दरिंदगी से कांपी रुह: हैवान दम्पत्ति ने खाया सात साल की बच्ची का कलेजा,हत्यारे गिरफ्तार
दंपत्ति ने संतान की चाहत में बच्ची के अंग लाने के लिये दिये थे 1500 रूपये
कानपुर। उत्तरप्रदेश में ऐसी जघन्य वारदात का पर्दाफाश पुलिस ने किया है, जिससे सुनने वाले की रुह कांप जाए और दिल दहल जाए। अंधविश्वास से जुड़ी यह घटना इतनी दर्दनाक है कि अंजाम देने वालों के तनिक भी हाथ नहीं कांपे। बच्ची को अगवा करने के बाद दीपावली की रात दुष्कर्म के बाद उसका पेट फाड़कर हत्या कर दी और फिर लिवर समेत कई अंग निकालकर खाए। कुछ अंग निकालकर कुत्तों को खिला दिए। घाटमपुर कोतवाली क्षेत्र के भदरस गांव में रहने वाली सात वर्षीय बच्ची को दीपावली की शाम करीब छह बजे एक किशोर पटाखा दिलाने के बहाने ले गया था। इसके बाद श्रेया लापता थी और रविवार सुबह उसका शव खेत में पड़ा मिला था। बच्ची का गला काटने के बाद पेट फाड़कर फेफड़ा, लिवर और दिल आदि निकाला गया था। उसके हाथ पैरों में रंग भी लगा था। मौके पर पहुंचे पुलिस के आला अफसरों ने पड़ताल शुरू कराई थी। डॉग स्क्वायड की मदद से हत्यारों के सुराग तलाशने का प्रयास कराया था और फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य एकत्र किए थे। पुलिस ने कुछ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी थी। दीपावली के दूसरे दिन घाटमपुर में हुई जघन्य वारदात का संज्ञान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिया था और पीड़ित परिवार के प्रति शोक संवेदना जताते हुए पांच लाख रुपये मदद राशि देने का ऐलान किया था। इसके साथ पुलिस को जल्द से जल्द हत्यारों की गिरफ्तारी का निर्देश जारी किया था। इसके बाद रात करीब दस बजे उपचुनाव में नवनिर्वाचित विधायक उपेंद्र पासवान गांव पहुंचे थे और पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी। उपेंद्र पासवान ने दिवंगत बच्ची के पिता को शासन की ओर से पांच लाख रुपये सहायता का चेक सौंपा था और दो बीघा कृषि भूमि पट्टा दिलाने का भी आश्वासन दिया था। जांच में जुटी पुलिस ने संदेह के आधार गांव के परशुराम से जब सख्ती से पूछताछ की तो उसने सारा सच उगल दिया। उसकी बातें सुनकर पुलिस ही नहीं दूसरे लोगों के भी रोंगटे खड़े हो गए और दिल दहल गए। सात साल की बच्ची के साथ रुह कंपा देने वाला दरिंदगी का सच सामने आया। पुलिस ने परशुराम समेत दो लोगों को गिरफ्तार करके घटना का पर्दाफाश कर दिया। शव का पोस्टमार्टम किया तो दिल, फेफड़ा, किडनी, स्पलीन (तिल्ली), छोटी व बड़ी आंत गायब मिली। दुष्कर्म की जांच के लिए स्लाइड बनाई गई। रुह कंपा देने वाली इस वारदात की वजह अंधविश्वास और दंपती की संतानहीनता रही। हिरासत में पूछताछ के दौरान आरोपितों ने बताया कि गांव में अधेड़ ने संतान प्राप्ति के लिए डेढ़ हजार रुपये देकर किसी बच्ची का कलेजा लाने को कहा था। इसपर उसने भतीजे अंकुल को 500 और उसके साथी वीरन कुरील 1,000 रुपये देकर तैयार किया था। इसपर शनिवार की शाम करीब छह बजे अंकुल उर्फ हुला पटाखा दिलाने के बहाने बच्ची को घर से लेकर आया था। एसपी ग्रामीण बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि बच्ची की हत्या निसंतान परशुराम ने कराई थी। उसने किसी किताब में बच्ची का लिवर और कलेजा खाने से संतान प्राप्ति की बात पढ़ी थी। गिरफ्तार युवकों ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि बच्ची का अपहरण करने के बाद दोनों ने शराब पी। बच्ची को अगवा करने के बाद जंगल में ले जाकर पहले उससे दुष्कर्म किया, इसके बाद चाकू से पेट काटकर अंग निकाले और चाचा परशुराम को दिये। उसने पत्नी सुनैना के साथ बांटकर कलेजा और लिवर कच्चा खा लिया था। कुछ अंग कुत्तों को खिला दिए तो कुछ पॉलीथिन में भरकर फेंक दिए। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त चाकू बरामद कर लिया है। पुलिस ने अंकुल व वीरन को गिरफ्तार करके हत्या, शव छिपाने, दुष्कर्म व पाॅक्सो एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज करके जेल भेज दिया है।