सभी मंत्रियों और विधायकों का होगा कोरोना टेस्ट
देहरादून। देश के इतिहास में पहली बार कोरोना महामारी से जुग के बीच 23 सितंबर से शुरू हो रहे उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र से पहले सभी विधायकों व मंत्रियों की कोरोना जांच कराई जाएगी। जांच रिपोर्ट निगेटिव होने के बाद ही वे सत्र की कार्यवाही में हिस्सा ले पाएंगे। कोरोना की आरटी-पीसीआर जांच 21 व 22 सितंबर को होगी। विधायकों की यह जांच रेसकोर्स स्थित विधायक हाॅस्टल और मंत्रियों की यमुना काॅलोनी स्थित उनके शासकीय आवासों पर होगी। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के अनुसार सत्र को सुरक्षित एवं सुचारू रूप से संचालित करने के लिए तय सीमा के अंतर्गत कोरोना जांच कराना आवश्यक है। विधायकों, मंत्रियों व अधिकारियों की सुरक्षा के लिहाज से यह जरूरी भी है। उन्होंने कहा कि यदि किसी विधायक ने बाहर कहीं जांच कराई है और रिपोर्ट निगेटिव है तो उन्हें भी प्रवेश दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सत्र के लिए सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। कोविड से बचाव के हिसाब से तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया है। विधानसभा का मानसून सत्र एक दिनी हो सकता है। हालांकि, अभी तक सत्र के लिए 23 से 25 सितंबर की अवधि निर्धारित है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि कोरोना संकट के मद्देनजर मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए सत्र का एक दिवसीय होना तय है। गौरतलब है कि गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में सत्र को लेकर चर्चा की गई थी। अन्य राज्यों के सत्रों का हवाला देते हुए यहां भी सत्र एक दिनी रखने पर जोर दिया गया था। इस संबंध में फैसला लेने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया। सूत्रों ने बताया कि विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सत्र की अवधि एक दिन करने और संसद के मानसून सत्र की भांति यहां भी प्रश्नकाल स्थगित रखने के संबंध में निर्णय लिया जा सकता है। उत्तराखंड में आगामी 23 सितम्बर से आहूत मानसून सत्र से पूर्व भाजपा और कांग्रेस के विधायकों द्वारा अपना कोरोना टेस्ट कराने का सिलसिला शुरू हो गया है। विधानसभा अध्यक्ष के मुताबिक सदन में 72 घंटे पहले की कोरोना की नेगेटिव जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही प्रवेश दिया जायेगा। हांलाकि कई ऐसे भी नेता है जो स्वास्थ्य विभाग की गाईडलाईन के मुताबिक बुखार, जुखाम आदि लक्षण होने पर अपने स्वास्थ्य की जांच के साथ ही कोरोना की जांच रिपोर्ट भी हासिल करना चाहते है। ऐसे में माना जा रहा है कि प्रदेश के तमाम विधायक भी सदन में अपनी मौजूदगी दर्ज करने के लिये सक्रिय हो गये है।