भारत में कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी ,प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर दी बधाई

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नई दिल्ली। कोरोना महामारी से निपटने के लिए वैक्सीन का इंतजार अब खत्म हो गया है। ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया ने भारत में कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। सीरम इंसट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है। साथ ही मैसर्स केडिला हेल्थकेयर को भारत में तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति मिली है।एक दिन पहले ही सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड आर्गेनाइजेशन की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने डीसीजीआई के पास भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड और सीरम इंसट्यूट आफ इंडिया की कोरोना वैक्सीन को अनुमति देने की सिफारिश की थी। वैक्सीन पर डीसीजीआई की मंजूरी पर सीरम इंसट्यूट आफ इंडिया के चेयरमैन अदार पूनावाला ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्री डाॅ हर्षवर्धन का धन्यवाद किया है। पीएम मोदी ने भी अनुमति मिलने के लिए देशवासियों और वैज्ञानिकों को बधाई दी। डीसीजीआई के आला अधिकारियों के मुताबिक, ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया जब किसी दवा या ड्रग को अनुमति देता है तो उस कंपनी को सीटी 23 यानी अनुमति मिलती है। इसके मिलने के बाद दवा कंपनी की जिस राज्य में फैक्ट्री होती है वहां स्टेट ड्रग रेगुलेटरी अथाॅरिटी से जाकर ड्रग एंडोर्समेंट की मांग करती है। इसके बाद वो दवा या वैक्सीन रोल आउट होती है। इस प्रक्रिया में जानकारों के मुताबिक 4 से 5 दिन लग सकते है। कोवैक्सीन भारत की स्वदेशी वैक्सीन है जिसे भारत बायोटेक ने विकसित किया है। भारत बायोटेक और एनआईवी पुणे ने मिलकर इस वैक्सीन को तैयार किया है। कोवैक्सीन देश में पहली स्वदेशी वैक्सीन है जिसे डीसीजीआई ने मंजूरी दे दी है। वहीं आक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनका की वैक्सीन को भारत में सीरम इंसट्यूट आफ इंडिया बना रही है। आक्सफोर्ड के वैक्सीन का नाम ‘कोविशील्ड’ है। भारत में इस समय पांच वैक्सीनों का क्लीनिकल ट्रायल अलग-अलग चरणों में चल रहा है। इसमें आक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनीका की वैक्सीन जिसका ट्रायल सीरम इंसट्यूट आफ इंडिया कर रही है और भारत बायोटेक इन दोनों की वैक्सीन के ट्रायल तीसरे चरण में है। सीरम इंस्टिटड्ढूट का ट्रायल तीसरे चरण के आखरी दौर में है। वहीं रूस की वैक्सीन स्पूतनिक दूसरा और तीसरे चरण का ट्रायल शुरू हो चुका है। इसके अलार्वा लकने कैडिला की वैक्सीन का तीसरे चरण के ट्रायल जल्द शुरू हो जाएंगे। एक और वैक्सीन है जिसका पहले चरण का ट्रायल शुरू होने जा रहा है। जेनोवा नाम की कंपनी भी अपने ट्रायल शुरू कर रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर दी बधाई ,स्वस्थ भारत का मार्ग प्रशस्त होगा
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की महामारी के खिलाफ जारी जंग के बीच ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया डीसीजीआई ने सीरम इंसट्यूट और भारत बाॅयोटेक की वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे एक उत्साही लड़ाई का निर्णायक मोड़ बताते हुए कहा है कि हर भारतीय को गर्व होगा कि जिन दो वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दी गई है, वो भारत में बनी हैं। पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों की भी तारीफ करते हुए कहा है कि हमारे वैज्ञानिक समुदाय ने भी आत्मनिर्भर भारत का जज्बा दिखाया है। इसके मूल में देखभाल और करुणा है। उन्होंने वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी को एक साहसी लड़ाई में टर्निंग प्वाइंट बताया। पीएम ने कहा है कि सीरम इंसट्यूट और भारत बाॅयोटेक की वैक्सीन को डीसीजेआई की मंजूरी के बाद कोरोना मुत्तफ और स्वस्थ भारत का मार्ग प्रशस्त होगा। पीएम ने इसके लिए देश, कड़ी मेहनत के लिए वैज्ञानिकों और खोजकर्ताओं को भी बधाई दी है। सीरम इंसट्यूट के अदार पूनावाला ने ट्वीट कर नए साल की मुबारकबाद देते हुए कहा कि वैक्सीन के भंडारण समेत सभी जोखिम सीरम इंसट्यूट ले रहा है। उन्होंने आगे कहा कि भारत की पहली कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड को मंजूरी मिल गई है। यह सुरक्षित और प्रभावी है। पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा,डीसीजीआई का कदम भारत की कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में बेहद अहम साबित होगा। कोविशील्ड और कोवैक्सीन के जरिए देश को कोरोना मुत्तफ बनाने में मदद मिलेगी। वैक्सीन बनाने में जुटे सभी वैज्ञानिकों को धन्यवाद।

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