विधानसभा में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चौतरफ़ा घिरे श्रम मंत्री,पर्वतीय इलाकों में साइकिलें नहीं बांटी

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देहरादून । राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज तीसरा दिन है। तीसरे दिन विपक्ष आक्रामक नजर आया। सत्र शुरू होते ही विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू किया। भ्रष्टाचार का मुद्दा सबसे ज्यादा छाया रहा। जहां सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर लगे ओरोपों को लेकर हंगामा हुआ। वहीं, कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने भी कर्मकार कल्याण बोर्ड का मामला सदन में उठाया। इस मसले पर बीजेपी विधायक विनोद चमोली ने भी हरक सिंह रावत से पूछाकि कर्मकार कल्याण बोर्ड में जो श्रमिक पंजीकृत हुए हैं, क्या वह सही में श्रमिक हैं ? इस पर श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने श्रमिक बनने के लिए गलत तत्थ दिए, उनके खिलाफ जांच की जाएगी। दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने श्रम मंत्री हरक सिंह रावत से पूछा कि कर्मकार कल्याण बोर्ड के द्वारा कितनी साईकिल बांटी गई हैं। इससे पहले कि हरक सिंह रावत जवाब देते प्रीतम सिंह ने फिर पूछा कि क्या साईकिल पूरे प्रदेश में बांटी गई हैं। इसके जवाब में हरक सिंह रावत ने कहा कि पर्वतीय इलाकों में साइकिलें नहीं बांटी गई। उन इलाकों में सिलाई मशीनें बांटी गई हैं। उत्तराखंड विधानसभा के तीसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने नियम 310 के तहत भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर चर्चा मांग की। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विपक्ष ने सदन में जोरदार हंगामा किया। मुख्यमंत्री के मामले को लेकर भी विपक्ष ने चर्चा की मांग की। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा जो मामला कोर्ट में चल रहा हो, उस पर सदन में नहीं हो सकती है। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदेश ने कहा कि बीजेपी के दो विधायकों ने भी भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया। कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के मामले पर सदन में बात ही नहीं करना चाहती है। विधायक काजी निजामुद्दीन ने मुख्यमंत्री के सलाहकार की कम्पनी का मामला भी सदन में उठाया। विधान अध्यक्ष ने नियम नियम 58 के तहत काजी निजामुद्दीन के मामले को सुनने की बात कही। कुल मिलाकर सत्र के तीसरे दिन सदन में विपक्ष ने आक्रामक रुख अख्तियार कर सरकार को कठघरे में खड़ा करने का प्रयास किया है।

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