उत्तराखंड में चिड़ियाघर,नेशनल पार्क खुलेंगे..आ सकती है सौलानियों की रिकार्डतोड़ भींड़
देहरादून। दुनियाभर में कोरोना महामारी के प्रकोप से जनजीवन व्याकुल हो गया है। जबकि अब अनलाॅक-5 में छूट मिलने के साथ ही अब उत्तराखंड में 15 अक्टूबर से नेशनल पार्क, सेंचुरी, कंजर्वेशन रिजर्व और चिड़ियाघर खुलने लगेंगे। केवल राजाजी नेशनल पार्क और कार्बेट नेशनल पार्क का ढिकाला जोन ही 15 नवंबर से खुलेंगे। शेष संरक्षित क्षेत्रों को वन्यजीव पर्यटन के लिए खोलने के मद्देनजर तैयारियों को अंतिम रूप देने के साथ ही वन महकमे ने गाइडलाइन भी जारी कर दी है। सैलानियों को कोविड-19 की गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करना होगा। वन विश्राम भवनों में सैनिटाइजेशन, सुरक्षित शारीरिक दूरी के मानकों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। वहीं, गंगोत्री नेशनल पार्क और गोविंद वाइल्डलाइफ सेंचुरी में पर्वतारोहण और ट्रेकिंग के लिए भी दरवाजे खोल दिए गए हैं। केंद्र सरकार ने हाल में जारी अनलाॅक-5 की गाइडलाइन में मनोरंजन पार्क, चिड़ियाघर आदि को 15 अक्टूबर से खोलने की इजाजत दी थी। इसके बाद राज्य सरकार की ओर भी इस सिलसिले में गाइडलाईन जारी होने पर वन महकमा सूबे में पार्क, सेंचुरी, कंजर्वेशन रिजर्व व चिड़ियाघरों को खोलने की तैयारियों में जुट गया। प्रदेश में छह नेशनल पार्क, सात वाइल्डलाइफ सेंचुरी, चार कंजर्वेशन रिजर्व और दो चिड़ियाघर हैं। ये सभी कोरोना संकट के चलते बीती 22 मार्च से बंद चल रहे हैं। हालांकि, नैनीताल चिड़ियाघर को कुछ समय पूर्व खोला गया, लेकिन वहां पर्यटकों की संख्या बेहद सीमित रखी गई थी। राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग के अनुसार राजाजी नेशनल पार्क के सभी पर्यटक जोन और काॅर्बेट नेशनल पार्क के ढिकाला जोन को छोड़कर अन्य सभी पार्कों, सेंचुरियों, कंजर्वेशन रिजर्व और चिड़ियाघरों को 15 अक्टूबर से खोलने के मद्देनजर कसरत चल रही है। काॅर्बेट के बिजरानी, झिरना, दुर्गादेवी, पाखरो व हल्दूपड़ाव टूरिस्ट जोन 15 अक्टूबर से डे-विजिट के लिए खोले जाएंगे। देहरादून चिड़ियाघर भी इसी दिन से खोलने की तैयारी कर ली गई है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में गंगोत्री नेशनल पार्क, गोविंद वाइल्डलाइफ सेंचुरी समेत अन्य संरक्षित क्षेत्रों में पर्वतारोहण और ट्रेकिंग की अनुमति देनी शुरू कर दी गई है। अभी तक चार दलों को अनुमति भी दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि वन्यजीवन के दीदार, पर्वतारोहण, ट्रैकिंग आदि के लिए संरक्षित क्षेत्रों में आने वाले सभी सैलानियों का पूरा ब्योरा रखा जाएगा। इसके साथ ही कार्मिकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कोविड-19 की गाईडलाइन का अनुपालन सुनिश्चित कराएं। यदि किसी सैलानी में कोराना के कोई लक्षण पाए जाते हैं तो उसे आइसोलेट कर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में भेजने के साथ ही इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग व संबंधित जिला प्रशासन को दी जाए। बहारहाल प्रदेश में बढ़ रही पर्यटकों की संख्या के मद्देनजर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी सरकार की ओर से चारधाम समेत पर्यटक स्थलों में सैलानियों के स्वास्थ्य की उचित व्यवस्था करने के लिये जिला प्रशासन को दिशा निर्देश जारी कर दिये है।