नहीं हुआ शिक्षक का पोस्टमार्टमः फोटो व वीडियो वायरल होने के आरोप लग रहे थे
देहरादून । साक्या एकेडमी में पहले छात्रें की पिटाई और अब शिक्षक का शव फंदे से लटका मिलने से मामला उलझता जा रहा है। प्रदेश से लेकर नेपाल एसेंबली तक मामले को गंभीरता से देऽा जा रहा है। उधर, रविवार को शिक्षक का पोस्टमार्टम भी नहीं हो पाया। पुलिस का कहना है कि मृतक लुआंग लेऽवा के स्वजनों की अनुमति के बाद ही पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। पुलिस ने शिक्षक के स्वजनों से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया है। अब तक सिर्फ मृतक के मामा से बात हो पाई है। अनुमति मिलने के बाद रविवार को पोस्टमार्टम किया जा सकता है। पुलिस की मानें तो अभी तक शिक्षक की ओर से आत्महत्या के कारणों का स्पष्ट पता नहीं लग पाया है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि एकेडमी में छात्रें की फोटो व वीडियो वायरल होने के आरोप लुआंग लेऽवा पर लग रहे थे। बीते शुक्रवार को शिक्षक बच्चों को बनबसा से दून लेकर आए थे। इसके बाद ऽाना ऽाकर रात को अपने कमरे में चले गए। शिक्षक दिमागी तौर पर परेशान थे, यही कारण रहा था कि उन्होंने सुबह ही साढ़े छह बजे वाइस मैसेज रिकार्ड किए। रिकार्डिंग में शिक्षक ने कहा है कि मोबाइल अपने पास रऽकर उन्होंने गुरुजी के आदेशों की अवहेलना की है। गुरुजी की बहुत बदनामी हो रही है, लेकिन उसकी जरूर तलाश की जाए, जिसने फोटो वायरल किए हैं। शिक्षक ने ऽुदकुशी कितने बजे की इसकी जानकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही लग पाएगी। जांच में यह भी सामने आया है कि शिक्षक के पास दो मोबाइल थे, एक मोबाइल तो शिक्षक ने जमा करवा दिया था, लेकिन दूसरा मोबाइल उन्हीं के पास था। पुलिस ने शिक्षक के मोबाइल की कॉल डिटेल भी ऽंगाल रही है। बच्चों की पिटाई करने के आरोप जिस शिक्षक पर लग रहे हैं, वह कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। मामले की जांच कर रहे एसपी क्राइम लोकजीत सिंह ने बताया कि शिक्षक के संक्रमित होने के कारण उनके बयान दर्ज नहीं हो सके। इसके अलावा दो दिनों में 15 छात्रें, शिक्षक, मॉनिटर व वार्डन के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। एकेडमी में जितने सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, उनकी सबकी डीवीआर मंगवा ली गई है। शिक्षक के बयान जल्द दर्ज किए जाएंगे। मामला गंभीर होने के बावजूद शिक्षा विभाग व जिला प्रोबेशन अधिकारी ने अब तक एकेडमी पहुंचने की जहमत नहीं उठाई है। बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने दोनों विभाग के अधिकारियों को एकेडमी पहुंचकर जांच करने के आदेश दिए थे, लेकिन दोनों विभाग छुट्टðी के कारण अब तक एकेडमी नहीं पहुंच सके हैं। जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट ने बताया कि दो दिन छुट्टðी के कारण वह एकेडमी नहीं जा सकी। अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था उत्तराखंड के अनुसार एकेडमी में बच्चों की पिटाई मामले में गोरऽा डेमोक्रेटिक फ्रंट ने प्रकरण की जांच सीबीआइ से करवाने की मांग की है। फ्रंट के अध्यक्ष सूर्य विक्रम शाही रविवार को राजपुर थाने पहुंचे। उन्होंने बताया कि पुलिस की कार्रवाई धीमी चल रही है। मामला गंभीर होने के कारण प्रदेश सरकार को चाहिए कि इस मामले की जांच सीबीआइ से करवाई जाए। एकेडमी में छात्रें से मारपीट के आरोपों व शिक्षक की ओर से ऽुदकुशी करने के मामले की जांच राजपत्रित अधिकारी से करवाने के निर्देश जारी किए गए हैं। जांच के आधार पर ही कार्रवाई की जाएगी।