कुंभ मेले की औपचारिक शुरुआत, पंजीकरण अनिवार्य, बाॅर्डर पर कोरोना जांच

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हरकी पैड़ी पर मेला अधिकारी दीपक रावत और आईजी कुंभ संजय गुंज्याल ने मां गंगा की पूजा
देहरादून/हरिद्वार(उद ब्यूरो)। देवभूमि उत्तराखंड में एक अप्रैल से हरिद्वार महाकुंभ-2021 की औपचारिक शुरुआत हो गई है। 30 अप्रैल तक चलने वाले महाकुंभ में गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं को कोविड-19 की 72 घंटे पहले तक की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट अथवा वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र लाना होगा। पहले दिन पुलिस द्वारा सभी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। वहीं गुरुवार को कुंभ के पहले दिन हरकी पैड़ी पर मेला अधिकारी दीपक रावत और आईजी कुंभ संजय गुंज्याल ने मां गंगा की पूजा की। इस दौरान उन्होंने कुंभ के सफल संचालन की प्रार्थना की। कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत के अनुसार मेला प्रशासन की तैयारियां पूरी हैं। हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं का स्वागत है और कोरोना की मानक संचालन प्रक्रिया ;एसओपीद्ध का पालन कराया जाएगा। कोविड निगेटिव रिपोर्ट के साथ मास्क की अनिवार्यता है। घाटों पर शारीरिक दूरी के लिए गोले बनाए गए हैं। सैनिटाइजेशन के लिए बूथ और टीमें लगाई गई हैं। मेला आईजी संजय गुंज्याल ने बताया कि जिले के सभी बाॅर्डर पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती कर चेकिंग शुरू कर दी है। पंजीकरण कराने के बाद हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं को सीधे प्रवेश दिया जा रहा है। महाकुंभ की अवधि तक यही व्यवस्था चलेगी। जो श्रद्धालु बिना पंजीकरण और कोविड निगेटिव रिपोर्ट के आएंगे, बाॅर्डर पर उनकी जांच होगी। कुंभ पुलिस ने बुधवार देर रात को हरकी पैड़ी क्षेत्र के गंगा घाटों पर आने वाले श्रद्धालुओं के जूते चप्पल पहनकर आने पर प्रतिबंध लगा दिया है। आईजी कुंभ संजय गुंज्याल का कहना है कि श्रद्धालुओं को होटल, धर्मशाला और अपने वाहन में ही जूते चप्पल छोड़ने होंगे। दूसरी तरफ उन्होंने धर्मशाला में ठहरने वाले यात्रियों का सत्यापन नहीं करवाने पर जुर्माने की कार्रवाई की चेतावनी दी है। कुंभ मेला सीएमओ डाॅ. एसके झा ने बताया कि बाॅर्डर और मेला क्षेत्र में रैंडम सैंपलिंग की जाएगी। अतिसंवेदनशील राज्यों से आने वाले परिवारों के एक-दो सदस्यों के रैंडम सैंपल लिए जाएंगे। बाॅर्डर पर पाॅजिटिव आने पर सभी लोगों को लौटा दिया जाएगा। मेला क्षेत्र में पाॅजिटिव मिलने वालों को कोविड केयर सेंटरों में आइसोलेट किया जाएगा। जांच के लिए 33 टीमें बनाई हैं। इनमें दस निजी और 23 सरकारी हैं। 10 हजार से अधिक एंटीजन सैंपल रोजाना लिए जाएंगे।कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित 12 राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं पर विशेष नजर रहेगी। संक्रमण की पुष्टि होने पर यात्री और उसके पूरे समूह को लौटा दिया जाएगा। जिले के सभी बाॅर्डर और मेला क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग श्रद्धालुओं की रैंडम सैंपलिंग करेगा। धर्मशालाओं और होटलों में बिना कोविड निगेटिव रिपोर्ट के श्रद्धालु नहीं ठहर पाएंगे। हरिद्वार महाकुंभ में आने के लिए श्रद्धालुओं को हरिद्वार कुंभ मेला 2021 और कुंभ मेला पुलिस की वेबसाईट पर पंजीकरण कराना होगा। इसके लिए अपनी पूरी जानकारी के साथ 72 घंटे पहले तक की कोरोना की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट और फिटनेस प्रमाणपत्र अपलोड करना होगा। पंजीकरण की रिसीप्ट मोबाइल में या इसका प्रिंट दिखाने के बाद ही श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र में प्रवेश दिया जाएगा। गौरतलब है कि सामान्य परिस्थितियों में कुंभ मेला चार महीने तक चलता है। इस बार कुंभ मेला अवधि में तीन शाही स्नान और दो पर्व स्नान होंगे। कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट साथ लाना अनिवार्य किया गया है। इधर, अखाड़ों ने भी अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। दो अप्रैल से अखाड़ों में धर्मध्वजा लगाने और पेशवाई निकालने का दौर भी शुरू हो जाएगा। सात अखाड़ों की पेशवाई निकाली जा चुकी है, अभी छह और अखाड़े पेशवाई निकालेंगे। नैनीताल उच्च न्यायालय और राज्य सरकार की ओर से कुंभ मेला के लिए जारी एसओपी के अनुसार कुंभ मेला के दौरान हरिद्वार आने वाले सभी श्रद्धालुओं को कोविड-19 की 72 घंटे के अंतराल की आरटीपी सीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य है। इसके बिना किसी को भी हरिद्वार में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। इसके लिए मेला अधिष्ठान ने बुधवार से ही सीमाओं पर जांच शुरू कर दी है। बगैर जांच रिपोर्ट के हरिद्वार आने वाले लोगों को सीमावर्ती इलाकों से वापस भेजा जा रहा है। सभी चेक पोस्ट पर अर्द्ध सैनिक बलों की तैनाती की गई है। सीमा पर कोराना जांच की भी व्यवस्था की गई है। 12 अप्रैल और 14 अप्रैल को होने वाले शाही स्नान के लिए अखाड़ों का क्रम भी तय कर दिया गया है। निरंजनी अखाड़ा सबसे पहले स्नान करेगा। जबकि निर्मल अखाड़ा सबसे आखिर में स्नान करेगा। इन दोनों शाही स्नानों में सभी 13 अखाड़ों के संत-महात्मा और नागा संन्यासी पूरे वैभव के साथ स्नान करेंगे। अन्य किसी को इस दौरान हरकी पैड़ी पर प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। पर्व स्नान में इस तरह की पाबंदी नहीं होगी। हरिद्वार से देवप्रयाग तक फैले कुल करीब 670 हेक्टेयर के कुंभ मेला क्षेत्र की व्यवस्था और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए तकरीबन 12 हजार पुलिसकर्मियों और करीब चार हजार अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। जबकि 200 चिकित्सकों, 1500 पैरा मेडिकल स्टाफ की तैनात के साथ 613 बेड के 38 छोट े-बड़े अस्थायी अस्पताल बनाए गए हैं।
कुंभ मेले में स्नान से सभी दुःख-दर्द हो जाते है दूर
हरिद्वार।कोविड की दूसरी लहर से जूझ रहे 12 राज्यों से लौटने वाले हरिद्वारवासियों को भी 72 घंटे पहले तक की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी। बिना रिपोर्ट के स्थानीय लोगों और फैक्ट्रीकर्मियों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। जिले में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। डीएम सी रविशंकर ने बताया कि जिले की विभिन्न औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले कर्मचारियों और स्थानी लोगों को भी इन राज्यों से आने पर आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी। हालांकि स्थानीय लोगों और कर्मचारियों के लिए पंजीकरण की बाध्यता नहीं है। इन्हें केवल पहचान पत्र दिखाना होगा। धर्मनगरी हरिद्वार में आज से कुंभ मेले का विधिवत शुभारंभ हो गया है। उत्तरराखंड सरकार और स्वास्थ्य महकमे ने दिव्य और भव्य कुभ के साथ सुरक्षित कुभ की अपील की है। सनातन धर्म में कुंभ मेले का खास महत्व है। ‘धर्म के प्रति आस्था और विश्वास’ इस धार्मिक सम्मेलन के मूल में है। भारत देश के प्रमुख चार पवित्र स्थानों प्रयागराज, नासिक, हरिद्वार और उज्जैन में कुंभ मेले का आयोजन एक निश्चित समयान्तराल के बाद किया जाता है। कुंभ मेले में स्नान करने के लिये दुनियाभर से बड़ी तादाद में श्रद्धालु आते हैं। आदि शंकराचार्य जी का मानना था कि समुद्र मंथन के समय जो अमृत प्राप्त हुआ था उस अमृत की एक बूंद इन्हीं चार तीर्थों पर गिरी थी, जिससे यहां बहने वाली नदियां पवित्र हो गई थीं। मान्यता है कि कुंभ मेले में जो व्यत्तिफ स्नान करता है उसके सभी दुःख-दर्द दूर हो जाते हैं। यही ‘आस्था’ विश्व की किसी भी धर्मसभा की तुलना में सर्वाधिक श्रद्धालुओं को कुंभ मेले की ओर आकर्षित करती है। आइए! हम भी इस धार्मिक सम्मेलन का हिस्सा बनें।
12 राज्यों से आने वाले सभी यात्रियों के करोना टेस्ट
रुड़की। एक अप्रैल से शुरू हो रहे महाकुंभ को देखते हुए बाॅर्डर पर बुधवार से सख्ती शुरू कर दी गई है। 12 राज्यों से आने वाले सभी यात्रियों के करोना टेस्ट और उनकी रिपोर्ट ली जा रही है। सुबह से ही बाॅर्डर पर वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई है। इसको लेकर कल से और भी सख्ती हो जाएगी। अधिकारियों ने यहां पर पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बलों की टुकड़ी भी तैनात की है। इसके अलावा माॅनिटरिंग के लिए कुछ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को भी तैनाती दी गई है, जो देर रात यहां पहुंचकर कार्यभार संभालेंगे।आपको बता दें कि देश भर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में 12 राज्यों महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, दिल्ली और छत्तीसगढ़ से आने वाले यात्रियों को उत्तराखंड आते वत्तफ साथ कोविड की आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी। कल से ये व्यवस्था लागू हो जाएगी। यह भी साफ किया गया है कि रिपोर्ट राज्य में आने से पहले के 72 घंटे से अधिक अवधि की नहीं होनी चाहिए। कल से शुरू होने वाले महाकुंभ को देखते हुए भी सतर्कता बरती जा रही है। हरिद्वार में बाॅर्डर पर सख्ती शुरू हो गई है। यहां यात्रियों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट ली जा रही है। साथ ही जिनके पास कोविड जांच रिपोर्ट नहीं है, उनके सैंपल लिए जा रहे हैं। भगवानपुर बाॅर्डर पर दोपहर तक एक हजार के करीब सैंपल लिए जा चुके हैं, जबकि नारसन बाॅर्डर पर 2500 की जांच की गई है।

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