ओमेक्स सोसायटी के कोषाध्यक्ष पद पर जतिन छाबड़ा का कब्जा
41 मतों से विजयी घोषित हुए जतिन, दो प्रत्याशियों में थी टक्कर
रुद्रपुर।लम्बी जद्दोजहद के बाद शहर की पाॅश कालोनी ओमेक्स में आवासीय सोसायटी के चुनाव आखिरकार संपन्न हो गए। सोसायटी में आखिरी कोषाध्यक्ष की सीट पर जतिन छाबड़ा 41 मतों से विजयी घोषित किये गये। इस दौरान दूसरे पक्ष ने मतदान में फर्जी मतों के उपयोग के भी जमकर आरोप लगाए। कल सुबह ओमेक्स क्लब में नौ बजे मतदान शुरु हुआ। शाम चार बजे तक मतदान शांतिपूर्ण चलता रहा। इस दौरान मतदान स्थल पर सुबह से ही पुलिस बल की बड़ी संख्या में तैनाती रही। दिनभर शांतिपूर्ण चले मतदान पर मतगणना से पूर्व ही एक पक्ष ने आरोप लगाने शुरु कर दिए थे। आरोप था कि मतदान में फर्जीबाड़ा किया गया है। गौरतलब है कि ओमेक्स सोसायटी में चुनाव को लेकर लंबे समय से उठापटक चल रही थी। शुक्रवार को नामांकन के बाद सोसाइटी के सदस्य विजय भूषण गर्ग को निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया था। रविवार को कोषाध्यक्ष पद के लिए चुनाव संपन्न हुए। चुनाव में केवल दो ही प्रत्याशी आमने-सामने थे, जिनमें से एक संजय सिंह व दूसरे जतिन छाबड़ा थे। दोनों प्रत्याशियों ने सोसाइटी के वोटरों से संपर्क साधते हुए अपने अपने पक्ष में वोट करने की अपील की थी। रविवार शाम हुई मतगणना के बाद आए परिणाम में जतिन छाबड़ा विजयी घोषित हुए। कुल हुए मतदान में जतिन छाबड़ा को 282 वोट तो सिंह को 241 वोट प्राप्त हुए। जिससे जतिन छाबड़ा के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गयी। ओमेक्स आवासीय सोसाइटी में अध्यक्ष व कोषाध्यक्ष पद के लिए मार्च महीने में चुनाव होने थे लेकिन पूर्व अध्यक्ष ने कोरोना महामारी को देखते हुए मतदान को टलवाने की कोशिश की। लेकिन प्रशासनिक दखल के बाद चुनाव संपन्न हुआ। हालांकि अध्यक्ष पद में के लिए तीन दावेदारों में से दो दावेदारों के नाम वापस लेने के बाद विजय भूषण गर्ग को निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया गया था।
पुलिस ने भी माना नहीं हुई अनियमितता
रुद्रपुर। कल जब ओमेक्स में मतगणना शुरु हुयी तो मतदान में फर्जी मतों का अरोप लगाकर मतगणना को रोकने की अपील वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों से की गई। इस दौरान वहां मौजूद सब इंस्पेक्टर ने आरोप लगाने वालों से ही सवाल किया कि हम सुबह नौ बजे से यहां मौजूद हैं। बार-बार दोनों पक्षों से बात कर रहे हैं। कहीं कोई अनियमितता की शिकायत नहीं आयी है। अब मतगणना के समय फर्जी मतदान का आरोप ठीक नहीं है।