करोड़ों की देनदार सुपरटेक कंपनी पर अफसर मेहरबान
राज्य आंदोलनकारी ने सीएम को पत्र लिखकर की जांच की मांग
रूद्रपुर। सरकार का करोड़ों का भुगतान दबाकर बैठी नामी गिरामी आवासीय कम्पनी सुपरटैक पर सिडकुल के अधिकारी मेहरबान है। कार्रवाई के नाम पर कंपनी के खिलाफ आज तक कोई एक्शन नहीं हुआ। मामले को लेकर राज्य आंदोलनकारी अवतार सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जांच की मांग उठाई है। निष्पक्ष जांच की जाये तो मामले में कई अधिकारियों की गर्दन फंस सकती है। बता दें वर्ष 2010 में सिडकुल ने आवासीय कालोनी विकसित करने के लिए सुपरटैक को जमीन आवंटित की थी। पता चला है कि जो भुगतान सुपरटैक द्वारा शासन को करना था वह अभी तक नहीं किया गया है। उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद के अध्यक्ष अवतार सिंह बिष्ट ने इस सम्बंध में सीएम को लिखे एक पत्र में खुलासा किया है कि करोड़ों का भुगतान दबाकर बैठी सुपरटैक कंपनी जमीन को बेचकर भुगतान अपने मुख्यालय नोएडा ले जा रही है जबकि भुगतान की िनर्धारित समय सीमा भी समाप्त हो चुकी है जिसके बाद नियमानुसार आवंटन भी निरस्त किया जाना चाहिए। अवतार सिंह बिष्ट ने बताया कि कुछ समय पूर्व भुगतान नहीं करने के कारण सुपरटैक की आरसी काट दी गयी थी लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से बिना भुगतान के ही आरसी वापस कर दी गयी। अवतार सिंह के मुताबिक इस भूमि की रजिस्ट्री पर फिलहाल रोक लगी हुयी है और कोई भी बैंक इस पर ऋण भी नहीं दे रहा है, बावजूद इसके सुपरटैक धड़ल्ले से प्लाटों को बेचने में लगा हुआ है। अवतार सिंह ने उत्तराखण्ड के मूल निवासियों के साथ धोखा होने का अंदेशा व्यक्त करते हुए कहा कि सुपरटैक प्लाटों को बेचकर उत्तराखण्ड के मूल निवासियों की मेहनत का पैसा अपने खाते जमें जमा करा देगा ऐसे में खरीददार के न तो उन्हें प्लाट मिलेगा न ही सरकार को राजस्व प्राप्त होगा। अवतार सिंह ने आगे कहा कि सुपरटैक द्वारा वर्तमान तक आईएफएमएस का भुगतान नहीं किया गया है जबकि अपने अन्य योजन के भी भूखण्ड विक्रय करने आरम्भ कर दिये हैं। राज्य आंदोलनकारी बिष्ट ने पत्र में कहा है कि सुपरटैक ने करीब 70 करोड़ से भी अधिक का भुगतान सिडकुल को देना है। लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से यह भुगतान सरकार के खाते में जमा नहीं हुआ है। यदि सरकार ईमानदारी से जांच करे तो कई भ्रष्ट अधिकारी बेनकाब हो सकते हैं। अवतार सिंह बिष्ट ने मामले में सिडकुल में कार्यरत अधिकारियों कर्मचारियों की भी जांच की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि जो धनराशि 3 वर्ष में भुगतान की जानी थी वह आखिर 10 वर्ष में भी क्यों नहीं की गयी है यह बड़ा सवाल है। अवतार सिंह बिष्ट ने इस मामले में न्यायपूर्ण कार्रवाई नहीं होने पर 14 अप्रैल से आंदोलन की चेतावनी भी दी है।