कोरोना संक्रमित कनिष्ठ सहायक की मौत

उपचार में लापरवाही से नाराज स्वास्थ्य कर्मियों ने किया कार्य बहिष्कार

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गदरपुर । सामुदायिक स्वास्थ्य स्वास्थ्य केंद्र गदरपुर में  कनिष्ठ सहायक के पद पर कार्यरत 45 वर्षीय व्यक्ति की कोरोना संक्रमित होने के दौरान हल्द्वानी के सुशीला तिवारी में मौत हो गई। कोरोना संक्रमित कनिष्ठ सहायक के उपचार में सुशीला तिवारी अस्पताल प्रबंधन द्वारा दिखाई गई लापरवाही और समय से एनओसी न दिए जाने से नाराज स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा कार्य बहिष्कार का ऐलान कर दिया जिसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गदरपुर सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गूलरभोज, सकैनिया, मोहनपुर के अलावा दिनेशपुर में भी स्वास्थ्य कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार पर ाने से  स्वास्थ्य व्यवस्था कर बुरी तरह से चरमरा कर रह गई। कनिष्ठ सहायक की मौत से नाराज परिजनों एवं स्वास्थ्य कर्मियों की सरकार से मांग है कि कनिष्ठ सहायक के आश्रितों को 51 लाख रुपये की आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जाए। साथ ही वैश्विक महामारी की रोकथाम में लगे स्वास्थ्य कर्मियों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए। बता दें कि बीते 28 अगस्त को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गदरपुर में तैनात एक फार्मासिस्ट एवं कनिष्ठ सहायक को कोरोना संक्रमित पाए जाने पर उपचार के लिए अस्पताल में दाखिल किया गया था। सूत्रों के मुताबिक जिला मुख्यालय में परिवार के साथ रह रहे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गदरपुर में तैनात कनिष्ठ सहायक को कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद उपचार के लिए सुशीला तिवारी अस्पताल में दाखिल किया गया था जहां उसके उपचार में चिकित्सकों द्वारा भारी लापरवाही बरती गई है जिसमें मरीज को ना तो समय पर वेंटिलेटर की सुविधा दी गई और ना ही परिजनों द्वारा उपचार के लिए बरेली के राममूर्ति अस्पताल ले जाने के अनुरोध पर एनओसी लाए जाने पर ही डिस्चार्ज किए जाने की बात प्रकाश में आ रही है। कोरोना संक्रमित कनिष्ठ सहायक की समुचित उपचार के अभाव और लापरवाही के चलते हुई मौत ने सुशीला तिवारी अस्पताल की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। पूरे मामले में सुशीला तिवारी अस्पताल प्रबंधन की घोर लापरवाही सामने आ रही है क्योंकि कनिष्ठ सहायक के परिजनों द्वारा उनको बेहतर उपचार के लिए बरेली के राममूर्ति अस्पताल में ले जाने के लिए अनुरोध किया गया था लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा बिना एनओसी के अस्पताल से डिस्चार्ज न किए जाने की बात कही गई थी, इसको लेकर कनिष्ठ सहायक के परिजनों की अस्पताल के एक चिकित्सक से हुई वार्ता का आॅडियो भी वायरल हो गया है जिसमें उनके द्वारा कवि मरीज की हालत में सुधार होने की बात कही जा रही है तो कभी मरीज द्वारा उपचार में सहयोग न किए जाने की बात कही जा रही है। कनिष्ठ सहायक की मौत से व्यथित स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर दिया जिसकी जानकारी प्रशासन को ही तो उस में हड़कंप मच गया। सूचना मिलने पर पालिका अध्यक्ष गुलाम गोस भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों की समस्याओं को सुना और इसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ डीएस पंचपाल को दी और उन्हें स्वास्थ्य केंद्र आकर स्वास्थ्य कर्मियों की पीड़ा को सुनने के लिए कहा गया। दोपहर करीब 1 बजे मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ डीएस पंचपाल, सहायक उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ उदय शंकर और मुख्य प्रशासनिक अधिकारी  एसएस डंगवाल के साथ-साथ केंद्र पहुंचे और उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों की समस्याओं को सुना जिसमें उन्होंने नियमित रूप से कार्य किए जाने के बावजूद आराम ना मिलना, स्टाफ की कमी सहित कोरोना संक्रमण के दौरान कार्य करते हुए समुचित सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराए जाने की मांग की। समाचार लिखे जाने तक वार्ता जारी थी।  इस दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डाॅ संजीव सरना,  डाॅक्टर अंजनी कुमार, डाॅ उपेंद्र रावत, एएनएम शशि कला, हीरा राठौर,  किरणदीप,  किरण जोशी, लैब टेक्नीशियन कविंद्र कुमार, प्रभाकर सिंह, राहुल श्रीवास्तव, रिजवान खान, राजू वाल्मीकि सहित तमाम स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।

स्वास्थ्य केंद्र में कर्मचारियों का टोटा

गदरपुर। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गदरपुर में तैनात आधा दर्जन से अधिक चिकित्सा कर्मियों को जिला मुख्यालय में स्थापित किए गए आनंदा डीसीसीसी से संब( किए जाने से स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सा कर्मियों की कमी के बावजूद  प्रतिदिन 50 से 100 मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल टीम द्वारा भी नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र में जाकर कोरोना के टेस्ट किए जा रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गदरपुर में तैनात डाॅ प्रशांत चैहान, डाॅक्टर विकास सचान,  डाॅ रिजवान मलिक, महिला चिकित्सक डाॅक्टर कल्पना पांडे, फार्मासिस्ट केएन जोशी, अतीश कालड़ा, खड़क सिंह खत्री, स्टाफ नर्स सोनिया वैद्य व विमला रानी को आनंदा डीसीसीसी में ड्यूटी करने के लिए नामित किया गया है। वहीं, स्वास्थ्य केंद्र के वरिष्ठ चिकित्सक डाॅ अंजनी कुमार को आनंदा डीसीसीसी का प्रभारी बनाया गया है। ऐसे में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण एवं अन्य स्वास्थ्य गतिविधियां कैसे संचालित होंगी अपने आप में यक्ष प्रश्न बनकर रह गया है।

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