स्नान घाटो पर महिला पुलिस कर्मी तैनात करने के आदेश
हाईकोर्ट ने दिये सख्त दिशा निर्देश,कुंभ मेले का संयुत्त निरीक्षण कर 30 मार्च को रिपोर्ट सौंपे अफसर
नैनीताल। हाई कोर्ट ने कहा कि हरिद्वार कुंभ में श्रद्धालुओं को कोविड टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट लाना जरूरी होगा। जिन श्रद्धालुओं को कोरोना का टीका लग चुका है, उन्हें इसका सर्टिफिकेट अपलोड करने के साथ ही कोविड गाइडलाइन का पूरा अनुपालन करना होगा। कोर्ट ने एम्स के डाक्टरों द्वारा दिए गए सुझावों को लागू करने को कहा है। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने वीडियो कानफ्रेसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश होकर कहा कि कुंभ में श्रद्धालुओं के लिए आरटीपीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य की जा रही है। कोर्ट ने मेलाधिकारी को अधूरे काम जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि घाट में स्नान के दौरान महिलाओं की फोटोग्राफी व वीडियो न हो। कोर्ट ने इस आदेश से मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के कुंभ में श्रद्धालुओं के बेरोकटोक आने वाला बयान भी पलट गया है। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चैहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में याचिकाकर्ता के अधिवत्तफा शिव भट्ट ने हरिद्वार की विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव शिवानी पसबोला और मेलाधिकारी दीपक रावत की ओर से कुंभ मेला क्षेत्र की व्यवस्थाओं को लेकर किए गए निरीक्षण की रिपोर्ट पेश की। भट्ट ने कोर्ट को बताया कि मेलाधिकारी ने हरकी पैड़ी व मेला क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया है। परंतु जहां पर महिलाएं स्नान कर रही हैं, उनके वाॅशरूम की अच्छी स्थिति नहीं हैं। कुछ लोग स्नान कर रही महिलाओं की वीडियो भी बना रहे हैं, जो उनकी गरिमा के खिलाफ है। इसलिए मेला क्षेत्र में एक महिला अधिकारी की नियुत्तिफ की जाए। इस पर कोर्ट ने आइजी संजय गुंज्याल को निर्देश दिए हैं कि ऐसे स्थानों पर वर्दी व बिना वर्दी के महिला पुलिस कर्मी तैनात की जाएं। याचिकाकर्ता के अधिवत्तफा भट्ट ने रिपोर्ट में यह भी तथ्य उठाया कि )षिकेश, तपोवन व मुनिकीरेती के घाट जर्जर हाल में है। सरकार ने इनको सुधारने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की है। इस पर कोर्ट ने मुख्य सचिव व वित्त सचिव से इस पर विचार करने को कहा है। कोर्ट ने मुख्य सचिव, वित्त सचिव, आइजी व मेलाधिकारी को मेला क्षेत्र का याचिकाकर्ता के अधिवत्तफा के साथ निरीक्षण करने को कहा है। 30 मार्च तक मेलाधिकारी यह रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेंगे। 31 मार्च को सभी अधिकारीगण वीसी के माध्यम से कोर्ट में पेश होंगे। अधिवत्तफा दुष्यंत मैनाली व देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने महामारी काल में क्वारंटाइन सेंटरों व कोविड अस्पतालों की बदहाली को लेकर हाई कोर्ट में अलग-अलग याचिका दायर की थी। इसमें उत्तराखंड वापस लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने की मांग भी की गई थी। बाद में इस याचिका का दायरा बढ़कर महाकुंभ हरिद्वार की व्यवस्थाओं तक पहुंच गया है।