छह महीने बाद हल्द्वानी से दिल्ली रोडवेज बसों का संचालन हुआ शुरू
हल्द्वानी । छह महीने बाद उत्तराखंड रोडवेज की बसों ने बुधवार से दिल्ली रूट पर चलना शुरू कर दिया। लाॅकडाउन के दौरान पहले संचालन पूरी तरह से ठप था। उसके बाद नए आदेश के तहत कुमाऊं और गढ़वाल की बसें अपने-अपने मंडल में ही चली। हल्द्वानी बस स्टेशन से सुबह छह बजे करीब पहली बस 32 सवारी लेकर निकली। दस बजे तक चार बसें दिल्ली रवाना हो चुकी थी। 23 मार्च से बसों का संचालन पूरी बंद कर दिया गया था। 25 जून से दोबारा उत्तराखंड की बसों ने सवारियां ढोना शुरू कर दिया था। मगर उत्तर प्रदेश में एंट्री की अनुमति नहीं होने की वजह से बसें ऊधमसिंह नगर के बार्डर पर सवारी छोड़ वापस लौट जाती थी। जहां से यात्री यूपी रोडवेज की बसों में सवार हो जाते थे। बामुश्किल स्थानीय बसें डीजल आदि का खर्च निकाल पाती थी। रोडवेज अफसरों के मुताबिक आज नैनीताल रीजन के सात अलग-अलग डिपो से कुल 29 बसों को दिल्ली भेजा जाना है। जिस वजह से सुबह से रोडवेज स्टेशन पर कुछ रौनक भी नजर आई। नए नियम के मुताबिक क्षमता के हिसाब से ही सवारियां भरी जाएगी। आरएम संचालन यशपाल सिंह ने बताया रोडवेज की तैयारियां पूरी है। यात्रियों की सुविधा व सुरक्षा को लेकर पूरी गंभीरता बरती जाएगी। इन डिपो की बसें चलेंगी रोडवेज अफसरों के मुताबिक पहले दिन हल्द्वानी डिपो की 6, काठगोदाम 10, भवाली 1, रानीखेत 1, अल्मोड़ा 1, रामनगर 5 और रुद्रपुर डिपो की पांच बसें दिल्ली रूट पर सवारियों को लेकर रवाना होंगी।दिल्ली आइएसबीटी में प्रवेश पर मनाही होने की वजह से दिल्ली जाने वाले यात्रियों को फिलहाल कौशांभी में उतारा जाएगा। वहीं, अभी तक कुमाऊं की बसों को राजधानी देहरादून जाने की परमिशन नहीं मिल सकी। ऐसे में ट्रेन हीएकमात्र साधन है। फिलहाल दिल्ली में आइएसबीटी बंद होने की वजह से बसें वहां नहीं जा सकेंगी, मगर आइएसबीटी प्रशासन ने दूसरे राज्य की बसों को अपने वहां पार्किंग करने का रेट बढ़ा दिया है। पहले 350 रुपये प्रति बस लिए जाते थे, मगर अब 70 मिनट तक आइएसबीटी में रुकने पर 400 रुपये शुल्क लगेगा। इससे ज्यादा समय लगने पर पेनाल्टी देनी पड़ेगी। इस हिसाब से पहले आधे घंटे में 450, एक घंटा होने पर 550, दो घंटे के 850 रुपये देने होंगे। अगर गलती से प्रवेश शुल्क का भुगतान नहीं किया तो एक हजार जुर्माना लगेगा। जिस वजह से मुख्यालय ने सभी एआरएम को पत्र भेज कहा कि स्टाफ को निर्धारित समय में सवारी भरकर वापस लौटने के लिए निर्देशित करें। ताकि बेवजह का जुर्माना न देना पड़े।