राष्ट्रपति से मिले राहुल गांधी, प्रियंका समेत कई नेता गिरफ्तार

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जो मोदी का विरोधा करता है, उसे आतंकी बोलते हैंः राहुल
नई दिल्ली;दर्पण ब्यूरोद्ध।कांग्रेस नेता राहुल गांधाी ने गुरुवार को राष्ट्रपति से मुलाकात कर कृषि कानून के खिलाफ ज्ञापन सौंपा। राहुल गांधाी ने मांग की है कि तीनों कृषि कानूनों को तुरंत वापस लिया जाए। कांग्रेस नेता राहुल गांधाी ने कृषि कानूनों के मसले पर एक बार फिर सरकार को जमकर घेरा है। गुरुवार को राहुल गांधाी ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर इन मसलों को उठाया। इस दौरान मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधाी ने कहा कि जो भी मोदी सरकार के खिलाफ बोलता है, ये उन्हें आतंकी बताना शुरू कर देते हैं। राहुल ने इसी दौरान कहा कि अगर कल को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत खिलाफ हो जाएंगे, तो उन्हें भी आतंकी बता दिया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा लगाए गए किसान आंदोलन में खालिस्तानी समर्थकों का हाथ होने के आरोप पर राहुल गांधाी ने जवाब दिया। कांग्रेस नेता राहुल गांधाी ने अपने संबोधान में कहा, ‘बीजेपी, नरेंद्र मोदी जी का एक ही लक्ष्य है और वो किसान-मजदूर समझ गया है। उनका लक्ष्य अपने अमीर दोस्तों को फायदा पहुंचाना है, जो भी नरेंद्र मोदी के खिलाफ खड़े होते हैं वो उनके बारे में कुछ ना कुछ गलत बोलते रहते हैं।’ राहुल गांधाी ने आगे कहा, ‘किसान खड़े हो जाएंगे तो उसे आतंकवादी बोलेंगे, मजदूर खड़े हो जाएंगे तो उन्हें आतंकवादी बोलेंगे और एक दिन अगर मोहन भागवत खड़े हो जाएंगे तो कहेंगे ये भी आतंकवादी हैं। जो भी नरेंद्र मोदी जी से सवाल पूछने की कोशिश करेगा वो आतंकवादी है और नरेंद्र मोदी सिर्फ अपने दो-तीन लोगों के लिए काम कर रहे हैं जिनको वो पूरा हिंदुस्तान पकड़ा रहे हैं।’ राहुल ने गुरुवार को अपने बयान में कहा कि देश का किसान तबतक पीछे नहीं हटेगा, जबतक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होंगे। आज किसानों को पता है कि ये कानून उनके लिए नहीं हैं, ऐसे में कांग्रेस पार्टी किसानों की लड़ाई में उनके साथ है। केंद्र सरकार को तुरंत संसद का सत्र बुलाकर तीनों कानूनों को रद्द करना चाहिए। बता दें कि एक तरफ राहुल गांधाी ने गुरुवार को राष्ट्रपति से मुलाकात की, तो वहीं राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालने जा रहे कांग्रेसी नेताओं को हिरासत में भी लिया गया, इनमें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधाी वाड्रा भी शामिल थीं। इससे पहले भी राहुल गांधाी विपक्ष के नेताओं के साथ मिलकर राष्ट्रपति से मुलाकात कर चुके हैं। कृषि कानून के मसले पर कांग्रेस पार्टी का हल्ला बोल जारी है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधाी राष्ट्रपति से मिलने पहुंचे तो दूसरी ओर मार्च में शामिल प्रियंका गांधाी वाड्रा को हिरासत में ले लिया गया हालांकि बाद में उन्हें छोड़ भी दिया गया।हिरासत में ली गईं प्रियंका गांधाी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मोदी सरकार अपनी जिद पर अड़ गई है। आज जो भी सरकार से सवाल करता है, उन्हें देशद्रोही बता दिया जाता है। प्रियंका बोलीं कि सरकार के दिल में किसानों के लिए कोई इज्जत नहीं है। कांग्रेस पार्टी द्वारा आज निकाले जाने वाले मार्च को कोई परमिशन नहीं मिली है। हालांकि, राहुल गांधाी समेत तीन नेता राष्ट्रपति भवन जा सकेंगे। साथ ही नई दिल्ली इलाके में धाारा 144 लागू कर दी गई है और राष्ट्रपति भवन के पास सुरक्षा को बढ़ाया गया है।कांग्रेस नेता राहुल गांधाी ने भी ट्वीट कर सरकार को घेरा है। राहुल ने लिखा कि भारत के किसान ऐसी त्रासदी से बचने के लिए कृषि-विरोधाी कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, इस सत्याग्रह में हम सबको देश के अन्नदाता का साथ देना होगा। वहीं किसानों के द्वारा आज एक बार फिर प्रेस काॅन्Úेंस की जाएगी। जिसमें किसान के आंदोलन का कारण बताएंगे। किसान मोर्चा की ओर से अपने डिजिटल प्लेटफाॅर्म पर वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है, ताकि अगर लोगों के कुछ सवाल हो तो वो जवाब दे सकें। किसानों के आंदोलन के बीच आज किसान सेना के समर्थक और किसान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात करने पहुंचे। किसान सेना नए कृषि कानूनों पर अपना समर्थन दे रही है। जिसमें करीब दो करोड़ किसानों के हस्ताक्षर वाला पत्र राष्ट्रपति को सौंप कानून वापसी की अपील की जायेगगी। बीते दिन सिंघु बाॅर्डर पर 40 से अधिाक किसान संगठनों की बैठक हुई, जिसमें सरकार के प्रस्ताव को नकार दिया गया। किसानों ने सरकार को लिखकर नया प्रस्ताव देने की बात कही है, जिसपर विचार किया जाएगा। किसानों की सबसे बड़ी मांग अब भी तीनों कानूनों की वापसी ही है। किसानों का ये फैसला तब आया है, जब 25 दिसंबर को पीएम मोदी हजारों किसानों से संवाद करेंगे और उनके खाते में कृषि सम्मान निधिा योजना की किस्त भेजेंगे।

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