14वें अखाड़े के रूप में किसी को भी मान्यता नहीं दी गयीः श्रीमहंत नरेंद्र गिरि
हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने दोहराया कि सनातान धर्म-संस्कृति का हिस्सा केवल 13 अखाड़े ही हैं। 14वें अखाड़े के रूप में किसी को भी मान्यता नहीं दी गयी है। उन्होंने कहा कि अगर कोई संस्था या व्यत्तिफ किसी अखाड़े के साथ कुंभ के स्नान शामिल होता है तो अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद को इस पर कोई आपत्ति नहीं है। पर, अखाड़ा परिषद में केवल 13 अखाड़ों को ही मान्यता है और वे ही अंतिम रूप से हरिद्वार कुंभ में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग किन्नर अखाड़े को 14वें अखाड़े के रूप में प्रचारित कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उसने प्रयागराज कुंभ में जूना अखाड़े के छत्र तले भाग लिया था और स्नान किया था। कहा कि प्रयागराज या अन्य कहीं भी किन्नर अखाड़े को अलग अखाड़े के रूप में मान्यता नहीं दी गयी है। वह जूना अखाड़े के साथ स्नान करता है और हरिद्वार में भी इसी रूप में कुंभ में शामिल है। उन्होंने केंद्र और सभी प्रदेश सरकारों से मांग की कि किसी भी संस्था या व्यत्तिफ के नाम के आगे अखाड़ा शब्द के इस्तेमाल पर रोक के लिए कानून बनाया जाए। इसका दुरुपयोग कर सनातन धर्म और संस्कृति को नुकसान पहुंचाने की चेष्टा की जा रही है। ज्योतिष और द्वारका-शारदा पीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती कुंभ के निमित्त छह अप्रैल को हरिद्वार आएंगे। उनके शिष्य और प्रतिनिधि स्वामी अविमुत्तफेश्वरानंद ने बताया कि कुंभ मेला अधिष्ठान ने शंकराचार्य नगर लालजीवाला में शिविर स्थापना को उन्हें 90 हजार फीट भूमि उपलब्ध कराई है। यहीं पर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद का शिविर लगेगा। शिविर 27 मार्च को आकार ले लेगा और 28 मार्च तक शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती वहीं निवास करेंगे। शिविर स्थापना को 20 मार्च को भूमि पूजन होगा। मेला अधिष्ठान ने गोवर्धन पीठ पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद को लालजीवाला में 40 हजार वर्ग फीट भूमि आवंटित की है।