उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा संभालेंगे मोर्चा,प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह आईसोलेट
देहरादून(उद ब्यूरोद्)। विधानसभा सत्र में अब कांग्रेस की ओर से उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा मोर्चा संभालेंगे। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश कोरोना संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कोरोना प्रोटोकाॅल के चलते स्वयं को आइसोलेट किया है। वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अगले एक हफ्ते के अपने कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं। आगामी बुधवार से प्रारंभ हो रहे विधानसभा सत्र में इस बार नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश उपस्थित नहीं रहेंगी। कोरोना संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती इंदिरा हृदयेश का उपचार चल रहा है। बीते दिनों कुमाऊं दौरे के दौरान हल्द्वानी में उनके साथ रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व विधायक प्रीतम सिंह ने भी खुद को आइसोलेट कर लिया है। पार्टी गतिविधियों से भी उन्होंने सावधानी बरतते हुए दूरी बना ली है। सोमवार को वह कोरोना की जांच कराएंगे। इंदिरा हृदयेश व प्रीतम सिंह रविवार को विधानसभा में प्रस्तावित कार्यमंत्रणा समिति की बैठक और विधानमंडल दलों की बैठक में शामिल नहीं होंगे। उनकी जगह अब विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा शामिल होंगे। कांग्रेस के लिए चिंता की बात ये है कि पार्टी के अन्य विधायक हरीश धामी भी कोरोना संक्रमित होने की वजह से अस्पताल में भर्ती हैं। धामी पार्टी के तेजतर्रार विधायकों में शुमार हैं। पार्टी के कुल 11 विधायक हैं। उम्रदराज विधायकों को विधानसभा की ओर से सत्र में आॅनलाइन शिरकत करने की सलाह दी गई है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मौजूदा परिस्थितियों में अपने अगले हफ्ते के कार्यक्रम स्थगित करने की घोषणा कर दी। 22 सितंबर को प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के उत्तराखंड दौरे का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है। साथ ही 23 सितंबर को विधानसभा के समक्ष प्रस्तावित धरना भी रद किया गया है। इसमें देवेंद्र यादव को भी शामिल होना था। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने )षिकेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष शिव मोहन मिश्रा के उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए एक हफ्ते तक पार्टी के सभी सार्वजनिक कार्यक्रम स्थगित किए हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव से भी बातचीत की। इसके बाद पार्टी कार्यक्रम स्थगित करने का निर्णय लिया गया। एक सप्ताह बाद के पार्टी के कार्यक्रमों के बारे में शीघ्र सूचित किया जाएगा। 2022 में विधानसभा चुनाव की ओर बढ़ रहे सत्तारूढ़ दल भाजपा और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस में सियासी घेराबंदी शुरू कर दी है। कांग्रेस ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखा है। कोरोना के चलते लागू महामारी अधिनियम के तहत मुकदमें दर्ज होने के बावजूद कांग्रेस ने आक्रामक रुख जारी रखने के संकेत दे दिए हैं। वहीं कांग्रेस ने वर्चुअल या आॅनलाइन तरीके से विधानसभा सत्र संचालित करने का भी तीखा विरोध शुरू कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डाॅ इंदिरा हृदयेश, विधायक और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन का कहना है कि वर्चुअल आयोजन के नाम पर विधानसभा सत्र की खानापूर्ति नहीं की जानी चाहिए। विपक्षी पार्टी अब किसी भी मुद्दे पर सरकार को ढील देने के पक्ष में नहीं है। कोरोना महामारी से जंग के बीच अब राज्य की त्रिवेंद्र सरकार को घेरने के लिये कोरोना संक्रमण से नागरिकों की सुरक्षा, अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ ही कोविड सेंटरों के हालात के साथ ही बढ़ती बेरोजगार, ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें तरकश में भरकर कांग्रेस सरकार पर हमला करने की रणनीति तैयार कर चुकी है। एक भाजपा विधायक पर यौन उत्पीडन का आरोप भी सरकार के लिये मुशीबत बन सकता है। इसके साथ ही स्थानीय स्तर के मुद्दों की फेहरिस्त भी पार्टी ने तैयार की है। इनके बूते विधानसभा क्षेत्रवार सत्तापक्ष पर हमले की योजना तैयार की गई है। यही वजह है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि पार्टी ऊधमसिंहनगर जिले के बाजपुर क्षेत्र के निवासियों को भूमिधरी अधिकार दिलाने के मुद्दे को भी विधानसभा में उठाएगी। बहरहाल कांग्रेस के दिग्गजों ने विधानसभा सत्र से पहले ही राज्य के भीतर सियासी माहौल गरमाना शुरू कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जहां बेरोजगारी और विकास कार्यों समेत किसानों और खेती के लिए लाए गए मोदी सरकार के विधेयकों के खिलाफ मौन व्रत कर चुके हैं। वहीं, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय कोरोना संकटकाल में राज्य के नागरिकों के बिजली और पानी के बिलों को माफ करने को लेकर आंदोलनरत हैं। कांग्रेस की बढ़ती सक्रियता से भाजपा की मुश्किले बढ़ सकती है।