पुराने संसद भवन ने आजादी के बाद भारत को दिशा दी, नया भवन आत्म निर्भर भारत का गवाह बनेगा : मोदी

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प्रधानमंत्री मोदी ने रखी नए संसद भवन की नींव, आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा
नई दिल्ली(दर्पण ब्यूरो)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नए संसद भवन की नींव रखी, जिसमें आधुनिक सुख सुविधाएं होंगी। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है और मील का पत्थर साबित होगा। देश में अब भारतीयता के विचारों के साथ नई संसद बनने जा रही है, हम देशवासी मिलकर संसद के नए भवन को बनाएंगे। जब भारत अपनी आजादी के 75वें साल का जश्न मनाएगा, तब संसद की इमारत उसकी प्रेरणा होगी। पीएम मोदी ने कहा कि अगर हम अपने लोकतंत्र का गुणगान करेंगे तो वो दिन दूर नहीं जब दुनिया कहेगी ‘इंडिया इज मदर आफ डेमोक्रेसी’। पीएम मोदी ने कहा कि मैं वो पल कभी नहीं भूल सकता, जब पहली बार 2014 में मैं संसद भवन में आया था तब मैंने सिर झुकाकर नमन किया था। मौजूदा संसद भवन ने आजादीका आंदोलन, स्वतंत्र भारत, आजाद सरकार की पहली सरकार,पहली संसद, संविधान रचा गया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि इस भवन में बना हर कानून, कही गई हर एक बात हमारे लोक तंत्र की धरोहर है। लेकिन हमें यथार्थ को स्वीकारना जरूरी है, पुरानी इमारत सौ साल की हो रही है। पिछले कई वत्तफ में जरूरतों के अनुसार इसमें बदलाव किया गया। इतना ही नहीं लोकसभा में बैठने की जगह बढ़ाने के लिए दीवारों को भी हटाया गया, अब संसद का भवन विश्राम मांग रहा है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि 21वें सदी के भारत को नया संसद भवन मिलना जरूरी है। नए संसद भवन में काफी सुविधाएं होंगी, सांसदों को आसानी होगी। पीएम मोदी ने बताया कि अगर सांसदों के क्षेत्र से लोग आते हैं, तो पुराने संसद भवन में उसके लिए जगह नहीं है लेकिन नए संसद भवन में इसके लिए स्थान होगा। पीएम मोदी ने कहा कि पुराने संसद भवन ने आजादी के बाद भारत को दिशा दी, नया भवन आत्म निर्भर भारत का गवाह बनेगा। आने वाली पीढ़ियां नए संसद भवन पर गर्व करेंगी। संसद भवन की ऊर्जा का स्त्रोत हमारा लोकतंत्र है। पीएम ने कहा कि आजादी के वत्तफ लोकतंत्र को लेकर कई शंकाएं लगाई गई थीं, लेकिन हमारे देश ने सभी को गलत साबित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि देश में लोकतंत्र क्यों सफल है। दुनिया में 13वीं शताब्दी में मैग्नाकार्टा से पहले ही 12वीं शताब्दी में भगवान बसवेश्वर ने लोकसंसद की शुरुआत कर दी थी। पीएम ने बताया कि दसवीं शताब्दी में तमिलनाडु के एक गांव में पंचायत व्यवस्था का वर्णन है। उस गांव में आज भी वैसे ही महासभा लगती है, जो एक हजार साल से जारी है। पीएम ने बताया कि तब भी नियम था कि अगर कोई प्रतिनिधि अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं देगा तो वो और उसके रिश्तेदार चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। पीएम मोदी बोले कि दुनिया में चुनाव और चुनाव की प्रक्रिया को ही लोकतंत्र समझा जाता है। हमारे देश में लोकतंत्र एक संस्कार है और हर किसी के जीवन का हिस्सा है। देश के लोकतंत्र में जीवनमंत्र, जीवनतंत्र और व्यवस्था का मंत्र भी है। भले ही इसमें प्रक्रिया बदलती रहीं लेकिन आत्मा मजबूत रही। दुनिया में लोकतंत्र को लेकर कई स्थिति बनी है, लेकिन हमारे देश में ऐसा नहीं है। देश में हमारे यहां मतदान की संख्या बढ़ रही है, महिला और युवा लोकतंत्र का हिस्सा बनना चाहते हैं। देश में अलग-अलग विचार हैं, लेकिन मनभेद ना हो। इसी लक्ष्य के साथ हमारा लोकतंत्र आगे बढ़ा है। पीएम मोदी ने बताया कि सिख गुरु नानक देव ने कहा है जबतक दुनिया रहे, तबतक संवाद चलते रहना चाहिए। लोकतंत्र में आशावाद को जगाए रखना, हमारा दायित्व है।

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