पंकज और चंद्रेश का दावा,भ्रष्टाचार के हमाम में नहीं धोये हाथ!!
एनएच 74 मुआवजा घोटालाः आईएएस अफसरों ने सौंपा नोटिस का जवाब,अब एसआईटी करेगी गोपनीय पूछताछ
देहरादून । एनएच-74 मुआवजा घोटाले में एसआइटी की जांच की फांस में फंसे आईएएस पंकज कुमार पांडे और चंद्रेश यादव से पूछताछ के लिये एसआईटी ने तैयारी पूरी कर ली है। ऊधमसिंहनगर जिले में तैनात रहे इन दोनों तत्कालीन जिलाधिकारी/आर्बिटेटर के आदेशों के चलते कई गुना अधिक मुआवजा काश्तकारों को पहुंचाने का प्रयास किया गया। हांलाकि मामला पकड़ में आने के बाद भुगतान नहीं हो पाया। जबकि कई एक मामले भी सामने आये हैं जिससे सरकार को करोड़ों को चूना लगाया जाचुका है। इस महा घोटाले की जांच में जुटी एसआइटी की टीम ने दावा किया है कि घोटाले में शामिल पीसीएस अफसरों की तरह आईएएस अफसरों के खिलाफ भी मुकदमा चलाया जायेगा। वह जल्द ही शासन के निर्देश के बाद पूछताछ करेगी। हांलाकि पूछताछ की प्रक्रिया को गोपनीय रखते हुए वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जायेगी। ताकि जांच प्रकिया में किसी भी प्रकार की बाधा डालने का प्रयास उच्चस्तरीय अधिकारियों के साथ ही सियासी नेताओं के आरोपों से बचा जा सके। एसआइटी जांच में आर्बिट्रेशन के भी कुछ ऐसे मामले सामने आए, जिसमें गड़बड़झाले की पुष्टि हुई थी। किसानों से पूछताछ के आधार पर एसआइटी ने जब सारे दस्तावेज ऽंगाले तो आर्बिट्रेशन के कई मामलों में अनियमितता सामने आई। इस पर एसआइटी ने आइएएस डॉ-पंकज पांडेय और चंद्रेश यादव के िऽलाफ जांच रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेज दी थी। शासन से आइएएस अफसरों से पूछताछ को मिले आदेश के बाद एसआइटी ने दोनों आइएएस अफसरों को नोटिस भेजा था। इस पर उन्होंने फैक्स के माध्यम से 18 अगस्त तक का समय मांगा था। इसके बाद एसआइटी ने दोनों आईएएसअफसरों को बयान देने के लिए दूसरा नोटिस भेज दिया था, लेकिन उनका जवाब नहीं आया। ऐसे में एसआइटी अब 18 अगस्त तक आईएएस अफसरों से पूछताछ कर सकती है। पूछताछ को गोपनीय रखा जायेगा और वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाएगी। पूछताछ के बाद एसआइटी अपनी रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंपेगी। बता दे कि एनएच-74 मुआवजा घपले में एसआइटी जांच रिपोर्ट में घेरे में आए आईएएस अधिकारी डॉ पंकज पांडे ने भी अपना जवाब दािऽल कर दिया। डॉ पांडे ने अपने ऊपर लगे आरोपों के बिंदुवार जवाब तो दिए, लेकिन साथ ही आईएएस चंद्रेश यादव की तरह सवाल भी ऽड़े किए हैं। बताया जा रहा है कि जिलाधिकारी और ऑर्बिट्रेटर के तौर पर दोनों पक्षों के बीच मुआवजे को लेकर सहमति बनाने की कोशिशों को जायज ठहराते हुए उन्होंने आर्बिट्रेटर के फैसलों पर अंगुली उठाने पर सवाल ऽड़े किए हैं। उधर, सरकार के सख्त रुऽ से हलकान दोनों आइएएस अधिकारियों ने कार्मिक अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से मुलाकात की। इनमें एक अधिकारी ने प्रमुऽ सचिव गृह और उत्तराऽंड आईएएस एसोसिएशन के महासचिव आनंदबर्द्धन से मुलाकात की।ऊधमसिंह नगर जिले के चर्चित एनएच-74 मुआवला घपले में पीसीएस अधिकारियों पर शिकंजा कस चुका है, वहीं पहली बार इस मामले में दो आईएएस अधिकारियों पर भी एसआइटी जांच रिपोर्ट के बाद घेरा कस गया है। वहीं इस मामले में सरकार ने जीरो टॉलरेंस के अपने रवैये को और सख्त किया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के दोनों अधिकारियों को जांच का सामना करने की नसीहत के बाद आईएएसअधिकारियों में ऽलबली है। नतीजतन छुट्टिðयों पर चल रहे उत्तफ़ दोनों अधिकारी अचानक सचिवालय पहुंचे गये। उत्तफ़ दोनों अधिकारियों को मुख्य सचिव की ओर से दिए गए नोटिस का जवाब दािऽल करने का शुक्रवार को अंतिम दिन था। आईएएस चंद्रेश यादव जहां कल अपना जवाब भेज चुके थे, वहीं डॉ पंकज पांडे ने शुक्रवार को सरकार को अपना जवाब सौंप दिया। उत्तफ़ दोनों अधिकारियों ने अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी से भी मुलाकात की। सूत्रें के मुताबिक डॉ पंकज पांडेय ने अपने जवाब में ऑर्बिट्रेटर की दोनों पक्षों में सहमति बनाकर फैसला लेने के मामले में सवाल ऽड़े किए जाने पर आपत्ति की है। उन्होंने नोटिस में उठाए गए बिंदुओं का जवाब दिया है। डॉ पंकज पांडेय ने सचिवालय में प्रमुऽ सचिव गृह और आईएएस एसोसिएशन के महासचिव आनंदवर्द्धन से भी मुलाकात की। सूत्रें के मुताबिक उन्होंने प्रमुऽ सचिव गृह से एसआइटी जांच रिपोर्ट को लेकर भी चर्चा की। इधर सरकार की ओर से शासन को निष्पक्ष रूप से जांच को आगे बढ़ाने के निर्देश दिये गये है। जबकि एन वक्त पर इसी घोटाले की जांच टीम के प्रभारी आईपीएस अधिकारी डा- सदानंद दाते की प्रतिनियुक्ति को भी रोकने का निर्णय लिया गया है। एनएस घोटाले की जांच भले ही अब अंतिम स्टेज को पार करने के करीब पहुंच चुकी है लेकिन इस जांच की फांस में आईएएस अधिकारियों का शामिल होने की चर्चायें जोरों पर है। इधर जांच टीम के नोटिस के जवाब में आईएएस पंकज और चंद्रेश ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए घोटाले में किसी भी प्रकार से शामिल होने से इनकार कर दिया है। दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि जिन मामले को लेकर एसआईटी उन्हें आरोपित बना रही है उसका तो भुगतान तक नहीं हुआ है यह कोर्ट में लंबित हैं। इधर पूछताछ के लिये तैयार बैठी एसआईटी टीम मुख्य सचिव के विदेश से लौटने का इंतजार कर रही है।