बंशीधर भगत ने फि़र जारी किये आकड़े, मनरेगा से दो लाख अतिरिक्त श्रमिकों को रोजगार दिया
कांग्रेस शासनकाल में चहेतों को नौकरी देने और बंदरबांट का आरोप
देहरादून(दर्पण ब्यूरो)। उत्तराखंड में सोशल मीडिया पर सियासी घमसान छिड़ गया है। आप समेत भाजपा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अब सोसल मीडिया के सामने एक दूसरे को चौलेंज कर रहे हैं। एक ओर जहां दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया और उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक एक दूसरे को चुनौती दे रहे है तो वहीं दूसरी ओर हरीश रावत और प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत के बीच रोजगार के मुददे को लेकर चल रही बयानबाजी के आकड़ों में लोगों को उलझा दिया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा है कि वह प्रदेश में सात लाख लोगों को रोजगार देने के दावे पर कायम हैं। इसके लिए उन्होंने आंकड़े भी जारी किए। साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने रोजगार दिया है, बंदरबांट नहीं की, जिसके कारण पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर कई आरोप लगे थे।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सोमवार को एक बयान में कहा कि भाजपा सरकार ने युवा बेरोजगारों को रोजगार देने का काम किया है। कांग्रेस शासनकाल में बेरोजगारों के साथ केवल छलावा हुआ था। कांग्रेस ने केवल अपने चहेतों को सरकारी नौकरी दी। विधानसभा में 158 नियुत्तिफ़यों समेत कई ऐसे मामले सामने आए, जिसमें चहेतों को रोजगार दिया गया। उन्होंने इस दौरान प्रदेश में बेरोजगारों को दिए गए रोजगार के आंकड़े भी जारी किए। इन आंकड़ों के मुताबिक उद्योग विभाग में 160675, ग्रामीण विकास विभाग में 153360, लोक निर्माण में 58163, परिवहन विभाग में 58078, पेयजल विभाग में 41360, पर्यटन विभाग में 41360 व्यत्तिफ़यों को रोजगार प्रदान किया गया है। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में सरकारी सेवाओं के लिए सृजित पदों का विवरण भी दिया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना काल के दौरान मनरेगा में पिछले साल की तुलना में दो लाख अतिरित्तफ़ श्रमिकों को रोजगार दिया गया। इसके साथ ही कैंपा के माध्यम से 40 हजार लोगों को रोजगार देने की कार्ययोजना तय की गई है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को निशाने पर लेते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2014 से 2017 तक केवल आठ परीक्षाएं आयोजित हुईं, जिनमें 801 पदों पर चयन हुआ। वहीं, साल 2017 से 2020 तक 59 परीक्षाएं आयोजित की गईं, जिनमें 6000 पदों पर चयन हुआ। वर्तमान में आयोग द्वारा 7300 पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है। आंकड़े पद सृजन नहीं, रोजगार केभाजपा प्रदेश अध्यक्ष की ओर से जारी आंकड़ों में रोजगार के आंकड़ों को पद सृजन के रूप में पेश किया गया था। इससे भ्रम की स्थिति बन गई। हालांकि बाद में संपर्क करने पर भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनबीर सिंह चौहान ने स्पष्ट किया कि ये आंकड़े विभागों में पद सृजन के नहीं, बल्कि इन विभागों के अंतर्गत दिए गए रोजगार के हैं। वहीं दूसरी तरफ़ हरीश रावत ने प्रदेश अध्यक्ष पर वार करते हुए फ़ेसबुक पर लिखा कि माननीय भाजपा अध्यक्ष, सरकारी नौकरियों को लेकर बड़ी ऊंची हांक रहे हैं। मैं, उनको नौकरियों के मामले में आईना दिखाना चाहता हूं कि भाजपा कहां पर खड़ी है! स्व- रुनारायण दत्त तिवारी जी के कार्यकाल में 17000 लोग स्थाई और अस्थाई नौकरियों में रखे। मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूरी जी व श्री निशंक जी के कार्यकाल में कुल मिलाकर 9000 के करीब लोगों को स्थाई या अस्थाई नौकरियां मिली। विजय बहुगुणा जी के कार्यकाल में विधानसभा में कुछ पद निकले और लोगों को नौकरियां मिली। हरीशरावत के कार्यकाल में 32000 युवाओं को सरकारी, अर्द्ध सरकारी संस्थाओं में नौकरियां मिली, जिनमें स्थाई, अस्थाई व संविदा धारक सम्मिलित हैं। यदि इस कार्यकाल में नियुत्तफ़ हुये शिक्षा प्रेरक, महिला समाख्या व मानदेय आधाारित नियुत्तिफ़ वाली दाइमाओं को भी सम्मिलित कर लिया जाय तो यह संख्या 40000 को पार कर जायेगी। अब जरा गौर करने की बात है कि श्री त्रिवेंद्र सिंह जी के कार्यकाल में कुल जमा 3100 पदों पर नियुत्तिफ़यों की प्रक्रिया प्रारंभ हुई है, जिनमें से अधिाकांश प्रारंभिक चरण में हैं और कुछ पदों पर परीक्षा हुई है जिनके अभी परिणाम आने अपेक्षित हैं। यदि भाजपा के माननीय अध्यक्ष हौसला रखेंगे तो मैं, अपने कार्यकाल के 40000 के विभाग वार ब्यौरे को भी सार्वजनिक करने को तैयार हूंँ।