जंगली जानवरों के आतंक से परेशान ग्रामीणों ने लगाया जाम

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काॅर्बेट पार्क के झिरना व ढेला जोन में पर्यटकों की आवाजाही भी कराई बंद, प्रशासन में मचा हड़कम्प
रामनगर। ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले लंबे समय से वन्य जीवों द्वारा ग्रामीणों की खेतों में खड़ी फसल को नुकसान पहुंचाने के विरोध में आज सैकड़ों ग्रामीणों ने आज ग्राम सेमलखलिया में जाम लगाते हुए काॅर्बेट नेशनल पार्क के झिरना व ढेला जोन में पर्यटकों की आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी। ग्रामीणों ने सभा में काॅर्बेट पार्क प्रशासन पर ग्रामीणों की मांगों को अनदेखा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो ग्रामीण मजबूर होकर काॅर्बेट पार्क के सभी जोनों को बंद करने के लिए मजबूर होंगे। इसके साथ ही ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं के समाधान को लेकर एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को भी भेजा । गुरुवार को पूर्व ब्लाक प्रमुख वर्तमान ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख संजय नेगी के नेतृत्व में ग्राम सेमलखलिया में एकत्रित हुए ग्रामीणों ने यहां पर जाम लगाते हुए काॅर्बेट पार्क के झिरना व ढेला जोन में भ्रमण पर आने वाले पर्यटकों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी। सड़क के दोनों ओर भारी संख्या में पर्यटकों के सैकड़ों वाहन जाम में फंस गए। जाम में फंसे कुछ पर्यटकों ने ग्रामीणों से जाने को भी कहा लेकिन ग्रामीणों ने पर्यटकों के सामने अपनी समस्या रखते हुए सहयोग की अपील की। जाम लगने की सूचना पर मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात हो गया। काॅर्बेट पार्क बिजरानी रेंज के रेंजर राजकुमार द्वारा भी ग्रामीणों को समझाया गया लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक वह अपना आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे वहीं उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि यदि जरूरत पड़ी तो काॅर्बेट पार्क सभी जोनों को बंद करने के लिए भी मजबूर होंगे। ग्रामीणों ने कहा कि आज ग्राम हिम्मतपुर डोटियाल ,सेमलखलिया, कानियां, बांसी टीला में पिछले लंबे समय से जंगली हाथी ने उत्पात मचाया हुआ है। जंगली हाथी ग्रामीणों की खेत में खड़ी धान की फसल को रौंदने के साथ ही गन्ने की फसल को भी चैपट कर रहे हैं इसके अलावा अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में भी वन्यजीवों का यही हाल है ग्रामीण क्षेत्रों में हाथी के अलावा बाघ गुलदार व बंदर एवं जंगली सूअर भी उनकी फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। कई बार संबंधित विभाग के अधिकारियों को लिखित व मौखिक रूप से सूचित करने के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई ग्रामीणों ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में वन्यजीवों के लगातार आतंक से जहां एक ओर उनकी फसलें बर्बाद हो रही है तो वही ग्रामीणों की जान को भी खतरा बना हुआ है। उन्होंने काॅर्बेट पार्क प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए कहा कि यदि विभाग द्वारा उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया तो इसके गंभीर परिणाम भविष्य में विभाग को भुगतने होंगे। जाम की सूचना पर एसडीएम विजयनाथ शुक्ल, कोतवाल अबुल कलाम, एसएसआई जयपाल सिंह चैहान, और पार्क वार्डन रमाकांत तिवारी भी मौके पर पहुंचे लेकिन ग्रामीण नहीं माने। समाचार लिखे जाने तक विरोध प्रदर्शन जारी था। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में जंगली जानवरों द्वारा फसलों व जान माल की सुरक्षा करने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में गश्त कर रहे कर्मचारियों को चारपहिया वाहन व संसाधन उपलब्ध कराने के साथ ही पेट्रोलिंग के लिए अलग टीम का गठन करने तथा पर्यटन जाॅन से जो पर्यटकों को द्वारा विभाग को लगभग 8 से10 करोड़ की आय होती है वह खर्च शत प्रतिशत सीटीआर से लगे गांव में जनसुरक्षा व फसलों के बचाव के लिए खर्च किया जाए तथा एनजीटी के आदेशानुसार दी धनराशि ग्रामीण फसल व जन सुरक्षा एवं अन्य मद खर्च करने वावत है तथा जानवरो द्वारा जो फसलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है उसका मुआवजा तत्काल ग्रामीणों को दिया जाए। इस दौरान क्षेत्र पंचायत सदस्य महावीर सिंह रावत ,धीरेंद्र सिंह चैहान ,इको विकास समिति का अध्यक्ष आनंद सती, सुखविंदर सिंह, देवेंद्र परिहार, ओम प्रकाश गौड़, महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष आशा बिष्ट ,संजय बिष्ट ,ललिता रावत, महेश जोशी, राहुल डंगवाल, अनिल चैधरी, नीरज पांडे, पीतांबर दत्त, भारत भट्टð ,अमित रावत ,करमजीत सिंह, भारती भट्टð, कमला रावत, प्रेम देवी, राधा देवी ,शांति देवी , मनोहरी देवी, विमला देवी , सुनीता देवी, निशा आर्य ,निर्मला आर्य ,ममता देवी, गीता देवी सहित कई लोग मौजूद रहे।

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