सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन पर टली सुनवाई,सिंघु बाॅर्डर पर एक और किसान की मौत
नई दिल्ली(दर्पण ब्यूरो)। कोरोना महामारी और कड़ाके की सर्दी में भी हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। बीते दिन सिंघु बाॅर्डर पर बाबा राम सिंह ने आत्महत्या कर ली, जिसके बाद माहौल गर्माया है। राहुल गांधी समेत अन्य नेताओं ने सरकार पर निशाना साधा है। दूसरी ओर बीजेपी किसान सम्मेलन के जरिए किसानों को साधने में जुट गई है। कई राज्यों में किसानों की समस्याओं को लेकर भाजपा नेताओं द्वारा जनसभा और टैक्टर रैली निकालकर अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। वहीं सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन को लेकर सुनवाई टल गई है। अदालत में किसी किसान संगठन के ना होने के कारण कमेटी पर फैसला नहीं हो पाया। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वो किसानों से बात करके ही अपना फैसला सुनाएंगे। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एसए बोबड़े ने सरकार से कहा कि अगर आप आश्वासन दें सकें कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी होने तक नया किसान कानून लागू नहीं होगा तो बात बन सकती है।केंद्र सरकार की ओर से पेश अटाॅर्नी जनरल ने कहा कि इस पर सरकार के साथ चर्चा करनी होगी। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा, एक प्रदर्शन तब तक संवैधानिक है जब तक यह किसी भी तरह जानमाल को नुकसान नहीं पहुंचाता। केंद्र और किसानों को बात करनी चाहिए. हम सोच रहे हैं कि एक स्वतंत्र कमेटी बनाएं जिसके सामने दोनों पक्ष अपने किसान कानून पर अपनी बात रखें और मुद्दे को सुझाएं। स्वतंत्र कमेटी में पी साईनाथ, भारतीय किसान यूनियन और दूसरे सदस्य हो सकते हैं। किसान इस तरह हिंसा को नहीं उकसा सकते और ना शहर को घेर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट में सर्दियों की छुट्टðी है, ऐसे में वैकेशन बेंच ही इसकी सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार की ओर से पी चिदंबरम ने अपना पक्ष रखा, उन्होंने कहा कि किसी भी किसान संगठन ने सड़क जाम करने की बात नहीं की है। प्रशासन द्वारा रास्ते बंद किए गए हैं। अदालत की ओर से कहा गया है कि इतनी बड़ी भीड़ की जिम्मेदारी कौन लेगा, कोर्ट ये काम नहीं कर सकता है। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि किसानों को प्रदर्शन का हक है, लेकिन ये कैसे हो इसपर चर्चा हो सकती है। अदालत ने कहा कि हम प्रदर्शन के अधिकार में कटौती नहीं कर सकते हैं। अदालत ने कहा कि प्रदर्शन का अंत होना जरूरी है, हम प्रदर्शन के विरोध में नहीं हैं लेकिन बातचीत भी होनी चाहिए। चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें नहीं लगता कि किसान आपकी बात मानेंगे, अभी तक आपकी चर्चा सफल नहीं हुई है इसलिए कमेटी का गठन जरूरी है। अटाॅर्नी जनरल ने अपील की है कि 21 दिनों से सड़कें बंद हैं, जो खुलनी चाहिए। वहां लोग बिना मास्क के बैठे हैं, ऐसे में कोरोना का खतरा है। सबसे पहले हरीश साल्वे पक्ष रख रहे हैं। हरीश साल्वे ने कहा कि इस प्रदर्शन के कारण दिल्लीवासी प्रभावित हुए हैं। ट्रांसपोर्ट पर असर के कारण सामान के दाम बढ़ रहे हैं। अगर सड़कें बंद रही तो दिल्ली वालों को काफी दिक्कत होगी। हरीश साल्वे ने कहा कि प्रदर्शन के अधिकार का मतलब ये नहीं कि शहर बंद कर दिया जाए। इसपर चीफ जस्टिस की ओर से कहा गया कि हम इस मामले में देखेंगे, किसी एक मसले की वजह से दूसरे के जीवन पर असर नहीं पड़ा चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में लगातार दूसरे दिन किसान आंदोलन के मसले पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने सबसे पहले पूछा कि हरीश साल्वे किसकी ओर से पेश हो रहे हैं और भारतीय किसान यूनियन की ओर से कौन पेश हो रहा है। चीफ जस्टिस ने सुनवाई शुरू होते ही कहा कि अभी कानून को लेकर चर्चा नहीं है, शुरुआत में सिर्फ प्रदर्शन को लेकर बहस होगी। कानून वैध हैं या नहीं, इसपर बाद में बहस हो सकती है। दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को किसान आंदोलन से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करने से इनकार किया। हाईकोर्ट का कहना है कि जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है, तो यहां अभी सुनवाई की जरूरत नहीं है। भारतीय किसान यूनियन ;दोआबाद्ध के एमएस राय का कहना है कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से कोई नोटिस नहीं मिला है, जब मिलेगा तो सभी संगठन आपस में बैठकर चर्चा करेंगे। वहीं दिल्ली के सिंघु बाॅर्डर पर एक और किसान की मौत हो गई है। जानकारी के मुताबिक, बीती रात नाले में गिरने के कारण एक किसान की मौत हुई है। जिसके बाद किसानों में गुस्सा है और पीडब्लूडी विभाग के खिलाफ एक्शन की मांग की गई है। जबकि किसान आंदोलन के बीच सिंघु बाॅर्डर पर आत्महत्या करने वाले बाबा राम सिंह का 18 दिसंबर को अंतिम संस्कार किया जाएगा। संतों का फैसला है कि उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर खट्टðर ने बाबा राम सिंह के निधन पर दुख व्यत्तफ किया है। उन्होंने ट्वीट किया कि संत बाबा रामसिंह जी का निधन संत समाज, देश, राज्य तथा मेरे लिए अपूरणीय क्षति है। यह अत्यंत दुख का क्षण है, बाबा जी की आत्मा, परमात्मा में विलीन हो। हम उनके दिखाए मानव-कल्याण के मार्ग पर चलने को संकल्पित हैं, यही उनके प्रति सच्ची श्र(ांजलि होगी। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने टवीट किया है कि कोरोना काल के बीच में संसद चलाकर भाजपा सरकार ने अरबपति मित्रों के लिए बनाए गए कृषि कानूनों को पास कर दिया लेकिन किसानों की मांग पर, 11 किसानों की शहादत व बाबा राम सिंह की आत्महत्या के बावजूद किसान बिलों पर चर्चा के लिए संसद नहीं खुल सकती। इतना ज्यादा अहंकार और असंवेदनशीलता कब तक रहेगी। गौर हो कि किसान आंदोलन को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने सरकार-किसान में समझौते के लिए कमेटी बनाने को कहा है, इस मसले पर केंद्र, पंजाब-हरियाणा सरकार और 8 किसान संगठनों को नोटिस भेजा गया। अब आगे की रूप-रेखा तय करने के लिए आज फिर अदालत में सुनवाई होनी है।