अतिक्रमणकारियों का तांडव,जंगल में भागकर बचाई जान

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पोखरी में अतिक्रमण हटाने गये पुलिसकर्मियों को महिलाओं ने दौड़ा दौड़ा कर पीटा,लाठियों और पत्थरों से किया हमला
चमोली। उत्तराखंड में पुलिस और ग्रामीणों के बीच संघर्ष की घटनाओं को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में अतिक्रमणकारियों और पुलिस कर्मियों के बीच झड़प हो रही है जबकि कुछ लोग निर्माण को तोड़ने का विरोध करते हुए टीम को रोक रहे है। इतना ही नहीं आका्रेशित महिलाये टीम पर हमला करते दिख रहे है। वन पंचायत पोखरी और देवस्थान गांव की सरकारी भूमि में हो रहे अतिक्रमण को हटाने गई पुलिस, नगर पंचायत व राजस्व पुलिस की टीम को अतिक्रमणकारियों ने दौड़ा-दौड़ाकर न केवल पीटा बल्कि पथराव भी किया। टीम ने किसी तरह जंगल में भागकर जान बचाई। बताया जा रहा है कि एक महिला पुलिस कर्मी व एक सब इंस्पेक्टर घायल भी हुआ है। घटना के बाद पुलिस उपाधीक्षक के नेतृत्व में पुलिस टीम ने मौके पर जाकर अतिक्रमण हटाते हुए हमलावरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। ग्राम नखोलियाना- पोखरी के 30 ग्रामीणों ने पोखरी व देवस्थान गांव की सीमा में वन पंचायत की भूमि पर अतिक्रमण किया हुआ था। बताया गया कि 16 ग्रामीणों ने पक्के भवन का निर्माण भी किया जा चुका था। सरकारी भूमि में अतिक्रमण की शिकायत के बाद पहले तो प्रशासन मौन रहा और अब जब भवनों की छत पड़ गई तो नगर पंचायत, राजस्व विभाग और पुलिस की संयुत्तफ टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची। बताया गया कि टीम जैसे ही अतिक्रमण को तोड़ने के लिए पहुंची, तो इसकी भनक अतिक्रमणकारियों को लग गई और ग्रामीण महिलाओं ने टीम पर लाठी-डंडों व पत्थरों से हमला कर दिया। अचानक हुए हमले से अतिक्रमण हटाने गई टीम सकते में आ गई। टीम ने जंगल से भाग कर किसी तरह जान बचाई। बताया गया कि इस हमले में एक दरोगा और महिला पुलिसकर्मी चोटिल हुए। घायल दरोगा देवेंद्र सिंह को 108 की मदद से कर्णप्रयाग उपचार के लिए ले जाया गया। अतिक्रमण हटाने गए नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी रोशन पुंडीर ने बताया कि महिलाओं ने उनके अलावा, एसआइ वैभव गुप्ता, एसआइ किरन महाली और अन्य पुलिस कर्मियों, होमगार्ड व राजस्व पुलिस कर्मचारियों पर हमला किया। घटना के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चैहान ने कहा कि सूचना के बाद घटनास्थल पर पुलिस उपाधीक्षक विमल प्रसाद के नेतृत्व में भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई तथा हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है। तहसीलदार सोहन सिंह रांगड़ ने बताया कि मामले में जांच की जा रही है और उसके बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस उपाधीक्षक व तहसीलदार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने 16 पक्के व 14 कच्चे निर्माण तोड़ दिए गए हैं। उप जिलाधिकारी वैभव गुप्ता ने कहा कि मामले में जांच कर कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। अतिक्रमण को लेकर ग्रामीणों के अपने तर्क हैं। नखोलियाना पोखरी निवासी हरीश का कहना है कि यहां पर अनुसूचित जाति के भूमिहीन नागरिकों ने आवास बनाने की कोशिश की थी। लेकिन प्रशासन ने बिना नोटिस सीधे भवन तोड़ने की कार्रवाई की है। गांव की गीता देवी का कहना है कि घरों में आकर पुलिस ने उन्हें धमकाया। अतिक्रमणकारियों का कहना है कि अतिक्रमण के नाम पर कार्रवाई में भी दोहरे मापदंड अपनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पोखरी क्षेत्र में कई जगह पर अतिक्रमण हुआ है। पहले प्रशासन ऐसे भवन को तोड़े और उसके बाद वे अपने अतिक्रमण को स्वयं हटा देंगे। अतिक्रमणकारियों ने कहा कि राजस्व पुलिस की चैकी भी बेनाम भूमि में बनी है, वहीं नगर पंचायत का कार्यालय भवन भी टैक्सी पार्किंग के ऊपर बेनाम भूमि में बनाया गया है और पार्किंग पर भी अपना कब्जा कर रखा है।

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