सोशल मीडिया पर एक और बेबाक बयान का वीडियो वायरल,विपक्ष हमलावर
देहरादून/हरिद्वार(उद ब्यूरो)। उत्तराखंड में पतंजलि योगपीठ के स्वामी एवं विश्वविख्यात योगगुरू बाबा रामदेव के बेबाक बयानो को लेकर सोशल मीडिया पर घमासान मचा हुआ है। कोरोना महामारी प्रकोप के बीच एलोपैथी चिकित्सकों की मौत पर की गई योग योग गुरु स्वामी रामदेव की टिप्पणी से उठा तूफान फिलहाल शांत होता नजर नहीं आ रहा है जबकि विपक्षी दलो के नेताओं के साथ ही आईएमए के पदाधिकारियों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कानूनी कार्यवाही करने की मांग शुरू कर दी है। एलोपैथी पर वायरल वीडियो का विवाद अभी थमा भी नहीं कि बाबा रामदेव का एक और सनसनीखेज बयान का वीडियो चर्चा में आ गया है जिससे वह अब खुद चैतरफा घिरते जा रहे है। गौरतलब है कि विश्वव्यापी कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच देश में एलोपैथी बनाम आयुर्वेद की चिकित्सा पद्यति पर इन दिनों योग गुरु बाबा रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण मुखर हो गये हैं। कोरोना से बचाव के लिये पतंजलि की आयुर्वेदिक दवाई तैयार करने का दावा कर चुके योग गुरू बाबा रामदेव ने बुधवार को सोशल मीडिया में वायरल हुए एक अन्य वीडियो में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ;आईएमएद्ध की उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग का उपहास उड़ाते नजर आ रहे हैं। बाबा यहां तक कहते सुनाई दे रहे हैं कि, खैर! अरेस्ट तो उनका बाप भी नहीं कर सकता स्वामी रामदेव को। आइएमए ने एक रोज पहले बाबा रामदेव को एक हजार करोड़ रुपये मानहानि का नोटिस देने के साथ ही 15 दिन में माफी न मांगने पर कानूनी कार्रवाई की मांग की है। वीडियो में बाबा रामदेव आइएमए के मानहानि के नोटिस पर प्रतिक्रया देते दिख रहे हैं। स्वामी रामदेव ने बताया कि ट्रेंड चला रहे हैं कि क्विक अरेस्ट स्वामी रामदेव, कभी कुछ चलाते हैं, कभी ठग रामदेव, कभी महाठग रामदेव, कभी गिरफ्तार रामदेव चलाते रहते हैं चलाने दो। इतना ही नहीं वीडियो में वह उपहास उड़ाते हुए वह पतंजलि कार्यकर्ताओं को बधाई दे रहे हैं कि इस कारण अब अपने लोगों को भी ट्रेंड चलाने की प्रैक्टिस हो गई। बाबा रामदेव की टिप्पणी से देश भर के एलोपैथिक चिकित्सकों में जबरदस्त आक्रोश है। रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्ष वर्धन ने बाबा रामदेव को पत्र लिख सख्त संदेश भी दिया था। इसमें कहा गया था कि उनकी टिप्पणी एलोपैथिक चिकित्सकों का मनोबल तोड़ने वाली हैं। पत्र में उन्होंने बाबा के कदम से कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई कमजोर होने की आशंका भी जाहिर की थी। इस पर रविवार देर रात बाबा ने खेद जताने के साथ ही इस प्रकरण को विराम देने की बात कही थी, लेकिन सोमवार को बाबा रामदेव ने फिर से एलोपैथी को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने आइएमए और फार्मा कंपनियों से पूछा है कि एलोपैथी के पास हाइपरटेंशन, थायराइड, आर्थराइटिस, कोलाइटिस, अस्थमा और लीवर सिरोसिस जैसी तमाम गंभीर बीमारियों का स्थायी समाधान क्या है। उन्होंने कहा कि अब तो एलोपैथी को शुरू हुए दो सौ साल हो चुके हैं। इसी तरह फार्मा इंडस्ट्री पर सवाल दागते हुए उन्होंने पूछा है कि क्या उनके पास माइग्रेन का स्थायी समाधान है कि एक बार दवा खाने पर यह हमेशा के लिए बंद हो जाए। वह इतने पर ही नहीं रुके पूछा कि आज आदमी बेहद क्रूर हो रहा है, एलोपैथी में उसे इंसान बनाने वाली कोई दवा हो तो बताएं। उन्होंने पूछा है कि क्या फार्मा इंडस्ट्री के पास आयुर्वेद और एलोपैथी के बीच झगड़े को खत्म करने की दवा है।
जिसके पास कोई डिग्री नहीं है, फिर भी वो सबका डाक्टर
सोशल मीडिया पर वायरल एक अन्य वीडिया में योगगुरु बाबा रामदेव पतंजलि योगपीठ में साधकों को योग क्रिया सिखाते हुए यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि एक हजार से ज्यादा डाक्टर वैक्सीन की डबल डोज लगाने के बाद भी मर गए, यह कैसी डाक्टरी। वीडियो में बाबा रामदेव यह भी कहते नजर आ रहे हैं कि डाक्टर बनना है तो स्वामी रामदेव जैसा बनो, जिसके पास कोई डिग्री नहीं है, लेकिन फिर भी वो सबका डाक्टर है। रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्ष वर्धन के कड़े पत्र के बाद बाबा रामदेव ने भले ही खेद व्यक्त करते हुए अपने वक्तव्य को वापस ले लिया हो, लेकिन सोमवार को उन्होंने फिर से एलोपैथी पर सवाल उठाए हैं। यहां तक कहा है कि, अगर एलोपैथी सर्वशक्तिमान और सर्वगुण संपन्न है तो फिर एलोपैथिक चिकित्सकों को बीमार ही नहीं होना चाहिए। बाबा रामदेव ने ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ;आइएमएद्ध और फार्मा कंपनियों के नाम खुला पत्र जारी कर 25 सवाल दागे हैं।
देशवासियों, अब तो गहरी नींद से जागो..
आचार्य बालकृष्ण ने ट्विटर पर लिखा है कि पूरे देश को क्रिश्चियनिटी में कन्वर्ट करने के षडड्ढंत्र के तहत योग )षि रामदेव को बदनाम किया जा रहा है। देशवासियों, अब तो गहरी नींद से जागो। नहीं तो आने वाली पीढ़ियां तुम्हें माफ नहीं करेंगी। बालकृष्ण के इस ट्वीट पर कांग्रेस ने एतराज जताया है। कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि इस मामले को डायवर्ट करने की कोशिश हो रही है। लेकिन बाबा रामदेव ने चिकित्सा जगत के परिप्रेक्ष्य में जो टिप्पणी की वह बेहद गंभीर है। अगर ये बात किसी और ने कही होती तो वह सींखचों के पीछे होता। उन्होंने बाबा पर कोरोना के इलाज में दिन-रात जुटे डाक्टरों का मनोबल तोड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इसके लिए उन पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में इस तरह का षडड्ढंत्र कर रहे हैं और यह भाजपा और आरएसएस के इशारे पर हो रहा है।
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