उत्तराखंड से भाजपा के ‘राज्यसभा प्रत्याशी’ पर टिकी निगाहें,कांग्रेस खामोश
देहरादून (उद ब्यूरो)। उत्तराखंड से राज्यसभा की सीट के लिये सत्तासीन भाजपा के प्रत्याशी को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। राज्य की एक सीट के लिये आगामी नौ नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए भाजपा जल्द ही अपने प्रत्याशी का एलान कर सकती है। हांलाकि पार्टी से बाहरी प्रत्याशी को राज्यसभा भेजने के खिलाफ कुछ नेताओं के सुर तेज हो गये हैं। इस बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के दिल्ली दौरे पर हैं और राज्यसभा सीट के लिए प्रत्याशी चयन के संबंध में पार्टी हाईकमान से चर्चा कर सकते हैं। उत्तराखंड से राज्यसभा की एक सीट आगामी 25 नवंबर को रित्तफ़ हो रही है। कांग्रेस के सांसद राज बब्बर अभी इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इस सीट के चुनाव के लिए नौ नवंबर की तिथि तय की गई है। चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद राज्य में चुनावी सरगर्मी प्रारंभ हो गई है। राज्यसभा की एक सीट के लिए सत्तारूढ़ भाजपा में दावेदारों के नामों की चर्चा शुरू हो गई है। राज्यसभा की दौड़ में सबसे आगे पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और उत्तराखंडभाजपा के प्रभारी श्याम जाजू,भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय प्रभारी महेंद्र पांडेय और प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल गोयल का नाम सबसे अधिक चर्चाओं में हैं। इन प्रमुऽ नामों के अलावा भाजपा में दावेदारों की लंबी कतार है। प्रदेश के नेताओं में विजय बहुगुणा के साथ ही भटट् हरियाणा में पार्टी के महामंत्री संगठन सुरेश भट्ट भी दावेदार माने जा रहे है। उनके अलावा चर्चा में पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल गोयल का नाम भी है। पार्टी गोयल को दो बार राज्यसभा का प्रत्याशी बना चुकी है, लेकिन गोयल दोनों बार ऐसे वत्तफ़ में प्रत्याशी बनाए गए जब भाजपा मजबूत स्थिति में नहीं थी। इधर चुनाव की तारीख करीब आते ही भाजपा नेताओं में हलचल बढ़ गई है। चौकाने वाली बात यह है कि उत्तराखंड प्रदेश कार्यसमिति में शामिल हुए शौर्य डोभाल का नाम भी दावेदारों के तौर पर लिया जा रहा है। देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोेभाल के पुत्र शौर्य डोभाल की राजनीतिक इच्छाशक्ति को लेकर भी तरह तरह की चर्चाये शुरू हो गई है। उनके अलावा ज्योति गैरोला और नरेश बंसल के नाम भी चर्चाओं में हैं। गौर हो कि राज्यसभा में गए बाहरी उम्मीदवार की राज्य में सक्रियता को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं। कांग्रेस ने राजब्बर को उत्तराखंड से राज्यसभा में भेजा लेकिन उन पर आरोप लगे कि वे अपने कार्यकाल में उत्तराखंड में दिऽाई ही नहीं दिए। राजबब्बर से पहले कांग्रेस कैप्टन सतीश शर्मा और सत्यव्रत चतुर्वेदी को भी उत्तराखंड से राज्यसभा में भेज चुकी है। उनकी सक्रियता को लेकर भी इसी तरह के सवाल उठे थे।बहरहाल राज्यसभा चुनाव में भाजपा राज्य से बाहर का उम्मीदवार पर दांव लगाएगी या नहीं इस फैसले पर सबकी निगाहें टिकी हुई है। राज्य की 70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के विधायकों की संख्या 57 है। ऐसे में भाजपा प्रत्याशी की जीत पहले से तय है। बावजूद इसके भाजपा ने इस सीट पर प्रत्याशी के मामले में अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं। असल में यहां से दावेदारों की संख्या भी अधिक है। हालांकि, विपक्ष की ओर से भी प्रत्याशी उतारने को लेकर माथापच्ची चल रही है। यदि विपक्ष की ओर से प्रत्याशी उतारा जाता है तो इसी स्थिति में मतदान की नौबत आएगी। राज्यसभा के टिकट के लिये प्रबल दावेदारों में पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा का नाम आगे बताया जा रहा है। वर्ष 2014 में मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद 2016 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए बहुगुणा ने तब कांग्रेस के 10 विधायकों को भाजपा में शामिल कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हालांकि, इसके बाद हुए विस और लोकसभा चुनावों में उन्होंने दावेदारी नहीं की थी। ऐसे में उनका दावा मजबूत माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी राज्यसभा चुनाव के दावेदार को लेकर अपनी प्रतिक्रिया जल्द व्यक्त कर सकते है। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड से राज्यसभा की एक सीट के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी होने के साथ ही चुनाव प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। 27 अक्टूबर तक नामांकन पत्र लिए जा सकेंगे। जरूरत पड़ने पर राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर नौ नवंबर को मतदान होगा। उत्तराखंड से राज्यसभा की एक सीट आगामी 25 नवंबर को रित्तफ़ हो रही है। कांग्रेस के सांसद राज बब्बर अभी इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। केंद्रीय निर्वाचन आयोग कुछ दिन पूर्व चुनाव कार्यक्रम घोषित कर चुका है। इस चुनाव के लिए उत्तराखंड विधानसभा के प्रभारी सचिव मुकेश सिंघल को रिटर्निंग अधिकारी और अनुसचिव नरेंद्र सिंह रावत को सहायक रिटर्निंग अधिकारी नियुत्तफ़ किया गया है। मंगलवार को रिटर्निंग अधिकारी मुकेश सिंघल ने चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी।अधिसूचना के मुताबिक 27 अक्टूबर तक कार्य दिवस में सुबह 11 से दोपहर बाद तीन बजे तक नामांकन पत्र लिए जा सकते हैं। इसके लिए विधानसभा के कक्ष संख्या 303 में व्यवस्था की गई है। 28 अक्टूबर को नामांकन पत्रें की जांच होगी। दो नवंबर को दोपहर तीन बजे तक नाम वापस लिए सकेंगे। जरूरत पड़ने पर नौ नवंबर को मतदान होगा। अधिसूचना जारी होने के साथ ही राज्यसभा की इस सीट के चुनाव की सरगर्मी शुरू हो गई है। विधानसभा की ओर से सभी विधायकों को चुनाव के संबंध में सूचना दे दी गई है। बहरहाल राज्य की 70 सदस्यीय विधानसभा में प्रचंड बहुमत से काबिज भाजपा के विधायकों की संख्या 57 तो विपक्ष में कुल कांग्रेस के 11 व दो निर्दलीय है। संख्या बल को देऽते हुए राज्यसभा की इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी की जीत तय है।
दावेदारों की दौड़ में संबित पात्र भी शामिल!
देहरादून। उत्तराखंड की सियासत में लगातार बदलाव देखा जा रहा है। राजनैतिक दलों की अपेक्षाओं के अनुरूप प्रदेश में पहली बार लोकसभा के चुनाव में पांचों सांसद भाजपा के जीते है। हांलाकि विधानसभा के चुनाव में भी मोदी लहर के बीच भाजपा के प्रति प्रचंड लहर छा गई। इसके सुनहरे परिणाम भी भाजपा को हासिल हुए है। माना जाता है कि भाजपा के प्रचार तंत्र की सक्रियता के बदौलत भाजपा आज शून्य से शिखर पर पहुंची है। वहीं पीएम मोदी की टीम के सबसे करीबी नेताओं में शामिल भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रवक्ता संबित पात्र के योगदान को भी पार्टी में तवज्जो देने की बात कही जा रही है। सोशल मीडिया पर भी उत्तराखंड से संबित पात्र के समर्थकों ने उन्हें राज्यसभा भेजने के लिये पार्टी से अपील की है ताकि प्रदेश से जुड़े जनमुद्दों को सक्रियता से गति देने के साथ ही हाईकमान तक सीधी पहुंच का लाभ राज्यवासियों को मिलेगा। गौरतलब है कि उत्तराखंड के भाजपा के राज्यसभा सांसद व राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी के पैत्रिक गांव पहुंचे थे। तब श्री बलूनी गंभीर रूप से अस्वस्थ्य थे और श्री पात्र ने उनके अनुराधे को स्वीकार किया था। डॉ- पात्र इगास पर्व मनाने गांव नकोट आये थे। भाजपा नेताओं के साथ ही स्थानीय ग्रामीणों के साथ मुलाकात के बाद डा- संबित पात्र ने देवप्रयाग में गंगा स्नान कर विभिन्न मंदिरों में पूजा अर्चना भी की।