कोरोना से जिंगदी की जंग हार गये अहमद पटेल, राजनेताओं नेताओं ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि
अहमद पटेल का निधन अपूर्णीय क्षति, हम उन्हें हमेशा याद करेंगे.: राहुल गांधी
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पांच बार राज्यसभा सांसद और कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष रहे अहमद पटेल का निधन हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत देश के विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के वरिष्ठ राजनेताओं ने अहमद पटेल के निधन पर दुख व्यक्त किया है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने अहमद पटेल के निधन पर शोक व्यक्त किया है और कहा, ‘‘कांग्रेस नेता अहमद पटेल के निधन की सूचना से व्यथित हूं. वह एक दक्ष सांसद थे जिनके पास रणनीतिक कौशल के साथ-साथ जन नेता का आकर्षण था. उनका सौम्य और मिलनसार व्यक्तित्व ही था जिसकी वजह से हर राजनीतिक दल में उनके मित्र थे. उनके परिजनों और मित्रों के प्रति मेरी संवेदनाएं.’’ शोक संदेश में सोनिया गांधी ने कहा, ‘अहमद पटेल के जाने से मैंने एक ऐसा सहयोगी खो दिया है जिनका पूरी जीवन कांग्रेस पार्टी को समर्पित था. उनकी निष्ठा और समर्पण, अपने कर्तव्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता, मदद के लिए हमेशा मौजूद रहना और उनकी शालीनता कुछ ऐसी खूबियां थीं, जो उन्हें दूसरों से अलग बनाती थीं. मैंने ऐसा कॉमरेड, निष्ठावान सहयोगी और मित्र खो दिया जिनकी जगह कोई नहीं ले सकता. मैं उनके निधन पर शोक प्रकट करती हूं और उनके परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करती हूं.’ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा है, ”यह एक दुखद दिन है. अहमद पटेल कांग्रेस पार्टी के एक स्तंभ थे. वह अपने सबसे कठिन समय में पार्टी के साथ खड़े रहे. वह एक जबरदस्त संपत्ति थे. हम उन्हें हमेशा याद करेंगे. फैजल, मुमताज और परिवार को मेरा प्यार और संवेदना.” कांग्रेस सुप्रीमो सोनियां गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल एक महीना पहले कोरोना से संक्रमित हुए थे। इसके बाद उनका इलाज चल रहा था। अहमद पटेल के बेटे फैजल पटेल ने ट्वीट कर कहा कि उनके पिता अहमद पटेल का आज सुबह 3 बजकर 30 मिनट पर निधन हो गया है। जानकारी के मुताबिक अहमद पटेल का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था। इसी अस्पताल में उनका निधन हुआ है। अहमद पटेल को गुजरात के भरूच स्थित उनके पैतृक गांव पीरामन में ही सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। अहमद पटेल की ये इच्छा थी कि उन्हें उनके माता-पिता के साथ ही दफन किया जाए, जिसके बारे में उन्होंने अपने बेटे को कहा था। फैजल पटेल ने ट्वीट कर कहा कि वे बेहद दुख के साथ अपने पिता अहमद पटेल की दुखद और असामयिक मृत्यु की घोषणा कर रहे हैं। फैजल पटेल ने कहा कि 25 तारीख को सुबह 3.30 पर उनके पिता का निधन हो गया। फैसल पटेल ने कहा कि लगभग एक महीना पहले उनके पिता कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। इलाज के दौरान उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया और वे मल्टी ऑर्गन फेल्यिोर के शिकार हो गए। फैजल पटेल ने कहा कि गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने आखिरी सांस ली। गुजरात से राज्यसभा सांसद और कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष रहे अहमद पटेल को 15 नवंबर को मेदांता अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। एक अक्टूबर को अहमद पटेल ने एक ट्वीट कर खुद के कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी दी थी। तब दिग्गज कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा था कि श्मैं कोरोना पॉजिटिव हुआ हूं, मैं निवेदन करता हूं कि जो मेरे नजदीकी संपर्क में आएं है वे खुद को आइसोलेट कर लें। 71 साल के अहमद पटेल तीन बार लोकसभा के सदस्य रहे हैं और 5 बार राज्यसभा के सांसद रहे हैं। अगस्त 2018 में उन्हें कांग्रेस पार्टी का कोषाध्याक्ष नियुक्त किया गया था। पहली बार 1977 में 26 साल की उम्र में भरूच से लोकसभा का चुनाव जीतकर अहमद पटेल संसद पहुंचे थे। हमेशा पर्दे के पीछे से राजनीति करने वाले अहमद पटेल कांग्रेस परिवार के विश्वस्त नेताओं में गिने जाते थे। वे 1993 से राज्यसभा सांसद थे। अहमद पटेल 1977 में 26 साल की उम्र में भरुच से लोकसभा चुनाव जीतकर तब के सबसे युवा सांसद बने थे। वे 1993 से राज्यसभा सदस्य हैं। अहमद पर्दे के पीछे की राजनीति में भरोसा करते रहे हैं। इसलिए कभी भी सामने आ कर राजनीति नहीं की। अहमद पटेल 1977 से 1982 तक गुजरात की यूथ कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे। सितंबर 1983 से दिसंबर 1984 तक वो ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के जॉइंट सेक्रेटरी रहे। 1985 में जनवरी से सितंबर तक वो प्रधानमंत्री राजीव गांधी के संसदीय सचिव रहे। अहमद पटेल सितंबर 1985 से जनवरी 1986 तक पटेल ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के जनरल सेक्रेटरी रहे। जनवरी 1986 में गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष बने और अक्टूबर 1988 तक इस पद पर रहे। 1991 में जब नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री बने, तो अहमद पटेल को कांग्रेस वर्किंग कमेटी का सदस्य बनाया गया। 1996 में उन्हें ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी का कोषाध्यक्ष बनाया गया था। उस समय सीताराम केसरी कांग्रेस के अध्यक्ष थे। 2000 सोनिया गांधी के निजी सचिव वी जॉर्ज से मनमुटाव होने के बाद उन्होंने ये पद छोड़ दिया था। बाद में 2001 में सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार बन गए। पटेल को 2004 व 2009 के लोकसभा चुनावों में यूपीए को जीत दिलाने का अहम रणनीतिकार माना जाता है। मनमोहन सिंह सरकार के कई अहम फैसलों में निर्णायक भूमिका निभाते थे। अहमद पटेल वह अहसान जाफरी के बाद गुजरात के ऐसे दूसरे मुस्लिम नेता हैं जो लोकसभा के लिए राज्घ्य से चुने गए। मीडिया से आमतौर पर दूर रहने वाले पटेल यूपीए सरकार के दौरान कांग्रेस के दूसरे सबसे शक्तिशाली नेता माने जाते थे।