गन्ना अनुसंधान केन्द्र में तैनात सुरक्षाकर्मी की संदिग्ध मौत
रात्रि ड्यूटी पर तैनात था सुरक्षा कर्मी, अनुसंधान केंद्र परिसर में मिला शव
काशीपुर। गन्ना अनुसंधान केन्द्र में तैनात सुरक्षाकर्मी की बेहद संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी। वह नाईट ड्यूटी पर था। आज सुबह उसकी लाश अनुसंधान केन्द्र परिसर में पड़ी पायी गयी। पुलिस को जैसे ही इसकी सूचना मिली उसने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेते हुए जरूरी पड़ताल के पास उसे पीएम हाउस भेजा। जहां से अन्तय परीक्षण के उपरांत शव परिजनों के हवाले कर दिया गया। इस मामले में मृतक परिजनों द्वारा सिक्योरिटी के दो अफसरों पर गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर सौंप दी है। जानकारी के मुताबिक कुण्डेश्वरी निवासी राजेश कुमार ;26द्ध पुत्र रमेश चन्द्र पिछले लगभग 8 वर्षाे से सिक्योरिटी में नौकरी किया करता था। वह लगभग तीन वर्ष से बाजपुर रोड स्थित गन्ना अनुसंधान केन्द्र में पदस्थ था। बताते हैं कि रविवार की रात 8-15 बजे घर से ड्यूटी के लिए निकला था। आज तड़के उसका शव अनुसंधान केन्द्र परिसर में रास्ते पर पड़ा मिला। मृतक के छोटे भाई मनोज ने बताया कि उसके बड़े भाई राजेश के शरीर पर चोट के निशान मिले हैं। इसके अलावा उसने घटना स्थल के आसपास उल्टियां की है। मृतक के छोटे भाई ने बताया कि इसी संस्थान में तैनात एसआईएस सिक्योरिटी के दो अधिकारियों ने मिलकर उसके भाई का बुरी तरह मौत के घाट उतार दिया। बताया गया कि 15 दिन पूर्व भी उसके भाई के साथ दोनों ने गाली-गलौच करते हुए जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया था। मृतक ने इस बात की शिकायत शिवलालपुर ड्ल्लू के क्षेत्र पंचायत सदस्य धर्मपाल सिंह गब्बर से की थी। मृतक के भाई मनोज ने बताया कि मामले की नामजद तहरीर पुलिस को सौंप दी गयी है। मृतक एक बहन दो भाई है। अचानक घटी घटना को लेकर मृतक परिवार में कोहराम मचा है।
भीम आर्मी ने दी आंदोलन की चेतावनी
काशीपुर। सुरक्षाकर्मी की बेहद संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद गन्ना अनुसंधान केंद्र में तैनात सभी सुरक्षाकर्मी वहां से फरार बताए जा रहे हैं। भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष अजय गौतम ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि एसआईएस के दोनों सुरक्षा अधिकारी यदि जल्द ही गिरफ्तार नहीं किये गये तो भीम आर्मी सैकड़ों समर्थकों के साथ सड़कों पर उतरने को बाध्य होगी। इसी तरह ग्राम हिम्मतपुर निवासी किशन सिंह नामक एक व्यक्ति ने बताया कि लगभग पांच माह पूर्व उत्पीड़न का विरोध करने पर उसे भी गन्ना अनुसंधान केन्द्र से निकाला गया। उसने बताया कि दूबे व एक अन्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा सुरक्षा कर्मियों का उत्पीड़न किया जाना व उन्हें जातिसूचक शब्दों से बुलाया जाना आदत में सुमार है। बताया कि जब इसका विरोध किया जाता है तो बदले में गाली व झगड़े की नौबत पैदा होती है।