दलबदल पर फिर भिड़े भगत और हरदा,लोकतंत्र को बचाने के लिये तांक-झांक !
हरीश रावत परस्थितियों को अपने हिसाब से परिभाषित करने की कोशिश कर रहे : बंशीधर भगत
देहरादून। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इन दिनों अजीब सी उलझन के शिकार हो गए हैं। उन्हें हारों पराजय का हार पहनने की चिंता सता रही है। हरीश रावत के भाजपा में टूट संबंधी बयान पर पलटवार करते हुए भगत ने कहा कि कभी विपक्ष को लोकतंत्र का ककहरा सिखाने वाले रावत अब विधायकों के बिखराव और टूट को लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत बता रहे हैं। हरीश रावत परस्थितियों को अपने हिसाब से परिभाषित करने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष पार्टी की रणनीति का हिस्सा रावत को नहीं बना रहे हैं। रावत की बेचैनी को इससे समझा जा सकता है कि वह टूट के सूत्रधार नेता को शाॅल ओढ़ाकर, माला पहनाकर सम्मानित करने को तैयार हैं। भाजपा प्रदेश अध्घ्यक्ष भगत ने कहा कि हरीश रावत की मनमानी और तानाशाही के कारण प्रदेश में राजनैतिक अस्थिरता का वातावरण जनता ने देखा और इसका असर प्रदेश के विकास पर पड़ा। रावत एक बार फिर प्रदेश में राजनैतिक अस्थिरता को हवा देने का जो दिवास्वप्न देख रहे हैं, वह दिवास्वप्न ही रहेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा एकजुट है और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में विकास कार्यों की बदौलत पार्टी दोबारा सत्ता में आएगी। भाजपा में टूट का जो सपना कांग्रेस देख रही है, वह कभी साकार नहीं हो पाएगा। बेहतर होगा कि अपने अस्तित्व के लिए तरस रही कांग्रेस अपने बचे-खुचे कुनबे के बारे में सोचे और दूसरे घरो में ताक-झांक बंद करे।
वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बंशीधर के बयान पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया के जरिये पलटवार करते हुए लिखा है कि भगत जी, मेरा तात्पर्य बंशीधर भगत जी से है, हमारी तांक-झांक के दायरे में तो आप भी थे। भाजपा ने समझदारी दिखाई, समय पर खिड़की बंद कर दी। दलबदल का महापाप (माननीय न्यायपालिका ने दल-बदल को महापाप कहा है) दलबदल का महापाप करवाने की एक्सपर्ट पार्टी की खुली खिड़कियों से तांक-झांक करना लोकतांत्रिक धर्म है और देश में लोकतंत्र को बचाने के लिये भाजपा को कमजोर करना आवश्यक है, इसलिये मैंने कहा कि कोई तांक-झांक का एक्सपर्ट है, तो मैं शॉल उड़ाकर उनका अभिनंदन करूंगा।