किसानों के विरोध प्रदर्शन से दिल्ली की सड़कें जामः आवागमन के लिये मिलकर बनायें सुगम नीति: सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हजारों किसान शुक्रवार को लगातार नौंवे दिन कड़ी सुरक्षा के बीच दिल्ली से लगी सीमाओं पर डटे हैं। सरकार के साथ बृहस्पतिवार को बातचीत एक बार फिर बेनतीजा रहने के बाद, प्रदर्शन कर रहे किसानों के संगठन आगे की कार्रवाई को लेकर आज बैठक करेंगे। उत्तर प्रदेश के प्रदर्शनकारी किसानों ने ‘यूपी गेट’ के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-9 को जाम कर दिया है। वहीं पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली आने वाले दूसरे प्रवेश मार्गों पर डटे हैं। किसान संगठनों और केन्द्र के बीच अगले दौर की बातचीत शनिवार को हो सकती है। शुक्रवार को नौवें दिन भी जारी रहने के मद्देनजर सिंघु, टिकरी, चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर पर अब भी सुरक्षा कर्मी तैनात हैं।कोरोना संकट के कारण दिल्ली-एनसीआर की सीमाएं सील हैं और लोगों को आने-जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। वहीं लोगों की दिक्कत को देऽते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एनसीआर क्षेत्र के लिए कॉमन पास बनाने का निर्देश दिया है। एनसीआर के लोगों की समस्याओं को लेकर दािऽल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनसीआर क्षेत्र में आवाजाही के लिए एक कॉमन पोर्टल बनाया जाए। इसके लिए सभी स्टेक होल्डर मीटिंग करें और एनसीआर क्षेत्र के लिए कॉमन पास जारी करें, जिससे एक ही पास से पूरे एनसीआर में आवाजाही हो सके। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के एनसीआर क्षेत्र में आवागमन के लिए एक सुसंगत नीति होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि सभी राज्य इसके लिए एक समान नीति तैयार करें। एक हफ्रते के भीतर ये एक नीति तैयार हो। इसके लिए तीनो राज्यों की बैठक कराई जाए। सुनवाई के दौरान हरियाणा ने कहा कि हमने सभी प्रतिबंध हटा दिए हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वर्तमान हालात में एक नीति, एक रास्ता और एक पोर्टल बनाया जाए। वहीं केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वो इसके लिए केंद्र सरकार से निर्देश लेंगे ताकि एक समान नीति हो और लोगों को परेशानी ना हो। किसान आंदोलन के चलते बंद दिल्ली सीमा ऽोलने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दािऽल की गई याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा है कि शाहीन बाग फैसले मे सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्रदर्शन प्रशासन की तरफ से तय जगह पर होना चाहिए। सड़क बाधित नहीं की जा सकती। इसलिए लोगों को तय जगह पर भेजा जाए। कोविड से जुड़े निर्देशों का पालन भी करवाया जाए।

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