हाईकोर्ट पहुंचा ‘युवती’ का पीड़ित परिवार: एसआईटी ने गांव के पड़ोसियों को पूछताछ के लिए बुलाया

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जेल से भेजी चिट्ठीः पीड़िता की मां बोली दिख जाते तो दरांती से काट देती!
लखनऊ/हाथरस(उद ब्यूरो)। हाथरस के बहुचर्चित दलित युवती के हत्याकांड में राज्य सरकार के दिशा निर्देश पर गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अपनी जांच तेज कर दी है, हांलाकि अब तक वारदात में शामिल आरोपियों और परिवार के सदस्यों के चौंकाने वाले बयानों की सच्चाई क्या है इस मसले पर भी बहस छिड़ गई है। एसआईटी ने अब पीड़िता के दाह संस्कार वाले दिन कौन कौन घटनास्थल पर गांव का मौजूद था, उसको पूछताछ के लिए बुलाया गया है। एसआईटी ने गांव के 40 लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया है। बताया जा रहा है कि पीड़िता की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत होने के बाद पुलिस आधी रात को शव लेकर हाथरस पहुंची थी। पीड़िता के परिजन और गांव के लोगों ने शव के अंतिम संस्कार का विरोध किया। परिजन बेटी के शव को घर ले जाने की मांग करते रहे, लेकिन पुलिस ने जबरन दाह संस्कार कर दिया। इस विरोध के दौरान ग्रामीणों की पुलिस के साथ धक्का मुक्की भी हुई थी। बहरहाल, हाथरस कांड में एसआईटी जांच में जुटी हुई है। एसआईटी की टीम ने मंगलवार को भी पीड़िता के घर जाकर की पूछताछ की थी और चिता जलाने वाली जगह का दौरा किया था। बता दें कि एसआईटी को अपनी जांच पूरी करने के लिए 10 दिन की और मोहलत दी गई है। एसआईटी अब 16 अक्टूबर को अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौपेंगी। बताया जा रहा है कि जांच दल ने पीड़िता की भाई का बयान भी दर्ज कर लिया है। एसआईटी के अधिकारी पीड़िता के घर और छत का भी मुआयना कर चुके हैं। जांच पड़ताल के दौरान पीड़िता के आसपास रहने वाले पड़ोसियों से भी पूछताछ की गई। जांच टीम ने घटना के बारे में जानकारी हासिल की है। इस बीच, पीड़िता के परिवार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। पीड़ित परिवार की तरफ से सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र कुमार ने दायर अर्जी में कहा है कि पुलिस -प्रशासन की बंदिशों के चलते पीड़ित परिवार घर में कैद सा होकर रह गया है। लोगों से मिलने-जुलने की पूरी छूट दिए जाने और अपनी बात खुलकर रखु जाने की मांग की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस अर्जी पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित कर लिया है जल्द ही फैसला सुनाया जाएगा। याचिका में कहा गया है कि पाबंदियों के चलते आम लोग मिलने नहीं आ पा रहे हैं। परिवार किसी से खुलकर अपनी बात नहीं कह पा रहा है। याचिका में कहा गया कि इंसाफ पाने के लिए पीड़ित परिवार से बंदिशें हटना जरूरी है। हाथरस गैंगरेप कांड की जांच में पुलिस की जांच का एक वीडियो सामने आया है, जो कि गैंगरेप की घटना वाले दिन का ही बताया जा रहा है। 14 सितंबर को शूट हुआ ये वीडियो घटना के ठीक बाद का है। जिसमें ऽेत के इलाके में सामान फैला हुआ है जो ये साबित करता है कि घटना के वत्तफ़ वहां पर कई लोग मौजूद थे। आपको बता दें कि 14 सितंबर को ही पीड़िता के घर से कुछ दूरी में खेतत के इलाके में गैंगरेप की घटना हुई थी। यूपी पुलिस का दावा है कि ये वीडियो उसी दिन का है। साथ ही ये भी कहा गया है कि जब घटना हुई तो पीड़िता की मां कुछ ही दूरी पर थी, ऐसे में उनके पास तक आवाज पहुंच सकती थी। वीडियो में पता लगता है कि वहां पर 4 हसियां मिली हैं, इसके अलावा चप्पल और अन्य सामान मिला है। जो साबित करता है कि घटना के वत्तफ़ वहां पर कई लोगों की मौजूदगी थी। अब इस वीडियो के सामने आने के बाद यूपी पुलिस का कहना है कि सबूत के तौर पर इसे सीबीआई को सौंपा जाएगा, ताकि घटना के बाद की स्थिति की जानकारी जांच एजेंसी को मिल सके। पुलिस के मुताबिक, जब घटना हुई तो उसके बाद मौके पर पुलिस को बुलाया गया। जब पुलिस पहली बार घटना स्थल पर पहुंची थी, तो उस वत्तफ़ ही ये वीडियो शूट किया गया था। गौरतलब है कि हाथरस के गांव में 14 सितंबर को ये घटना हुई थी, जिसके बाद पीड़िता को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यूपी सरकार के मुताबिक, शुरुआती दिन में ही गैंगरेप की बात पीड़िता ने नहीं बताई थी। हालांकि, कुछ वत्तफ़ बाद पीड़िता ने इस बारे में बयान दिया था। उसके बाद पीड़िता को दिल्ली के अस्पताल में शिफ्रट किया गया था, जहां 29 तारीख को उसकी मौत हो गई थी। इस सनसनीखेज मामले के बीच हाथरस कांड के बहाने दंगा कराने की साजिश का पर्दाफाश किए जाने का सनसनीखेज दावा भी किया जा रहा है। इस केस में कुछ आरोपियों को गिरफ्रतार किया गया है जबकि उन पर राजद्रोह का मुकदमा कायम किया जायेगा। बताया जा रहा है कि विभिन्न राजनैतिक दलों द्वारा हाथरस कांड को तूल देकर जहां राज्य की सत्तासीन बीजेपी सरकार को जवाबदेही तय करने के लिये तीखी बयानबाजी कर रही थी। वहीं दूसरी तरफ यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने प्रदेश में राजनीतिक साजिश रचने का आरोप लगाया था। इतना ही नहीं पुलिस ने खुलासा किया है कि सोशल मीडिया के जरिये कुछ अंतराष्ट्रीय तत्वों ने भारत में जातीय दंगा भड़काने के लिये फंडिग शुरू कर दी थी जबकि इन लोगों के तार विपक्ष के नेताओं से भी जुड़े हुए है।
जेल से भेजी चिट्ठीः पीड़िता की मां बोली दिख जाते तो दरांती से काट देती!
हाथरस। एक राष्ट्रीय न्यूज चैनल पर हत्याकांड की शिकर हुई दलित बेटी की मां ने जेल में बंद आरोपियों की चिट्ठी में लगाये गये आनर किलिंग के आरोपों को खारिज कर दिया। पीड़िता की मां ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है, कहा कि अगर खेत में दिख जाते तो दरांती से खेत में ही काट देती। मां बोलीं कि मैं थोड़ी ही दूर पर घास काट रही थी और अपनी बेटी का खुन देऽकर मैं बेहोश हो गई। उन्होंने कहा कि खेत में घास काट रहे थे तो प्यास लगी। फिर बेटे को पानी लाने के लिए भेज दिया। उसी दौरान बेटी के साथ आरोपियों ने ये काम किया। आरोपियों से फोन पर बात करने के आरोप पर पीड़िता की मां कहती हैं कि मेरे घर में सब अनपढ़ हैं। सिर्फ बहू पढ़ी  लिखी है। नंबर कैसे मिला लेगा कोई। घर पर बहू ही रहती है। बता दें कि गैंगरेप कांड के आरोपियों ने पुलिस अधीक्षक को चिटठी लिखी । इसमें आरोपियों ने खुदद को बेकसूर बताया है। आरोपियों ने दावा किया है कि पूरा मामला ऑनर किलिंग का है। वहीं पीड़ित परिवार ने कहा कि उनके िऽलाफ साजिश की जा रही है। पीड़िता की भाभी ने कहा कि उसको (पीड़िता) चुपके से जला दिया। अब हम लोगों को जहर दे दो। वहीं, दो आरोपियों रामू और रवि की मां ने कहा कि हमारे दोनों बेटे निर्दाेष हैं। उनको बाद में फंसाया गया है। चिट्ट में जो लिखी है, वह सही होगा लेकिन हमने यह नहीं देख है कि वह कब मिलने जाते थे और कब नहीं जाते थे। इधर अब तक की तहकीकात में कई चौकाने वाले खुलासे किये जा रहे है। हांलाकि इतने संवेशनशील मामले में यूपी पुलिस की कार्यशैली पर पूर्व से ही अंगुलियां उठायी जा रही है। लिहाजा यूपी पुलिस की एसआईटी टीम अब घटना की जांच में तेजी से जुटी हुई है। वहीं घटना स्थल पर काईमसीन को लेकर भी पूछताछ शुरू की गई है। गौर हो कि गत दिवस यूपी पुलिस ने दावा किया था कि उसकी कॉल डिटेल से पता लगता है कि दो पक्षों में 2019 से ही बातचीत शुरू हुई थी। इस कॉल डिटेल से मामले में अब नया मोड़ आ गया है। अब हाथरस केस के मुख्य आरोपी संदीप की चिटठी भी सामने आई है। हाथरस जेल से संदीप ने ये चिटठी कल यानी 7 अक्टूबर को चिटठी लिखी है। इतना ही नहीं इस चिटठी में संदीप ने आरोप लगाया है कि पीड़ित लड़की की हत्या हॉरर किलिंग का मामला है और ये हत्या उसने नहीं बल्कि लड़की की मां और भाई ने की है। आरोपी संदीप के मुताबिक पीड़ित लड़की के साथ उसकी दोस्ती थी जिस पर उसके घरवालों को एतराज था। वारदात वाले दिन आरोपी संदीप ने खेत में लड़की से मुलाकात की बात कबूली है और आरोप लगाया है कि इसी से नाराज होकर लड़की की मां और भाई ने लड़की को मारा पीटा जिससे उसकी मौत हो गई।

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