी में इलाज नहीं
देहरादून। कोरोना महामारी से जंग के बीच स्वदेशी और एलोपैथी चिकित्सा पद्धति को लेकर छिड़ी बहस में बालीवुड के सुपरस्टार अभिनेता अक्षय कुमार भी कूद गये है। सोमवार को सोशल मीडिया पर उन्होंने आयुर्वेद के समर्थन में एक वीडियो जारी किया है। इतना ही नहीं इस वायरल वीडियो में उन्होंने कहा है कि ऐसी कोई बीमारी नहीं है, ऐसा कोई प्राणी नहीं, जिसका आयुर्वेद और नेचुरोपैथी में इलाज नहीं है, लेकिन हम कब समझेंगे। वीडियो में अक्षय कुमार ने कहा कि उन्होंने कुछ दिन केरल के एक आयुर्वेदिक आश्रम में बिताए। वहां जन्नत फील हुआ। आश्रम में वे सिर्फ अकेले हिंदुस्तानी थे, बाकी सभी विदेशी थे। अक्षय कुमार ने कहा कि वह बीते 25 साल से आयुर्वेद इस्तेमाल करते आ रहे हैं। जैसे अपने वाहनों की सर्विसिंग कराते हैं, वैसे ही 14 दिन अपने शरीर की सर्विसिंग भी कराते हैं। उन्होंने कहा कि शायद हमे अंदाजा भी नहीं है कि आयुर्वेद के रूप में भगवान ने देश को कितना बड़ा खजाना दिया है। लेकिन हम आयुर्वेद, नेचुरोपैथी और योग को भूल रहे हैं। इलाज आयुर्वेद और नेचुरोपैथी में है, लेकिन हम महंगा ईलाज ढूंढने विदेश जाते हैं। विदेशी भारत आकर योगा और आयुर्वेद को महत्व दे रहे है। उन्होंने कहा कि वे किसी आयुर्वेद कंपनी या आश्रम का ब्रांड एंबेसडर बनकर नहीं, बल्कि खुद की बाॅडी का एंबेसडर बनकर आयुर्वेद का समर्थन कर रहे हैं। दुनिया को दिखा दें, जो आयुर्वेद और नेचुरोपैथी में है वह किसी अंग्रेज के केमिकल इंजेक्शन में नहीं है। वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर योग गुरू बाबा रामदेव भी लगातार वीडियो जारी कर आयुर्वेद , योगा से बीमारियो का सफल उपचार और कोरोना महामारी से रोकथाम की मुहिम चला रहे है। बाबा रामदेव के एलोपैथी में कोरोना का सफल उपचार करने में विफल रहने के दावे के साथ ही डाक्टरों और लोगों की जान वैक्सीनेशन के बाद भी होने पर गंभीर टिप्पणी की थी। जिसके बाद देश में चिकित्सा पद्धतियों को लेकर आपसी बहस छिड़ी हुई है। कई लोग जहां आयुर्वेद का समर्थन कर रहे है तो कोई भारत की एलोपैथी चिकित्सा पद्धति को महंगा बताकर आयुर्वेद को महत्वाकांक्षी मान रहे है। बहरहाल पतंजलि योगपीठ के स्वामी बाबा रामदेव के बेबाक बयान के बाद देशवासियों को चिकित्सा पद्धतियो के प्रति अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करने का मौका भी मिल गया है।