महाकुम्भ के पहले शाही स्नान पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब,लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में की डुबकी
कोविड गाईडलाईन की उड़ी धाज्जियां, आईजी ने जतायी भगदड़ की आशंका
देहरादून/हरिद्वार। सोमवती अमावस्या पर कुंभ महापर्व में औपचारिक रूप से पहले शाही स्नान के लिए निरंजनी अखाड़े का काफिला हरकी पैड़ी पहुंचा और सबसे पहले अखाड़े ने शाही स्नान किया। इसके बाद श्री पंचदशानम् जूना अखाड़ा शाही स्नान के लिए पहुंचा। इसके साथ अग्नि, आ“वान, किन्नर अखाड़ा स्नान कर रहे हैं। आपको बता दें कि हरकी पैड़ी पर ब्रह्म कुंड को अखाड़ों के लिए आरक्षित रखा गया है। इस दौरान आम श्रद्धालु हरकी की पैड़ी पर प्रवेश नहीं कर सकेंगे। उन्हें अन्य घाटों पर स्नान करना होगा। शाही स्नान के लिये सुबह साढ़े आठ बजे से शुरू होकर शाम साढ़े पांच बजे तक चलेगा। सभी तेरह अखाड़ों के लिए अलग-अलग समय निर्धारित किया गया है। इससे पूर्व शाही स्नान के लिए हरकी पैड़ी पर भीड़ उमड़ पड़ी है। कुंभ पुलिस के अनुसार यात्रियों की संख्या 20 लाख के पार हो गई है। ऐसे में कोविड नियम की धाज्जियां उड़ती दिख रही है। कुंभ मेला आईजी संजय गुंजयान का कहना है कि हम लोगों से लगातार कोविड नियमों के पालन का आग्रह कर रहे हैं लेकिन भारी भीड़ के कारण यह व्यावहारिक रूप से असंभव है। आईजी का कहना है कि भारी भीड़ को देखते हुए यहां घाट पर सामाजिक दूरी जैसे नियम का पालन करा पाना नामुमकिन है। अगर हमने ऐसा कराने की कोशिश की तो भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है इसलिए हम ऐसा नहीं कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि घाट पर सवेरे 7 बजे तक आम लोगों के लिए स्नान करने दिया जाएगा इसके बाद यह स्थान अखाड़ों के लिए आरक्षित रहेगा। हम हालात पर नजर बनाए हुए हैं। कुंभ के शाही स्नान के लिए रविवार शाम तक कुंभनगरी में सात लाख श्रद्धालु पहुंच चुके थे। इससे सभी होटल भी फुल हो चुके हैं। रविवार की शाम अचानक से तेजी के साथ श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। रात नौ बजे तक शाही स्नान के लिए काफी संख्या में लोग पहुंच चुके थे। शहर के अधिकांश होटल श्रद्धालुओं से पैक हो गए थे। आईजी कुंभ मेला संजय गुंज्याल ने बताया कि सात लाख के आसपास श्रद्धालु कुंभनगरी में पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं के लगभग तीस हजार वाहन भी विभिन्न पार्किंगों में पार्क किए गए हैं।अपर मेलाधिकारी डाॅ. ललित नारायण मिश्र ने सोमवती अमावस्या के शाही स्नान को सकुशल संपन्न कराने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की। शाही स्नान से संबंधित सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त किए जाने के निर्देश दिए। हरकी पैड़ी क्षेत्र का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं देखी। अपर मेलाधिकारी ने सभी सेक्टरों के पार्किंग में पेयजल, लाइटिंग, शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित कर निगरानी करने के निर्देश दिए। सेक्टरों में स्थित अस्पतालों में आकस्मिक चिकित्सा के प्रबंध 24 घंटे बनाए रखने और शिफ्टवार डाक्टर और अन्य स्टाफ की अनिवार्य उपस्थिति रहने के निर्देश दिए। नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र बीर बिक्रम शाह देव भी सोमवती अमावस्या का शाही स्नान करने पहुंचे है। वह निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के साथ शाही स्नान में शामिल हुए। ज्ञानेंद्र बीर बिक्रम शाह देव स्वामी कैलाशानंद गिरि के साथ ही शाही स्नान जुलूस में शामिल हुए। कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार कुंभ औपचारिक तौर पर एक अप्रैल से आरंभ हुआ। पहले शाही स्नान में सभी 13 अखाड़े भाग लेंगे। इससे पहले परंपरा के अनुसार महाशिवरात्रि पर्व पर सात संन्यासी अखाड़ों ने ही स्नान किया था। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद पहले ही अखाड़ों का स्नान क्रम तय कर चुका है। इसके अनुसार सोमवार को सर्वप्रथम श्रीपंचायती अखाड़ा श्रीनिरंजनी स्नान करेगा। उसके साथ आनंद अखाड़ा रहेगा।इसके बाद श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े का क्रम तय किया गया है। जूना के साथ अग्नि, आ“वान और किन्नर अखाड़ा स्नान करेंगे। अगली बारी महानिर्वाणी की है, उसके साथ अटल अखाड़ा भी स्नान करेगा। फिर दिंगबर अणि, निर्वाणी अणि और निर्माेही अणि और अगले क्रम में बड़ा और नया उदासीन अखाड़ा रहेगा। अंत में निर्मल अखाड़े के साथ ही शाही स्नान संपन्न हो जाएगा। पुलिस महानिरीक्षक ;कुंभ मेलाद्ध संजय गुंज्याल ने बताया कि स्नान के लिए प्रत्येक अखाड़े को आधा घंटे का समय तय किया गया है। अखाड़ों का अंतिम स्नान शाम साढ़े पांच बजे तक चलेगा। इसके बाद गंगा आरती की जाएगी। गुंज्याल ने बताया कि हरकी पैड़ी तक पहुंचने के लिए अखाड़ों का मार्ग भी तय कर दिया गया है। हरिद्वार में कुंभ पर्व का आज दूसरा शाही स्नान है । सोमवती अमावस्या के दिन शाही स्नान पर कुंभ मेला पुलिस ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हरकी पैड़ी पर स्नान करने के लिए राहत दी है। सुबह आठ बजे तक गंगा घाटों पर लगभग दस लाख भक्तों ने डुबकी लगाई। श्रद्धालु सुबह सात बजे तक स्नान कर पाए। इसके बाद आम श्रद्धालु हरकी पैड़ी क्षेत्र में नहीं जा पाए, क्षेत्र अखाड़ों के संतों के स्नान के लिए आरक्षित है। शहर के अंदर चारपहिया, आटो व ई-रिक्शाओं को देवपुरा चैक से आगे नहीं जाने दिया जा रहा है। आईजी मेला ने बताया कि शाही स्नान के दौरान जाने वाले वाहनों की संख्या 100 से ज्यादा नहीं होगी। इसके साथ ही हाथी एवं घोड़ों की संख्या भी कम रहेगी। महामंडलेश्वर अपने साथ 25 से ज्यादा भक्तजन नहीं ले जा सकेंगे। वहीं जुलूस में पांच से ज्यादा बैंड डीजे वाले नहीं होंगे। संजय सेतू पर कोई भी अखाड़ा खड़ा नहीं होगा। साधु-संतों के साथ नियुक्त गनर पुल नंबर एक से प्रवेश कराने के बाद पुलिस नंबर चार पर पहुंचेंगे। क्योंकि पुलिसकर्मी चमड़े की बेल्ट व जूते पहने रहते हैं। जिसके चलते वह ब्रह्मकुंड पर नहीं जा सकेंगे। कोई भी विदेशी फोटोग्राफर साधु-संतों के साथ नहीं जाएगा। शाही स्नान के जुलूस के दौरान पारंपरिक अस्त्रों के अलावा कोई भी अन्य अस्त्र-शस्त्र नहीं ले जा पाएंगे। जुलूस में शामिल होने वाले सभी जानवरों को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी स्वयं आयोजकों की होगी। वहीं मेला क्षेत्र में लगाए पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं के साथ मधुर व्यवहार करेंगे। श्रद्धालुओं से कोविड के संक्रमण से बचाव को लेकर नियमों का पालन करने के साथ ही मास्क व सेनेटाइजर का उपयोग करने की अपील भी कर रहे हैं।
कोरोना की सख्त गाईडलाईन पर भारी पड़ी श्रद्धालुओं की आस्था
हरिद्वार। हरिद्वार कुंभ सोमवती अमावस्या के पहले शाही स्नान पर ब्रह्ममूहुर्त में ही श्रद्धालु सोमवती अमावस्या स्नान पर पुण्य लाभ कमाने को हरकी पैड़ी समेत आसपास के गंगा घाटों पर पहुंचने लगे। श्रद्धालुओं की आस्था के आगे कोरोना संक्रमण का खौफ कहीं नहीं दिखा और सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड सहित अन्य गंगा घाटों पर स्नान करने लगी। वहीं, हर की पैड़ी पर सूर्याेदय पर सुबह की गंगा आरती हुई। श्रद्धालुओं ने गंगा पूजन के साथ ही गंगा में डुबकी लगाई और पुण्य लाभ कमाया। 13 अखाड़ों के स्नान शाही स्नान के चलते श्रद्धालु रोक-टोक से पहले ही हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर स्नान कर लेना चाह रहे थे। बावजूद इसके उन्हें अधिक देर तक हरकी पैड़ी पर स्नान को ठहरने नहीं दिया जा रहा था। कड़ी सुरक्षा में एक-दो डुबकी लगाकर श्रद्धालुओं को हरकी पैड़ी से अन्य घाटों की ओर भेजा जा रहा था। दिन चढ़ने के साथ ही हरकी पैड़ी को पूरी तरह अखाड़ों के लिए आरक्षित कर दिया गया है। कोरोनाकाल में कुंभ होने के कारण केंद्र सरकार की ओर से भले ही एसओपी जारी की गई, प्रशासन ने कड़े बंदोबस्त किए हों। श्रद्धालुओं को हरिद्वार में प्रवेश भी कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट ओर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद दिया गया। बावजूद इसके आस्था के सामना कोरोना की लाख बंदिशें बौनी नजर आई। वैसे तो हरकी पैड़ी पर रात 12 बजे के बाद से ही सोमवती अमावस्या का स्नान शुरू हो गया था। पर, इसमें तेजी भोर में ब्रह्ममूहुर्त के बाद से आई। हरकी पैड़ी सहित अन्य घाटों पर स्नान का क्रम ओर तेज हो गया। हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को एक-दो डुबकी लगाने के बाद दूसरे गंगा घाटों पर भेजना शुरू किया गया। कड़ी सुरक्षा के चलते दिन चढ़ने के साथ ही यात्रियों को हरकी पैड़ी जाने से रोकना शुरू कर दिया गया। ऐसे में यात्रियों ने दूसरे गंगा घाटों पर ही सोमवती अमावस्या पर पुण्य की डुबकी लगाई। साथ ही दान आदि कर पितरों को याद भी किया।
दूरदर्शन और डीडी उत्तराखंड पर शाही स्नान का सीधा प्रसारण
हरिद्वार। कुंभ महापर्व-2021 के तीन शाही स्नानों का दूरदर्शन नेशनल और डीडी उत्तराखंड चैनल पर सीधा प्रसारण किया जा रहा है। 12 अप्रैल, 14 और 27 अप्रैल के शाही स्नानों की प्रतिदिन सात घंटे हरिद्वार से सीधा प्रसारण होगा। इसके लिए दूरदर्शन और सूचना और लोक संपर्क विभाग, उत्तराखंड के मध्य करार हुआ है। प्रसारण की लागत सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग उत्तराखंड और दूरदर्शन वहन करेगा। प्रसारण के लिए दूरदर्शन की टीम हरिद्वार पहुंच चुकी है और आवश्यक व्यवस्था जुटा रही है। दूरदर्शन कुंभ के शाही स्नान का आंखों देखा हाल प्रस्तुत करने के लिए विद्वतजनों का सहयोग ले रही है। हिंदी में कमेंट्री के लिए डाॅ. देवी प्रसाद त्रिपाठी, कुलपति, उत्तराखंड संस्कृत विश्व विद्यालय, डाॅ. बुद्धिनाथ मिश्र ;देहरादूनद्ध, डाॅ. शैलेश तिवारी, डाॅ. शैलेन्द्र उनियाल;देवप्रयागद्ध, आनंद श्रीवास्तव ;दिल्लीद्ध, लक्ष्मी शंकर बाजपेयी;दिल्लीद्ध, शशि शर्मा और ब्रह्मचारी वागीश को आमंत्रित किया गया है। अंग्रेजी में विवरण के लिए प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल, कुलपति, दून विश्व विद्यालय, प्रोफेसर दाताराम पुरोहित और लोकेश अहोरी उपलब्ध रहेंगे। दूरदर्शन के कुंभ महापर्व के नोडल अधिकारी डाॅ. सुभाष चंद्र थलेडी ने बताया कि 12, 14 और 27 अप्रैल को प्रातः 9 बजे से अपरार् िं4 बजे तक हरिद्वार से सीधा प्रसारण किया जाएगा, जो दूरदर्शन नेशनल और दूरदर्शन उत्तराखंड के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा। इस सजीव प्रसारण को सफल बनाने के लिए दूरदर्शन के लगभग डेढ़ सौ प्रोडड्ढूसर, रिपोर्टर, एंकर, इंजीनियर, कैमरामैन और सपोर्टिंग स्टाफ हरिद्वार में तैनात है।
शाही स्नान पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था,अर्द्ध सैनिक बलों के जवान मुस्तैद
हरिद्वार। शाही स्नान पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के लिए एनएसजी और एटीएस से लेकर अर्द्ध सैनिक बलों के जवान मुस्तैद हैं। सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों की डड्ढूटी जारी हो गई है। मेला क्षेत्र में फोर्स ने देर रात से मोर्चा संभाल लिया है। आईजी मेला संजय गुंज्याल के मुताबिक शाही स्नान के लिए एसपी 11, एएसपी 01, एडिशनल एसपी 22, एडिशन एसपी संचार 02, डिप्टी एसपी 37, डिप्टी एसपी संचार 03, सीएफओ अग्निशमन 01, जेडओ अभिसूचना 02, डिप्टी एसपी प्रशिक्षु 19 की तैनाती की गई है। नागरिक पुलिस के इंस्पेक्टर 124, उपनिरीक्षक 342, महिला उपनिरीक्षक 76, हेड कांस्टेबल 182, आरक्षी 2463 और महिला आरक्षी 504 की तैनाती की गई है। यातायात पुलिस से एसआई तीन, हेड कांस्टेबल 25 और आरक्षी 124 तैनात किए हैं। अर्धसैनिक बलों में सीपीएमएफ की 30 कंपनी, यूपी पीएसी की 10 कंपनी, उत्तराखंड पीएसी की 15 कंपनी के जवान लगाए गए हैं। संचार में 169, एलआईयू के विशेष शाखा 218 कर्मचारी स्नान की डड्ढूटी दे रहे हैं।उत्तराखंड होमगार्ड के 2500, राजस्थान होमगार्ड के 2000, पीआरडी के 1889, घुड़सवार दस्ता नौ टीम, जल पुलिस की सात टीम, आपदा राहत दल 9 टीम, एसडीआरएफ की दो टीम, एनडीआरएफ की दो टीम, एटीएस की दो टीम, एनएसजी की एक टीम, बम निरोधक दस्ता की 12 टीम मय 12 डाॅग, अग्निशमन शाखा की 41 टीमें लगाई हैं। स्पोट्र्स कोटे से भी 94 कर्मचारियों की कुंभ डड्ढूटी लगाई गई है।
मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं को दी शुभकामनायें
देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भगवान शिव की आराधना की प्रतीक पुण्यदायी मौनी और सोमवती अमावस्या की हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि भगवान गौरीशंकर के आशीर्वाद से सभी के जीवन में हमेशा सुख-शांति बनी रहे। कुंभ को भव्य, दिव्य और सुरक्षित बनाने की दिशा में हम निरंतर कार्य कर रहे हैं। इस पावन अवसर पर कुंभ में गंगा स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित करें। हमने बाॅर्डर पर आरटीपीसीआर की व्यवस्था करवाई है। बाहर से आने वाले सभी श्रद्धालुओं को टेस्टिंग के बाद ही स्नान के लिए आगे भेजा जा रहा है। कुंभ 12 साल में एक बार आता है इसलिए सभी श्रद्धालुओं और साधु-संतों के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं। साथ ही उन्होंने आग्रह है कि कोविड को लेकर केंद्र सरकार ने निर्धारित की गई गाइडलाइन का शत-प्रतिशत पालन अवश्य करें। मास्क, सेनेटाइजेशन किट आदि की पूरी व्यवस्था है और इसकी कोई कमी नहीं है। नियमों का पालन करते हुए प्रदेश सरकार की ओर से कुंभ को भव्य बनाने की हर संभव कोशिश की जा रही है।