‘अमृत’ संयोग में 13 अखाड़ो के हजारों सन्यासियों ने हरकी पैड़ी पर किया शाही स्नान
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने नीलधाारा घाट पर लगाई डुबकी
हरिद्वार ;उद संवाददाताद्ध। कुंभनगरी हरिद्वार में मेष संक्रांति पर महाकुंभ का तीसरा शाही स्नान किया जा रहा है। शाही स्नान में सभी 13 अखाड़े भाग ले रहे हैं। अखाड़ों का शाही काफिला अपने-अपने समय में स्नान को हर की पैड़ी घाट पहुंच रहे हैं। जबकि देशभर से लाखो की सख्या में श्रद्धालुओ की भीड़ गंगा स्नान के लिये हरिद्वार पहुंच रही है। सबसे पहले श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी और उसके सहयोगी अखाड़ों ने आस्था की डुबकी लगाई। इसके बाद अन्य 13 अखाड़ो के संत महात्मा शाही स्नान के लिये निर्धारित समय के अनुसार पहुचते रहे। इस दौरान अखाड़ों का वैभव देखते ही बन रहा है। वहीं, ज्योतिष और शारदा पीठ के पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने नीलधारा गंगा तट पर शाही स्नान किया। बता दें कि अखाड़ों के स्नान के दौरान हर की पैड़ी पर आम श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रखा गया है। उन्हें अन्य घाटों पर स्नान करने के लिये भेजा जा रहा है। आज प्रातः कुंभ मेला प्रशासन के मुख्य अधिकारी दीपक रावत के साथ पुलिस व प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने हरकी पैड़ी पहुंचकर गंगा पूजन किया साथ ही श्रद्धालुओं को कोरोना महामारी से बचाव और गाईडलाईन का पालन करने के लिये जागरूक किया। मेलाधिकारी दीपक रावत के अनुसार स्नान सुबह साढ़े आठ बजे से शुरू हुआ, जो शाम साढ़े पांच बजे तक चलेगा। शास्त्रें के अनुसार मेष संक्रांति पर अमृत योग में होने वाले इस शाही स्नान को कुंभ का मुख्य स्नान माना गया है। मेलाधिकारी दीपक रावत ने बताया कि शाही स्नान के लिए हरकी पैड़ी को अखाड़ों के लिए आरक्षित रखा गया है। उन्होंने बताया कि औपचारिक रूप से दूसरे शाही स्नान पर अखाड़ो को व्यवस्थित रूप से गंगा स्नान के लिये आमंत्रित किया गया है। श्रद्धालु कोविड गाईडलाईन और मेलाप्रशासन की व्यवस्थाओं का पालन करते हुए हरकी पैड़ी पर स्नान कर सकते हैं। कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच उत्तराखंड के हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन चल रहा है। कुंभ में श्रद्धालु लाखों की तादाद में आस्था की डुबकी लगाने के लिए धर्मनगरी पहुंच रहे हैं। इस बीच बीच कोरोना का प्रकोप भी लगातार बढ़ता जा रहा है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से सैंपलिंग तेज कर दी गई है। तीन दिन में विभाग की ओर से डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालुओं की सैंपलिंग की गई, इनमें 961 कोरोना संक्रमित मिले हैं।
कोविड गाइडलाइन के तहत श्रद्धालुओं को मास्क लगाने, शारीरिक दूरी मानकों का पालन करने को लेकर जागरूक किया जा रहा है। कुंभ के दूसरे शाही स्नान को लेकर भी स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां पूरी होने का दावा किया है। महाकुंभ के तहत वैशाखी पर्व के अवसर पर ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट में सुबह तड़के से ही श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंचे। यहां हजारों श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई। ऋषिकेश और आसपास क्षेत्र में यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए देहरादून से आने वाले ट्रैफिक को बाया बैराज चीला की ओर से निकाला जा रहा है। जबकि हरिद्वार से ऋषिकेश आने वाले श्रद्धालुओं को नेपाली फार्म से शहर प्रवेश में कोई दिक्कत नहीं है। ऐसे वाहनों को सिर्फ घोषित पार्किंग तक ही पहुंचने की अनुमति है। यहां से शटल सेवा की बसें इन श्रद्धालुओं को स्नान घाट तक पहुंचाने के लिए लगाई गई है। अभी तक शटल बस सेवा की जरूरत नहीं पड़ी है। क्योंकि हरिद्वार से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या ना के बराबर है। ऋषिकेश और आसपास क्षेत्र में स्थानीय श्रद्धालुओं ही गंगा स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। त्रिवेणी घाट में सुबह चार बजे ब्रह्म मुहूर्त से स्नान शुरू हो गया था। यहां पक्के घाटों पर जल पुलिस, आपदा प्रबंधन दल की तैनाती की गई है। इनके अतिरिक्त यहां चप्पे-चप्पे पर स्थानीय पुलिस, कुंभ मेला पुलिस और आईटीबीपी के जवानों की तैनाती की गई है। त्रिवेणी घाट में बीते रोज एक नागा संन्यासी सहित कुछ लोग पाॅजिटिव मिले थे। जिसके बाद कुंभ मेला प्रशासन ने यहां विशेष रूप से मास्क को लेकर सख्त रुख अख्तियार किया है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की एंटीजन जांच करने वाली टीम अभी यहां नहीं पहुंची है। त्रिवेणी घाट में शांतिपूर्ण तरीके से स्नान चल रहा है। प्रमुख स्नान घाट तक जाने वाले सभी मार्गों पर बैरिकेट लगाकर पुलिस की तैनाती की गई है। यहां चार पहिया वाहनों का प्रवेश वर्जित रखा गया है। कम भीड़ को देखते हुए अभी दुपहिया वाहनों के प्रवेश पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।कोरोना की दूसरी लहर से कुंभ की तैयारियों में जुटे सेहत महकमे की पेशानी पर बल तो पड़ा है, लेकिन विभाग की ओर से हाईकोर्ट के आदेशों के अनुपालन में रोजाना 50 हजार कोविड जांच लक्ष्य हासिल करने की भी कवायद की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर यकीन करें तो कुंभ के पहले शाही स्नान से दो दिन पहले ही सैंपलिंग की रफ्तार बढ़ा दी गई। 10 से 12 अप्रैल तक विभाग की ओर से 1,52,271 श्रद्धालुओं की कोविड जांच हुई। इनमें 1,34,349 श्रद्धालुओं की रैपिड एंटीजन और 17922 श्रद्धालुओं की आरटीपीसीआर जांच हुई। इनमें कुल 961 कोरोना संक्रमित आए। संक्रमित मरीजों में कइयों को जहां बाॅर्डर से लौटा दिया गया। वहीं, कई बाबा बर्फानी, गुरुकुल आयुर्वेदिक काॅलेज समेत विभिन्न कोविड केयर सेंटर ;सीसीसीद्ध में भर्ती कराए गए। स्थानीय निवासियों को होम आइसालेट किया गया है। कुंभ के दूसरे शाही स्नान को लेकर भी स्वास्थ्य विभाग ने बाॅर्डर समेत 73 स्थानों पर स्क्रीनिग और कोविड जांच के लिए 100 से ज्यादा टीम लगाई गई है। वहीं, 108 एंबुलेंस सेवा की 132 और स्वास्थ्य विभाग की 12 एंबुलेंस भी जगह-जगह तैनात रहेंगे। भीड़भाड़ वाले स्थानों पर छह बाइक एंबुलेंस भी तैनात रहेगी। सीएमओ हरिद्वार डाॅ. एसके झा का ने बताया कि कुंभ के पहले शाही स्नान पर डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालुओं की जांच हुई। इनमें 961 पाॅजिटिव आए। कोविड को देखते हुए आगामी शाही स्नानों पर सैंपलिंग में तेजी लाई जाएगी। श्रद्धालुओं को कोविड प्रोटोकाॅल को लेकर जागरूक भी किया जा रहा है।