महाकुंभ में सोमवार को दूसरा शाही स्नान:श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की संभावना, यातायात प्लान जारी

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कुंभ मेलाअधिकारियो ने अखाड़ो के संतो के साथ व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया
हरिद्वार। महाकुंभ में सोमवार 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या का शाही स्नान है।  सोमवती अमावस्या पर स्नान करने से 12 गुना अधिक फल प्राप्त होता है। इसलिए 12 अप्रैल को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की संभावना है। मेला पुलिस-प्रशासन इसकी तैयारियों में जुट गया है। हांलाकि कोविड गाईडलाईन के लिये सख्त दिशा निर्देश जारी किये गये है। यात्रियो के साथ ही श्रद्धालुओं से भी कोविड रिपोर्ट साथ लाने की अनिवार्यता से आम श्रद्धालुओं में मायूसी छायी हुई है। जबकि हरिद्वार के लघु व्यापारी वर्ग व धार्मिक सामग्री के व्यवसायियो ने भी मेला प्रशासन ने व्यवस्थाओं में राहत देने की अपील की है। मेलाधिकारी श्री दीपक रावत और आईजी कुंभ मेला श्री संजय गुंज्याल ने भल्ला कालेज स्टेडियम में बने कुंभ मेला पुलिस लाइन में विभिन्न अखाड़े के संत महात्माओं के साथ आगामी शाही स्नान को लेकर विचार विमर्श किया। इस अवसर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि जी महाराज, श्री महंत सत्यगिरि जी, श्री पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव और मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री महंत रविन्द्र पुरी जी महाराज, श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाण कनखल के श्री महंत रवींद्र पुरी जी महाराज, अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अणि अखाड़े के श्री महंत धर्मदास, श्री अग्नि अखाड़े के अध्यक्ष सम्पूर्णानंद ब्र“चारी, श्री महंत रामदास सहित अन्य अखाड़े के पूज्य संतों का माल्यार्पण कर शाल और अंगवस्त्र ओढ़ाकर स्वागत व अभिनंदन किया गया। इसके बाद आईजी कुंभ श्री संजय गुंज्याल ने अखाड़े के संतों को आगामी शाही स्नान के रूट, समय और व्यवस्थाओं की विस्तार से जानकारी दी। मेलाधिकारी श्री दीपक रावत ने कहा कि आपसी सौहार्द और समन्वय से शाही स्नान और महाकुंभ का दिव्य और भव्य आयोजन हो सकेगा। प्राच्य विद्या सोसायटी के अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य डाॅ. प्रतीक मिश्रपुरी के मुताबिक शनिवार को जब अमावस्या होती ही तो शनिश्चरी अमावस्या कही जाती है। ये पितृ कार्यों के लिए होती है। मंगलवार को अमावस्या होने पर उसे भौमवती अमावस्या कहते हैं और इसमें कठोर कार्य किए जाते हैं। लेकिन सोमवार को अमावस्या होने पर सोमवती अमावस्या कहते हैं। कुंभ साल में इसकी महत्ता अधिक हो जाती है। ज्योतिषाचार्य डाॅ. प्रतीक मिश्रपुरी बताते हैं सोमवती अमावस्या में स्नान और दान करने से समस्त पापों का नाश होता है। साथ में प्रचुर मात्रा में लक्ष्मी प्रदान करता है। 12 अप्रैल इस संवत का आखिरी दिन है। इस दिन सोमवती अमावस्या पूर्व के कुंभ वर्षों में देखने को नहीं मिलती है। इस दिन किया दान, पीपल की परिक्रमा, लक्ष्मी प्रदान करने वाली होगी। इस दिन कुंभ लग्न में किया हुआ स्नान 12 गुना फल देगा और कुंभ लग्न सुबह चार बजे से पांच बजे तक होगा। इसके बाद दोपहर 12 बजे से 12.45 भी स्नान किया जा सकता है। महाकुंभ के 12 और 14 अप्रैल के शाही स्नानों को लेकर पुलिस ने यातायात प्लान जारी कर दिया है। आईजी कुंभ मेला संजय गुंज्याल के मुताबिक भीड़ की संभावित परिस्थितियों, श्रद्धालुओं और स्थानीय जनता की सुविधा को देखते हुए यातायात प्रतिबंध लागू किए जाएंगे। शहरी क्षेत्र में अत्यधिक दबाव बढ़ने पर ही रूट बदला जाएगा। रूट प्लान 11 अप्रैल की रात से लागू हो जाएगा।बड़े एवं छोटे वाहन- नगला इमरती सर्विस लेन से लक्सर रोड के लिए डायवर्ट होंगे। वाहन लक्सर मार्ग से जगजीतपुर पार्किंग/मातृसदन होकर दक्षद्वीप पार्किंग पहुंचेंगे। वाहनों को सिंहद्वार से राष्ट्रीय राजमार्ग होते हुए बहादराबाद-रुड़की से वापस भेजा जाएगा। जगजीतपुर एवं दक्ष द्वीप पार्किंग भरने और इस मार्ग में यातायात का दबाव अधिक होने पर वाहनों को गौरीशंकर पार्किंग में लाया जाएगा। इसी मार्ग से वाहनों को वापस भेजा जाएगा। रोडवेज बसों को नगला इमरती सर्विस लेन से लक्सर रोड के लिए डायवर्ट किया जाएगा। बसें लक्सर मार्ग से/बैरागी पार्किंग/मातृसदन होकर दक्ष द्वीप पार्किंग पहुंचेंगी। बसों को सिंहद्वार से एनएच 58 होते हुए बहादराबाद-रुड़की होकर वापस भेजा जाएगा। रोडवेज की बसें धीरवाली पार्किंग में बने अस्थाई बस अîóे पर पार्क होंगी और वापसी सीआईएसएफ तिराहे से शिवालिक नगर, बैरियर नंबर छह से बहादराबाद रुड़की होकर होगी।बड़े एवं छोटे वाहनः भगवानपुर होते हुए ईमलीखेड़ा, धनौरी पुल पार करते हुए कांवड़ पटरी से पीपल तिराहा बहादराबाद, सलेमपुर तिराहे, सिडकुल मार्ग, चिन्मय डिग्री काॅलेज, शिवालिक नगर तिराहे, बीएचईएल मध्य मार्ग से सेक्टर-4 पीठ के पीछे धीरवाली पार्किग में खड़ा कराया जाएगा। वाहनों की वापसी शिवालिक नगर तिराहा से बैरियर नंबर छह, बहादराबाद, रुड़की एनएच 58 से से कराई जाएगी।बड़े और छोटे वाहन: गौरीशंकर के पार्किंग पर खड़े होंगे। वाहनों को हरिद्वार- नजीबाबाद मुख्य सड़क से वापस भेजा जाएगा। पार्किंग भरने पर नजीबाबाद- कोटद्वार की तरफ से आने वाले वाहनों को कांगड़ी पर बने निर्धारित पार्किंग स्थल पर खड़ा कराया जाएगा।रोडवेज बसों को गौरीशंकर बस स्टैंड पर पार्क कराया जाएगा। वापसी हरिद्वार-नजीबाबाद मुख्य सड़क होगी। पार्किंग स्थल भरने पर नजीबाबाद-कोटद्वार की तरफ से आने वाली बसों को कांगड़ी पर बने निर्धारित पार्किंग स्थल पर पार्क किया जाएगा। गौरीशंकर/नीलधारा में बने पार्किंग स्थलों से जो वाहन ऋषिकेश जाना चाहते है उन्हें चीला रोड से वीरभद्र बैराज होकर भेजा जाएगा। बड़े वाहनों को दूधाधारी तिराहे के पास बने निर्धारित पार्किंग स्थल पर खड़ा कराया जाएगा। पार्किंग स्थल भरने पर वाहनों को दूधियाबंध कृषि भूमि पर बनी पार्किंग पर लाया जाएगा। पार्किंग भरने पर वाहनों को मोतीचूर रेलवे फाटक के पास मोतीचूर-रोह पर बने पार्किंग में खड़ा कराया जाएगा। ऋषिकेश की तरफ से आने वाले वाहनों को श्यामपुर बाईपास गुमानीवाला में निर्धारित पार्किंग में पार्क कराया जाएगा।छोटे वाहन हरिपुर कलां मार्ग से होकर सप्तऋषि आश्रम के सामने सप्तऋषि पार्किंग स्थल पर पार्क कराया जाएगा। वापसी पुरानी भूपतवाला चैकी से मुख्य मार्ग से वापस भेजा जाएगा। सप्तऋषि पार्किंग स्थल भरने पर देहरादून, ऋषिकेश की तरफ से आने वाले छोटे वाहनों को शांति कुंज के सामने बने पार्किग स्थल पर पार्क कराया जाएगा। उत्तराखंड, हिमाचल की बसों को दूधाधारी चैक से मोतीचूर रेलवे स्टेशन के पास बने निर्धारित पार्किंग स्थल पर पार्क कराया जाएगा और इसी मार्ग से वापस भेजा जाएगा।

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